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Mahakumbh 2025: फिल्म स्टार्स को लेकर महामंडलेश्वर का चेतावनी, कहा- हम विरोध करेंगे

Mahakumbh 2025:  प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी से होने जा रही है। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु और भक्त गंगा, यमुन और सरस्वती के संगम स्थल पर आकर स्नान करेंगे। महाकुंभ भारत के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है और इस बार का महाकुंभ खास इसलिए भी है, क्योंकि यहां पर फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई लोग भी आने वाले हैं। इस बीच, किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने फिल्म स्टार्स को लेकर एक बड़ा बयान दिया है।

महामंडलेश्वर हिमांगी सखी का बयान

महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने फिल्म स्टार्स को चेतावनी दी है कि यदि कोई फिल्म स्टार महाकुंभ के दौरान अपने फिल्म प्रचार के लिए आएगा, तो किन्नर अखाड़ा इसका विरोध करेगा। उन्होंने कहा, “अगर कोई फिल्म स्टार यहां आकर अपनी फिल्म का प्रचार करता है, तो हम इसका विरोध करेंगे, यह पूरी तरह से गलत है। फिल्म इंडस्ट्री के लोग सनातन धर्म को गलत तरीके से दिखाते हैं, उन्हें बैन कर दिया जाना चाहिए।”

वैष्णव किन्नर अखाड़े की स्थापना

हिमांगी सखी ने यह भी ऐलान किया कि वे महाकुंभ में ‘वैष्णव किन्नर अखाड़ा’ का गठन करेंगी। उनका कहना है कि इस अखाड़े के माध्यम से सनातन धर्म की रक्षा की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सनातन धर्म के संरक्षण के लिए एक सनातन बोर्ड बनाना बहुत जरूरी है, ताकि हिंदुस्तान को बचाया जा सके। उन्होंने चेतावनी दी कि वक्फ बोर्ड का दावा कि कुंभ की भूमि वक्फ की है, देश के लिए खतरे की घंटी है। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो भविष्य में वक्फ बोर्ड पूरे देश को अपनी भूमि का हिस्सा बना सकता है, और इससे भारत को मुस्लिम राष्ट्र में बदलने का खतरा हो सकता है।

Mahakumbh 2025: फिल्म स्टार्स को लेकर महामंडलेश्वर का चेतावनी, कहा- हम विरोध करेंगे

सनातन धर्म की रक्षा के लिए महातांडव

महामंडलेश्वर ने अपने बयान में कहा, “अगर कोई और सनातन बोर्ड का गठन नहीं करेगा, तो हम किन्नर समुदाय इसकी स्थापना करेंगे। हम सनातन धर्म की रक्षा के लिए महातांडव करेंगे। हम क्षत्रिय हैं, हम अर्धनारीश्वर हैं और हम तांडवधारी हैं। हम अपनी जान भी देंगे, लेकिन सनातन धर्म को बचाएंगे। हमने सनातन धर्म के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया है।”

कुंभ में गैर-हिंदुओं की एंट्री पर प्रतिबंध

महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने यह भी मांग की कि महाकुंभ में गैर-हिंदुओं की एंट्री पर प्रतिबंध लगाया जाए। उन्होंने कहा, “जब हिंदू किसी गैर-हिंदू स्थान पर नहीं जा सकते हैं, तो किसी भी गैर-हिंदू को महाकुंभ में नहीं आना चाहिए।”

महाकुंभ का महत्व और इतिहास

महाकुंभ, भारतीय संस्कृति और धर्म का अहम हिस्सा है। यह आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है और इसमें करोड़ों श्रद्धालु स्नान के लिए आते हैं। महाकुंभ का आयोजन हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण स्थानों पर किया जाता है और यह संगम स्थानों पर होता है, जहां गंगा, यमुन और सरस्वती जैसी पवित्र नदियों का संगम होता है। इस समय लोग आस्था और विश्वास के साथ पवित्र स्नान करते हैं और अपनी समस्याओं से मुक्ति की कामना करते हैं।

महाकुंभ 2025 

इस बार के महाकुंभ के दौरान विशेष रूप से हर पहलू को ध्यान में रखा गया है। जहां एक ओर इस धार्मिक आयोजन के दौरान सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार की बात की जा रही है, वहीं दूसरी ओर महाकुंभ में फिल्म स्टार्स और गैर-हिंदू लोगों की एंट्री पर चिंता जताई जा रही है। महामंडलेश्वर हिमांगी सखी का यह बयान एक बड़ा विवाद बन सकता है, क्योंकि इसमें धार्मिक मान्यताओं को लेकर कई संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा की गई है।

महामंडलेश्वर हिमांगी सखी का यह बयान महाकुंभ 2025 की चर्चा को और भी तेज कर देगा। यह साफ है कि महाकुंभ का आयोजन सिर्फ एक धार्मिक स्थल के रूप में नहीं, बल्कि इसे भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के रक्षकों के तौर पर भी देखा जा रहा है। जहां एक ओर यह आयोजन आस्था और विश्वास का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर इसे लेकर कई नई और पुरानी विवादों का भी सामना करना पड़ सकता है।

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