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इंदौर : जेंडर बदल युवक ने रचाई शादी, बहन की सहेली को बनाया हमसफर

सत्य खबर/इंदौर:

देश में पहली बार ऐसा मामला सामने आया है जिसमें पुरुष से महिला बने शख्स ने एक लड़की से शादी की है. ये मामला मध्य प्रदेश के इंदौर का है. अक्टूबर महीने में सुप्रीम कोर्ट द्वारा देश में ट्रांसजेंडर शादी को कानूनी मान्यता दी गई थी. इसके बाद गुरुवार को इंदौर में महिला बने युवक ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत लड़की से कोर्ट में शादी कर ली. यह शादी अलका से अस्तित्व बने युवक और लड़की आस्था ने कराई है।

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दोनों परिवारों के 25 लोग शामिल हुए-
आपको बता दें कि ये शादी कोर्ट मैरिज के तहत हुई थी. कोर्ट मैरिज में दोनों परिवारों के 25 लोग शामिल हुए। पिछले साल अपने 47वें जन्मदिन पर अलका ने सर्जरी कराकर अपना लिंग महिला से पुरुष में बदलवाया था। इतना ही नहीं इसके बाद उन्होंने अपना नाम भी बदलकर अस्तित्व रख लिया।

शादीशुदा बहन की सहेली
अस्तित्व का विश्वास से विवाह हुआ है। आस्था उसकी बहन की दोस्त है. आस्था को शुरू से ही इस बदलाव का एहसास था। उन्हें अलका के अस्तित्व में आने की पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया गया. इस मामले में आस्था ने कहा कि काफी सोच-विचार के बाद हमने शादी करने का फैसला किया. इस शादी से दोनों परिवारों को कोई दिक्कत नहीं थी. इसके बाद दोनों ने अपर कलेक्टर रोशन राय को अपनी स्थिति बताई और शादी के लिए आवेदन दिया.

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विशेष विवाह अधिनियम क्या है?
आइए यहां जानते हैं कि विशेष विवाह अधिनियम क्या है? विशेष विवाह अधिनियम सभी धर्मों पर लागू होता है। इस कानून के तहत शादी का पंजीकरण कराने के लिए धर्म बदलने की जरूरत नहीं है, चाहे वह हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध या कोई अन्य धर्म हो। इस कानून के माध्यम से भारत के प्रत्येक नागरिक को अपनी इच्छानुसार किसी भी धर्म या जाति में विवाह करने का संवैधानिक अधिकार दिया गया है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ट्रांसजेंडर विवाह का मामला विषमलैंगिक संबंधों की प्रकृति का है और इसे भी कानूनी मान्यता दी जानी चाहिए।

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