Lok Sabha Elections: महिलाओं की बढ़ती भागीदारी, सुमित्रा ताई ने तोड़ा राजमाता का रिकॉर्ड, सबसे अधिक बार चुनी गई सांसद
Lok Sabha Elections: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में महिला मतदाताओं की भूमिका ने पिछले साल आयोजित हुए चुनावों में मतदान की वृद्धि के रिकॉर्ड को स्थापित किया। महिला मतदाताओं ने इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाई। कुछ विधानसभा क्षेत्रों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक थी। इस चुनाव में, राज्य में 230 सीटों में 27 स्थानों पर महिला प्रतिनिधियों को चुना गया। वास्तव में, राज्य में महिलाओं की चुनाव में भागीदारी लगातार बढ़ रही है। यदि हम लोकसभा चुनावों की बात करें, तो इंदौर से सुमित्रा महाजन ने महिला सांसद के रूप में देश और राज्य को आठ बार गौरव दिलाया है। इससे पहले, राजमाता विजयराजे सिंधिया ने राज्य से सात बार लोकसभा सांसद के रूप में सेवा की थी।
पहले चुनावों में पर्दा व्यवस्था थी
देश के पहले सामान्य चुनाव में, महिला मतदाताओं को मतदान सूची में अपने नाम पंजीकृत कराने और मतदान करने के लिए कई सामाजिक बाधाएँ थीं। उस समय महिलाओं को घर से निकलने की स्वतंत्रता नहीं थी। पहली मतदाता सूची में महिलाएं दिलचस्प नाम भी पंजीकृत कराई थीं, जैसे गोलू की मां, रामू की बहन। ऐसे नामों को देखकर, चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को पुनः तैयार करने का आदेश दिया था। पहले, लोकसभा और विधानसभा चुनाव समय पर होते थे। पर्दा के प्रथानुसार महिला मतदाताओं के लिए अलग-अलग मतदान केन्द्र बनाए गए थे, ताकि वे पर्दा के कारण अलग-अलग मतदान कर सकें। देश में महिलाओं की शिक्षा की कमी थी। दल न तो महिला उम्मीदवारों को प्राप्त कर पा रहे थे। बेशक राजनीति में महिलाओं की उपस्थिति बहुत कम थी।
1957 में आठ महिला उम्मीदवार थीं, तीन जीतीं
1957 के दूसरे लोकसभा चुनाव और नए मध्य प्रदेश के गठन के बाद राज्य के पहले लोकसभा चुनाव में, 36 सीटों के लिए आठ महिला उम्मीदवार खड़े हुए थे, जिनमें से तीन उम्मीदवार विजयी थे और तीन का जमा राशि जब्त हो गई थी। 1991 में, राज्य में लोकसभा चुनावों में अधिकतम 75 महिलाएं उम्मीदवार बनीं थीं। इनमें से केवल पांच विजयी थीं और 66 की जमा राशि जब्त हो गई थी।
2009 में छह महिला सांसद थीं
राज्य में सबसे अधिक संख्या में महिला सांसदें 1962 और 2009 में चयन की गई थीं, जिनकी संख्या 6 थी। 1977 में, Congress की साहोदरा बाई ही राज्य में एकमात्र महिला उम्मीदवार थीं, जो सागर से चुनाव क्षेत्र से मैदान में थीं, वह हार गई थीं। इस प्रकार, 1977 में राज्य से कोई महिला प्रतिष्ठान में नहीं पहुंच सकी।
महाजन ने रिकॉर्ड बनाया
इंदौर से सुमित्रा महाजन ने राज्य में सबसे अधिक बार चुनाव में उम्मीदवार बनकर जीतने का रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने 9 वीं लोकसभा से 16 वीं लोकसभा चुनाव तक आठ बार सफलता प्राप्त की, जो एक रिकॉर्ड है। उससे पहले, ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी और ग्वालियर के प्रभारी राजमाता विजयराजे सिंधिया ने राज्य को सात बार लोकसभा में प्रतिष्ठान प्राप्त किया था। वहीं, मिनीमाता अगमदास ने राज्य से पांच बार और सहोदरा बाई ने चार बार लोकसभा से चुनाव जीता था।
मध्य प्रदेश में महिला उम्मीदवारों की स्थिति
चुनाव वर्ष | प्रदेश में सीटों की संख्या | चुनाव मैदान में | विजयी | जमानत जब्त |
1957 | 36 | 8 | 3 | 3 |
1962 | 36 | 11 | 6 | 3 |
1967 | 37 | 12 | 5 | 1 |
1971 | 37 | 6 | 3 | 2 |
1977 | 40 | 1 | 0 | 0 |
1980 | 40 | 8 | 3 | 4 |
1984 | 40 | 10 | 2 | 6 |
1989 | 40 | 20 | 3 | 13 |
1991 | 40 | 39 | 5 | 32 |
1996 | 40 | 75 | 5 | 66 |
1998 | 40 | 28 | 4 | 21 |
1999 | 40 | 23 | 3 | 16 |
2004 | 29 | 30 | 2 | 23 |
2009 | 29 | 29 | 6 | 23 |
2014 | 29 | 37 | 5 | 28 |
2019 | 29 | 40 | 4 | 31 |