Shraddha Walker murder के आरोपी आफताब पूनावाला पर लॉरेंस गैंग की नजर, जेल प्रशासन हुआ सतर्क
Shraddha Walker murder: दिल्ली में हुए चर्चित श्रद्धा वाकर हत्याकांड के आरोपी आफताब पूनावाला को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आफताब पूनावाला अब लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर है। बताया जा रहा है कि इस खबर के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
तिहाड़ जेल प्रशासन हुआ सतर्क
तिहाड़ जेल के सूत्रों के मुताबिक, श्रद्धा वाकर हत्याकांड के आरोपी आफताब पूनावाला की सुरक्षा को लेकर जेल प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है। मीडिया में चल रही खबरों को ध्यान में रखते हुए जेल प्रशासन ने आफताब की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त इंतजाम किए हैं। फिलहाल आफताब तिहाड़ जेल नंबर 4 में बंद है।
मीडिया रिपोर्ट्स का लिया गया संज्ञान
जेल प्रशासन ने बताया कि मुंबई पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन मीडिया में चल रही खबरों के आधार पर सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ाई गई है। यह कदम जेल में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए उठाया गया है।
जेल में हत्या की साजिश का खुलासा
सूत्रों के अनुसार, बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में गिरफ्तार आरोपी शिव कुमार गौतम ने पुलिस को बताया है कि वह आफताब को मारना चाहता है। इसके साथ ही, लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटरों ने भी आफताब को निशाने पर लेने की योजना बनाई है। ऐसी आशंका है कि तिहाड़ जेल में ही आफताब की हत्या की साजिश रची जा रही है।
श्रद्धा वाकर हत्याकांड: क्या है मामला?
श्रद्धा वाकर हत्याकांड मई 2022 में दिल्ली के छतरपुर इलाके में हुआ था। आरोप है कि आफताब पूनावाला ने अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाकर की हत्या कर दी थी। हत्या के बाद आफताब ने श्रद्धा के शव के 30 से अधिक टुकड़े कर दिए थे। इन टुकड़ों को उसने तीन सप्ताह तक फ्रिज में रखा और फिर धीरे-धीरे दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में फेंक दिया।
कैसे हुआ खुलासा?
श्रद्धा की हत्या का मामला तब सामने आया जब उसके पिता ने बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस जांच के दौरान, आफताब ने अपराध कबूल किया और श्रद्धा के शव के टुकड़ों को ठिकाने लगाने की जानकारी दी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।
जेल में आफताब की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
तिहाड़ जेल प्रशासन ने आफताब की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
- सीसीटीवी निगरानी: जेल में आफताब की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई गई है।
- अतिरिक्त सुरक्षा बल: जेल नंबर 4 में सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाई गई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
- एकांत में रखा गया: आफताब को अन्य कैदियों से अलग रखा गया है ताकि उसके साथ किसी प्रकार की झड़प या हमला न हो।
- विशेष सुरक्षा जांच: जेल में आने-जाने वाले सभी लोगों और सामग्रियों की सख्ती से जांच की जा रही है।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग का खतरा
लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम पहले भी कई हाई-प्रोफाइल मामलों में सामने आ चुका है। इस गैंग के शूटरों द्वारा जेल के अंदर हत्या की साजिश रचने का मामला पहले भी सुर्खियों में रहा है। ऐसे में आफताब की सुरक्षा को लेकर तिहाड़ प्रशासन को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ रही है।
मीडिया और जनमानस की प्रतिक्रिया
श्रद्धा वाकर हत्याकांड ने देशभर में गहरी संवेदना और आक्रोश पैदा किया था। इस मामले में न्याय की मांग करते हुए कई संगठनों ने प्रदर्शन भी किए। अब जब आफताब की जान को खतरा है, तो इस पर भी लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
- आरोपी को सुरक्षा पर सवाल: कुछ लोग इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि ऐसे गंभीर अपराध के आरोपी को इतनी सुरक्षा क्यों दी जा रही है।
- न्याय प्रक्रिया का सम्मान: वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि आरोपी को न्यायिक प्रक्रिया के तहत सजा मिलनी चाहिए और उसे किसी प्रकार की हिंसा का शिकार नहीं होना चाहिए।
कानूनी प्रक्रिया पर असर?
अगर जेल में आफताब पर हमला होता है, तो यह न्यायिक प्रक्रिया पर नकारात्मक असर डाल सकता है। ऐसे में तिहाड़ प्रशासन और पुलिस का प्राथमिक उद्देश्य है कि आरोपी को सुरक्षित रखा जाए ताकि वह न्यायालय में पेश हो सके और मामले की सुनवाई पूरी हो।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि न्यायिक प्रक्रिया के दौरान आरोपी की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। अगर किसी आरोपी पर हमला होता है, तो यह न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि न्याय प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े करता है।
श्रद्धा वाकर हत्याकांड के आरोपी आफताब पूनावाला की सुरक्षा को लेकर तिहाड़ जेल प्रशासन ने विशेष सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। लॉरेंस बिश्नोई गैंग के खतरे को देखते हुए जेल में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। यह मामला एक बार फिर न्याय, सुरक्षा और मानवाधिकारों के सवालों को सामने लाता है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस चुनौती का सामना कैसे करता है और न्याय प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा करता है।