january 1st hindu calendar
सत्य खबर, नई दिल्ली ।
⛅दिनांक – 01 जनवरी 2023
⛅दिन – रविवार
⛅विक्रम संवत् – 2079
⛅शक संवत् – 1944
⛅अयन – दक्षिणायन
⛅ऋतु – शिशिर
⛅मास – पौष
⛅पक्ष – शुक्ल
⛅तिथि – दशमी शाम 07:11 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅नक्षत्र – अश्विनी दोपहर 12:48 तक तत्पश्चात भरणी
⛅योग – शिव सुबह 07:25 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅राहु काल – शाम 04:45 से 06:06 तक
⛅सूर्योदय – 07:21
⛅सूर्यास्त – 06:06
⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:35 से 06:28 तक
⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:17 से 01:10 तक
⛅व्रत पर्व विवरण – ख्रिस्ती नूतन वर्ष, साम्ब दशमी (ओड़िशा)
⛅विशेष – दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
दशमी के दिन शाम को चावल खाना निषेध । (एकादशी माहात्म्य)
🌹 पुत्रदा एकादशी – 02 जनवरी 2023 🌹
🔸 एकादशी 01 जनवरी शाम 07:12 से 02 जनवरी रात्रि 08:23 तक है । व्रत उपवास 02 जनवरी सोमवार को रखा जायेगा ।
🔸एकादशी व्रत के लाभ🔸
👉 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।
👉 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
👉 जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
👉 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
👉 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।
👉 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।january 1st hindu calendar
👉 परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है । पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ । भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।
🔸गाय पूजनीय क्यों ?🔸
🔹बृहत् पराशर स्मृति में आता है कि ‘गाय के सींग की जड़ में ब्रह्मा, सींग के मध्य में विष्णु एवं शरीर में सारे देवता विद्यमान हैं ।’
🔹ब्रह्मवैवर्त पुराण में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं : ‘गौओं के अंगों में समस्त देवता निवास करते हैं, उनके चरणों में समस्त तीर्थ और उनके गुह्य स्थानों (मल-मूत्र के स्थानों) में स्वयं लक्ष्मीजी निवास करती हैं । गौओं के खुर की धूल का जो मस्तक पर तिलक लगाता है वह तुरंत समस्त तीर्थों में स्नान करने का फल पाता है और पग-पग पर उसकी जय होती है ।
🔹तीर्थस्थानों में जाकर स्नान-दान करने, ब्राह्मण-भोजन कराने, समस्त व्रत-उपवास, समस्त तप, महादान, श्रीहरि की आराधना करने, सम्पूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा, सम्पूर्ण वेदवाक्यों के स्वाध्याय तथा समस्त यज्ञों की दीक्षा ग्रहण करने पर मनुष्य जिस पुण्य को पाता है, वही पुण्य केवल गायों को हरी घास खिलानेमात्र से पा लेता है ।’ महाभारत के दानधर्म पर्व में आता है कि ‘गौएँ सम्पूर्ण प्राणियों की माता कहलाती हैं अतः उनकी सदैव पूजा करनी चाहिए ।’january 1st hindu calendar
🔹 रविवार विशेष🔹
🔹 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
🔹 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
🔹 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
🔹 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।
🔹 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।
🔹 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।
🔹 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।
🔹 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।january 1st hindu calendar
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