Know about that Bahubali whose cleverness also surprised Dawood Ibrahim
सत्य खबर , नई दिल्ली
माफिया बृजेश सिंह को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद गुरुवार को बारह साल बाद जेल से रिहा किया गया। देर शाम जमानत के कागजात पहुंचने के बाद माफिया व पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह जेल से बाहर आए। घर पहुंचने पर उनके समर्थकों का हुजूम उमड़ा। बृजेश सिंह माफिया मुख्तार अंसारी पर जानलेवा हमले और हत्या के षडयंत्र के आरोप में सेंट्रल जेल में थे।
Also read-
हिंदू मुस्लिम के नाम पर देश में माहौल खराब करने की हो रही कोशिश : गोपाल राय
Also read-
सांसद सिमरनजीत सिंह मान के शहीद भगत सिंह को आतंकवादी कहने वाले बयान हरियाणा में कोहराम
गाजीपुर मुहम्मदाबाद के उसरी चट्टी में 15 जुलाई 2001 को गैंगवार हुई थी। आरोपी बृजेश सिंह इसी मामले में 2009 से ही जेल में बंद थे। घटना में मुख्तार अंसारी ने मुकदमा दर्ज कराया था कि यह हमला बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह ने करवाया था। कई मामलों में अदालत ने बृजेश सिंह को पहले ही बरी कर दिया था। उसरी चट्टी गैंगवार में जेल में बंद बृजेश सिंह को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहा कर दिया गया।
90 के दशक में बृजेश सिंह और मुख्तार अंसारी ने एक दूसरे को खुली चुनौती देनी शुरू की थी। कहा जाता है कि मुख्तार अंसारी अपने गुर्गों के जरिए अपने दुश्मन को गोलियों से छलनी करवा देते थे तो बृजेश सिंह अंडरग्राउंड रहकर मुख्तार को चुनौती देते। इसी दुश्मनी में आए दिन पूर्वांचल रक्तांचल बनता। माफिया बृजेश भेष बदलने में माहिर रहा है।
90 के दशक में मुख्तार गिरोह में मुन्ना बजरंगी शूटर शामिल हुआ। 2005 में मुन्ना बजरंगी ने मुख्तार गिरोह के शूटरों के साथ तत्कालीन विधायक कृणानंद राय की हत्या की। इस हत्याकांड में सात लोग मारे गए थे। इसी के समांतर मुख्तार और बृजेश के बीच अदावत और गैंगवार का सिलसिला जारी रहता है।
बताया जाता है कि बृजेश सिंह पढ़ने में अच्छा था। बृजेश सिंह के पिता रवींद्र सिंह की 27 अगस्त 1984 को हत्या कर दी गई। इस हत्या में गांव के हरिहर सिंह और पांचू सिंह और उनके साथियों का नाम आया। इसके बाद बृजेश बदला लेने की आग में झुलसने लगा। करीब एक साल बाद उसके पिता के हत्यारे दिनदहाड़े मारे गए जिनकी हत्या का आरोप उस पर लगा। यह बृजेश पर पहला अपराधिक मामला था और वह फरार हो गया। 1986 में बृजेश को साथियों के साथ वाराणसी के सिकरौरा गांव में पिता की हत्या में शामिल अन्य पांच लोगों की हत्या में नामजद किया गया। पुलिस ने गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया।
जेल में बृजेश की मुलाकात त्रिभुवन सिंह से हुई और आगे का सफरनामा दबंगई, माफियागिरी की तरफ बढ़ चला। कहा जाता है कि बृजेश ने फिर फरारी के दौरान मुंबई का रुख किया। मुंबई में कुख्यात डॉन दाऊद इब्राहिम के संपर्क में आया।
बृजेश ने दाऊद के जीजा की हत्या का बदला लेने के लिए डॉक्टर के भेष में मुंबई के जेजे अस्पताल में साथियों के साथ एंट्री ली। वहां पुलिस मौजूद थी और पुलिस की मौजूदगी में गवली गिरोह के चार लोगों को गोलियों से भून दिया गया। उसकी चालाकी और फुर्ती से भरी यह वारदात दाऊद को भी दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर कर गई।
मुख्तार के जानी दुश्मन बृजेश सिंह को राजनीति में भविष्य सुरक्षित नजर आया। पहले उनके भाई उदयभान सिंह, भतीजे सुशील सिंह, बृजेश की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह और अंत में बाहुबली ने खुद भी उत्तर प्रदेश विधान परिषद में जगह ले ली।
Aluminium recycling standards Aluminium recycling yield enhancement Metal waste recycling company
Metal waste repackaging Ferrous material scrap appraisal Iron salvage and reclamation
Ferrous scrapyard, Iron waste processing center, Metal waste refining