जानिए क्या होता है होली से पहले होलाष्टक, इसमें क्या करें क्या ना करें
Know what happens on Holashtak before Holi
सत्य खबर, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में होली का पर्व होलिका दहन से आठ दिन पहले शुरू हो जाता है. जिस दिन होली का पर्व शुरू होता है उस दिन से यानि फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक की 8 दिन की अवधि शुरू हो जाती है. इस बार होलाष्टक 17 मार्च दिन रविवार से शुरू हो गए हैं और होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा, यानि होलिका दहन होने के साथ ही होलाष्टक अवधि भी खत्म हो जाती है. ऐसी मान्यता है कि होलाष्टक के 8 दिनों में आठ दिनों में कोई नए या शुभ मंगल कार्य नहीं किए जाते हैं.
होलाष्टक से जुड़ी है ये पौराणिक कथा
हिन्दू धर्म में होलाष्टक के दिन को अशुभ मानने के पीछे कई मान्यताएं हैं. पौराणिक कथाओं के मुताबिक, जब एक बार कामदेव ने शिवजी की तपस्या को भंग कर दिया था तब उन्हें महादेव के प्रकोप का सामना करना पड़ा था. इसके बाद क्रोधित होकर भोलेनाथ ने कामदेव को भस्म कर दिया था, जिससे प्रकृति में शोक की लहर फैल गई थी. जिस दिन कामदेव को भस्म किया गया था. उस दिन फाल्गुन शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि थी. इसी कारण से यह दिन शुभ नहीं माने जाते हैं.
होलाष्टक में क्या करें
- होलाष्टक में पूजा पाठ और जप-तप का महत्व बहुत अधिक होता है. इसलिए होलाष्टक के आठ दिनों में भगवान विष्णु और कुल के देवी-देवताओं की पूजा अर्चना की जाती है.
- होलाष्टक में गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करें और परिवार में बच्चों से अच्छा बर्ताव करें और उन्हें प्यार दें.
- मान्यता है कि होलाष्टक की अवधि में हिरण्यकश्यप ने भक्त प्रह्लाद को यातनाएं दीं थीं और भगवान नाराज हुए थे. इसलिए होलाष्टक के दौरान बच्चों को परेशान न करें.
- होलाष्टक में रोजाना पूजा के समय भगवान राम और कृष्ण को अबीर और गुलाल लगाएं और श्रीसूक्त का पाठ करें. इससे मन को शांति मिलती है.
- होलाष्टक में रोजाना भगवान शिव की पूजा करें और महामृत्युंजय मंत्र का जप करें. इससे जीवन में आने वाली हर तरह की बाधाएं खत्म हो जाती हैं.
होलाष्टक में क्या न करें
- होलाष्टक में शादी, विवाह, मुंडन, सगाई और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं.
- होलाष्टक में मकान या फिर जमीन खरीदने या वाहन खरीदने जैसे महत्वपूर्ण काम न करें और इस समय एडवांस पेमेंट देने से भी बचें.
- होलाष्टक में यज्ञ और हवन जैसा धार्मिक अनुष्ठान न करें, क्योंकि इस समय अनुष्ठान का पूर्ण फल नहीं मिलता है.
- होलाष्टक में नए काम की शुरुआत न करें, व्यापार या फिर नया काम न करें.
- होलाष्टक में किसी भी नए सामान सोने चांदी के गहने और घरेलू सामान की खरीद करना भी अशुभ माना जाता है.