India’s cough syrup in world headlines
सत्य खबर, नई दिल्ली
भारत की कफ सिरप चर्चा में है और चर्चा में आने की वजह है गांबिया में हुई 66 लोगों की मौत. दरअसल, गांबिया में जिन लोगों की मौत हुई है, उनका कनेक्शन कफ सिरप से बताया जा रहा है. खास बात ये है कि ये कफ सिरप भारत की बताई जा रही है और अब इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अलर्ट जारी किया है. साथ ही कफ सिरप को लेकर जांच की जाएगी. ऐसे में सवाल है कि आखिर इन कफ सिरप में ऐसा क्या था कि जिस वजह से लोगों की मौत हो गई.India’s cough syrup in world headlines
तो जानते हैं कफ सिरप में क्या मिला था और अभी इस भारतीय कफ सिरप को लेकर क्या जानकारी सामने आई है. साथ ही जानते हैं कि पहले भी इस केस तरह के केस सामने, जब क्या बात निकलकर सामने आई थी.
क्या है गांबिया का केस?
डब्ल्यूएचओ ने भारत में मेडेन फार्मास्यूटिकल्स की ओर से बनाए गए कफ और कोल्ड सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया है. दरअसल, चार सिरप के सैंपल की जांच की गई थी, उनमें भारत के मेडेन फार्मास्यूटिकल लिमिटेड द्वारा बनाई जा रही कफ और कोल्ड सिरप शामिल हैं. बता दें पिछले महीने यानी सितंबर में गाम्बिया में 60 बच्चों की मौत हुई थी. बताया जा रहा है कि इन बच्चों ने कोई कफ सिरप पीया था जिसकी वजह से इन बच्चों के गुर्दों में समस्या सामने आई. इसके बाद सरकार अब इन मौतों के पीछे कारणों की जांच कर रही है.
कफ सिरप में क्या मिला था?
डब्ल्यूएचओ की ओर से दी गई रिपोर्ट में सामने आया कि मेडेन फार्मास्यूटिकल्स के कफ और कोल्ड सिरप में जरूरत से ज्यादा डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा पाई गई है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. बताया जा रहा है कि ये सिरप ही गांबिया में बच्चों ने पी थी.India’s cough syrup in world headlines
क्या होता है इन प्रोडक्ट का असर?
अब बात करते हैं उन पदार्थों की जो कफ सिरप में अधिकता में पाए गए हैं. डायथिलीन ग्लाइकोल (डीईजी) एक तरह का कैमिकल है, जो कई दवाइयों के साथ अन्य प्रोडक्ट में भी इस्तेमाल किया जाता है. इसकी अधिकता और इसकी मात्रा में संयमित डोज ना होने से यह जहर का काम करता है. इससे इम्यून सिस्टम से लेकर किडनी पर काफी असर पड़ता है. इससे पॉइंजनिंग का खतरा सबसे ज्यादा रहता है और इसके सेवन से पेट दर्द, उल्टी, दस्त, सिरदर्द, बदली हुई मानसिक स्थिति जैसी दिक्कत हो सकती है. इसका सबसे ज्यादा असर किडनी पर पड़ता है और कई बार ये मौत की वजह भी बनता है. एक व्यस्क व्यक्ति को 1 एमएल/किलोग्राम शुद्ध डीईजी से ज्यादा मात्रा नहीं देनी चाहिए.
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एथलीन ग्लाइकोल की गिनती भी विषैले पदार्थों में की जाती है. यह गाड़ियों में एंटीफ्रीज के रुप में भी इस्तेमाल किया जाता है. इसके सबसे ज्यादा इस्तेमाल फ्रीजिंग को लेकर किया जाता है. लेकिन, इसका ज्यादा मात्रा में सेवन मौत का कारण हो सकता है. यह एथिलीन ऑक्साइड से प्राप्त होता है, जो एथिलीन से आता है.India’s cough syrup in world headlines
पहली बार चर्चा में नहीं है कफ सिरप?
पिछले साल दिल्ली में खांसी की सिरप की वजह से 16 बच्चे बीमार हो गए, वहीं 3 बच्चों की मौत हो गई. जांच रिपोर्ट में पता चला है कि डिस्ट्रोमेथोर्फन कफ सिरप के साइड इफेक्ट की वजह से बच्चों की जान गई है. इससे पहले एक बार जम्मू के ऊधमपुर में एक कफ सिरप को पीने के बाद नौ बच्चों की मौत हो गई. रिपोर्ट में पता चला कि जम्मू में तो कफ सिरप में मौजूद जहरीले कंपाउंड की वजह से बच्चों की मौत हुई थी.
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