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शुरू से ही अपनी मनमानी कर रहे कैथल चुनाव आयोग के अधिकारी : अनुराग ढांडा

चंडीगढ़

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने बुधवार को चंडीगढ़ में प्रेसवार्ता कर बैलेट पेपर चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हमारी तैयारी बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ने की थी, लेकिन ऐसा लग रहा है कि एक तरफ आम आदमी पार्टी व आम आदमी खड़ा है और दूसरी तरफ बीजेपी व चुनाव आयोग खड़ा है। इस चुनाव में कैथल चुनाव आयोग के अधिकारी शुरू से ही अपनी मनमानी कर रहे हैं। लगता है यहां के निर्वाचन अधिकारी को सरकार के बड़े मंत्रियों की सह प्राप्त है। इसलिए उन पर कार्रवाई भी नहीं होती। चुनावी कार्यक्रम की अनुमति मांगने पर जो गालियां लिखी गई थी, उससे पूरी दुनिया में भारत की चुनावी प्रक्रिया को ठेस पहुंची है। जिससे पूरे देश की छवि खराब हुई है। लेकिन उसके बावजूद भी चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कोई सबक नहीं लिया।

उन्होंने कहा कि 85 साल से ऊपर और विकलांगों व्यक्तियों के वोट डलवाने के लिए जो बैलेट प्रक्रिया शुरू की गई है। उस बैलेट प्रक्रिया में जबरदस्त तरीके से धांधली चल रही थी। जिसमें बैलेट बॉक्स पर सील नहीं लगाई गई थी। जब आम आदमी पार्टी के नेता मास्टर सतबीर गोयत ने जो खुद भी 25 साल तक इलेक्शन ड्यूटी कर चुके हैं। उन्होंने जब उसको इंगित किया कि इस प्रक्रिया में किस तरह की कमियां हैं। तो चुनाव आयोग ने उन कमियों को दुरुस्त करने की बजाए मास्टर सतबीर गोयत पर ही एफआईआर दर्ज कर दी। इसका मतलब चुनाव आयोग के अधिकारी ऐसा माहौल बना रहे हैं कि यदि वोटिंग वाले दिन कहीं पर गड़बड़ हो भी रही हो तो लोगों को ये मैसेज देना चाहते हैं कि चुप रहिए नहीं तो एफआईआर कर देंगे।

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उन्होंने कहा कि कैथल चुनाव आयोग कार्यालय की तरफ से जो एफआईआर करवाई गई है वो झूठ का पुलिंदा है। क्या कैथल चुनाव आयोग के अधिकारी मतदान के दिन कोई बड़ी गड़बड़ करने की साजिश रच रहे हैं। क्या उससे पहले सुनियोजित तरीके से डर पैदा करने की कोशिश की जा रही है। एफआईआर में कहा गया है कि मास्टर सतबीर गोयत ने वोट डालने का विरोध किया और सरकारी काम में बाधा डालने की कोशिश की। जबकि हमारे पास उस प्रक्रिया की पूरी वीडियो है जिसमें वोट डाला जा चुका है। उसके बाद इन्होंने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाया कि मतपेटी पर जो लॉक लगा हुआ है उस पर कोई सील नहीं है। जिसकी चाबी चुनाव अधिकारियों के पास है और जब चाहें खोल सकते हैं। इसका मतलब पूरी चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शिता पर सवाल है। उसको दुरुस्त करने की बजाय चुनाव आयोग के अधिकारी ने अपनी सफाई में कहा कि हमारे पास सील लगाने के कोई निर्देश नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस बूथ के अलावा भी बहुत सारे बूथों पर वोटिंग हुई थी। जहां बैलेट बॉक्स पर सील लगी थी। यदि सील लगाने के निर्देश नहीं थे तो क्या वो अधिकारी निर्देशों का पालन नहीं कर रहे थे। हमने पूरे कैथल का रिकॉर्ड खंगाल कर देख लिया सुनियोजित तरीके से कुछ जगह पर बैलेट बॉक्स पर सील नहीं लगी हुई थी। इसका मतलब ये बैलेट पेपर में गड़बड़ करने की एक सुनियोजित साजिश थी।

उन्होंने कहा मैं चुनाव आयोग के अधिकारियों से पूछना चाहता हूं कि उनके पास जो निर्देश आए थे कुछ जगह सील लगी है और कुछ जगह सील नहीं लगी उनके मुताबिक कौन से निर्देश सही है। सीईओ को भी इसके बारे में जवाब देना चाहिए। हमारी मांग है कि निर्देशों का सभी जगह पर एक जैसा पालन होना चाहिए। लेकिन जिस सतबीर गोयत के खिलाफ कार्रवाई हुई है उसके खिलाफ बिल्कुल भी कार्रवाई नहीं बनती। क्योंकि उन्होंने प्रक्रिया में खामियां बताई हैं। हमारे पास एक वीडियो ऐसी भी है जिसमें अधिकारी सील लगा रहे हैं। इसका मतलब सील तो लगती है और लगनी भी चाहिए। जिस अधिकारी ने सील नहीं लगाई थी उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। कैथल चुनाव आयोग के अधिकारी किसके इशारे पर काम कर रहे हैं और शुरू से कर रहे हैं। ये इतेफाक नहीं हो सकता कि जहां पर गालियां लिखी गई थी अब एफआईआर भी वहीं दर्ज कराई गई है।

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उन्होंने कहा कि क्या चुनाव आयोग के अधिकारी बीजेपी सरकार के मंत्रियों और मुख्यमंत्री के दबाव में काम कर रहे हैं। चुनाव आयोग ये भी स्पष्ट करे कि यदि 25 मई को चुनाव के दिन कोई गलत काम हो रहा हो तो ऑब्जेक्शन करना है या नहीं। कहीं ऐसा तो नहीं कि हम उस पर आपत्ति करें और चुनाव आयोग हमारे सभी एजेंट पर एफआईआर दर्ज करा दे। इसका जवाब चुनाव आयोग को देना चाहिए क्योंकि निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ये तय करे कि अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करनी है या एक गलत मैसेज लोगों में देना है कि गलत तरीके से मतदान कराने, चुनाव प्रक्रिया का पालन नहीं करने और जो गोपनीयता को भंग करने के दोषी हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई न करके जो मुखबिर है चुनाव आयोग उसके खिलाफ कार्रवाई करता है और भय का माहौल पैदा करना चाहते हैं जिसको लेकर लोगों के मन में शंका है जिसका निवारण करना चुनाव आयोग के हाथ में है। यदि नहीं करेंगे तो हम इस लड़ाई को अंतिम समय तक लड़ते रहेंगे। हम अपने मुंह पर टेप लगाकर और बेड़ियां पहनकर प्रदर्शन करेंगे। क्योंकि चुनाव आयोग हमारे हाथ पैर मुंह बांधने का काम कर रहा है। चुनाव आयोग से मेरी गुजारिश है कि चुनाव की स्वतंत्रता और गोपनीयता को बनाए रखने के लिए दोषियों पर उचित कार्रवाई करे और जिन बैलेट बॉक्स पर सील नहीं लगी उसको रद्द करके दोबारा वोट डलवाए जाएं।

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