सत्य खबर, चंडीगढ़ ।
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सावन का पावन महीना भोलेनाथ की अराधना के लिए बेहद ही खास माना गया है और इस माह पूरे विधि-विधान से उनका पूजन किया जाता है. सावन के महीने में कांवड़ लाने की भी परंपरा है और इस दौरान लोग हरिद्वार से पदयात्रा के जरिए कांवड़ लेकर आते हैं. फिर सावन माह की शिवरात्रि के दिन कांवड़ में लाए गए गंगाजल से शिवलिंग से जलाभिषेक किया जाता है.
कांवड़ लाने के कुछ नियम होते हैं जिनका पालन करना अनिवार्य माना गया है. आइए जानते हैं कांवड़िए के साथ उनके परिवारजनों को कौनसे नियमों का पालन करना चाहिए.
यदि घर से कोई कांवड़ लेने गया है तो उस घर के किसी सदस्य को तामसिक भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए. तामसिक भोजन में प्याज, लहसुन और मांसाहारी भोजन शामिल होता है. इस नियम का विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इसे अनदेखा करने से भोलेनाथ की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है.
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वैसे तो सावन के महीने में मदिरा का सेवन करना वर्जिता होता है लेकिन जिस घर से कोई कांवड़ लेने जाता है वहां किसी को गलती से भी शराब का सेवन नहीं करना चाहिए. ध्यान रखें कि घर से यदि कोई कांवड़ लेने गया है तो उस घर में गर्म तवे पर रोटी नहीं डालनी चाहिए.
जिस घर का कोई पुरुष कांवड़ लेने जाता है तो उसकी मां, पत्नी या बहन को रोजाना शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग को जल चढ़ाना चाहिए. कांवड़ लाने के बाद उस कांवड़ को घर के नजदीक किसी मंदिर में रखा जाता है और फिर शिवरात्रि वाले दिन उस जल से भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं
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