Justice Shekhar Kumar News: कपिल सिब्बल का बड़ा बयान, इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर यादव पर कार्रवाई की मांग
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Justice Shekhar Kumar News: कपिल सिब्बल, देश के मशहूर वकील और राज्यसभा सांसद, ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। सिब्बल ने राज्यसभा सचिवालय को एक नोटिस भेजा है, जिसमें शेखर यादव के खिलाफ महाभियोग की मांग की गई है। यह कदम शेखर यादव के 9 दिसंबर को हाई कोर्ट परिसर में दिए गए विवादित बयान के बाद उठाया गया।
शेखर यादव के विवादित बयान पर महाभियोग की मांग
9 दिसंबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट में शेखर यादव ने एक विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था, “जब एक न्यायाधीश नियुक्त होता है, तो वह संविधान की रक्षा करने की शपथ लेता है। अगर एक न्यायाधीश उस शपथ के बाद संविधान पर हमला करता है, तो हम मानते हैं कि उस न्यायाधीश को उस पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है और उसे हटा दिया जाना चाहिए। इस संबंध में हम न्यायाधीश को हटाने का प्रस्ताव पेश कर रहे हैं।”
इस बयान के बाद कपिल सिब्बल ने न केवल इस बयान की कड़ी आलोचना की, बल्कि उन्होंने इस पर एक बड़ा कदम उठाते हुए महाभियोग की मांग की। सिब्बल ने कहा, “यह बयान बेहद गंभीर है और हम इसे बिल्कुल भी सहन नहीं कर सकते। अगर एक न्यायाधीश संविधान के खिलाफ बयान देता है, तो वह न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला करता है।”
प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह से समर्थन की अपील
कपिल सिब्बल ने कहा, “जो कुछ शेखर यादव ने कहा, मुझे लगता है कि ऐसा कोई भी राजनेता कभी नहीं कहेगा। यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह संविधान की रक्षा और न्यायपालिका की स्वतंत्रता का मामला है। हम प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और सत्ताधारी पार्टी के नेताओं से अपील करते हैं कि वे संविधान की रक्षा में हमारा समर्थन करें।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर वे हमारे साथ नहीं आते, तो देश को यह जानना चाहिए कि वे किस पक्ष में हैं और हम किस पक्ष में हैं। क्योंकि इसमें कोई राजनीति नहीं है। हमारे देश में कोई भी नहीं चाहता कि उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एकतरफा बयान दें, जिससे संविधान का उल्लंघन हो।”
#WATCH | Delhi: Rajya Sabha MP Kapil Sibal says, "We have given a notice to the Rajya Sabha Secretary General to impeach Allahabad High Court judge, Justice Shekhar Kumar Yadav. He had given an inflammatory speech on December 9 at the High Court premises…We believe that the… pic.twitter.com/h5FDTLj3hX
— ANI (@ANI) December 13, 2024
शेखर यादव का बयान: ‘कथा मुल्ला’ शब्द पर विवाद
शेखर कुमार यादव ने 9 दिसंबर को अपने बयान में कहा था, “कथा मुल्ला शब्द गलत है, लेकिन इसे इस्तेमाल करने में कोई हर्ज नहीं है क्योंकि यह देश के लिए हानिकारक है। ये वे लोग हैं जो जनता को उकसाते हैं। ये वे लोग हैं जो सोचते हैं कि देश को आगे नहीं बढ़ना चाहिए। हमें उनके प्रति सतर्क रहना चाहिए।”
इस बयान ने विवाद खड़ा कर दिया क्योंकि शेखर यादव ने इस शब्द का इस्तेमाल करते हुए धार्मिक आधार पर एक वर्ग को निशाना बनाया था। उनके बयान को लेकर कई नेताओं और संगठन ने विरोध जताया और इसे संविधान और न्यायपालिका के लिए खतरे के रूप में देखा।
कपिल सिब्बल का बयान: संविधान की रक्षा में राजनीति नहीं होनी चाहिए
कपिल सिब्बल ने इस पूरे मुद्दे पर कहा कि यह राजनीति से परे एक मुद्दा है, जो सीधे तौर पर संविधान की रक्षा और न्यायपालिका की स्वतंत्रता से जुड़ा है। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल संविधान की रक्षा करना है और यह सुनिश्चित करना है कि न्यायाधीश अपने पद का सही उपयोग करें। अगर वे किसी समुदाय या किसी विचारधारा के खिलाफ बयानबाजी करते हैं, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक हो सकता है।”
55 सांसदों ने समर्थन किया, महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर
कपिल सिब्बल ने यह भी जानकारी दी कि इस महाभियोग प्रस्ताव पर 55 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इससे यह साबित होता है कि यह केवल कपिल सिब्बल का व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है, बल्कि पूरे विपक्ष और कई नेताओं का इस पर एकजुट रुख है। सिब्बल ने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि संविधान की रक्षा की जा सके और न्यायपालिका की स्वतंत्रता सुनिश्चित की जा सके।
शेखर यादव के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता
कपिल सिब्बल ने कहा, “हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दखल दे और शेखर यादव को पद से हटाने का आदेश दे। जब तक इस प्रस्ताव पर निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक शेखर यादव को किसी भी काम से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।” उनका यह बयान उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली पर सीधा सवाल उठाता है, और इस पर कानूनी विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं।
निष्कर्ष: शेखर यादव के बयान ने एक बड़ा विवाद खड़ा किया है
शेखर कुमार यादव का बयान भारतीय न्यायपालिका के लिए एक गंभीर मुद्दा बन गया है। कपिल सिब्बल और अन्य विपक्षी नेताओं ने इसे संविधान और न्यायपालिका की स्वतंत्रता के खिलाफ मानते हुए महाभियोग प्रस्ताव पेश किया है। अब यह देखना होगा कि इस विवाद पर सरकार और सुप्रीम कोर्ट क्या कदम उठाती है। क्या शेखर यादव के खिलाफ कार्रवाई होती है या फिर इसे एक राजनीतिक विवाद के रूप में ही खत्म कर दिया जाएगा, यह समय ही बताएगा।