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चुनावी नतीजों के बीच मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुलाई इंडिया एलायंस की बैठक

सत्य खबर/नई दिल्ली:Mallikarjun Kharge called a meeting of India Alliance amid election results.

मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में वोटों की गिनती जारी है. बीजेपी स्पष्ट जनादेश के साथ एमपी और राजस्थान में सरकार बना रही है. वहीं, तेलंगाना में कांग्रेस राज्य गठन के बाद पहली बार सत्ता में आ रही है। छत्तीसगढ़ में भी शुरुआत में मामला फंसने के बाद अब बीजेपी कांग्रेस को पछाड़कर आगे बढ़ गई है. इन सबके बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इंडिया अलायंस की बैठक बुलाई है.

खड़गे ने भारत गठबंधन में शामिल दलों को 6 दिसंबर को दिल्ली में बुलाया है. 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय स्तर पर रोकने के लिए बने इस गठबंधन की यह चौथी बैठक होने जा रही है. इंडिया अलायंस की पहली बैठक पटना में, दूसरी बेंगलुरु में और तीसरी मुंबई में हुई.

सीट बंटवारे पर होगी चर्चा

इंडिया अलायंस की दिल्ली में होने वाली अगली बैठक में सीट बंटवारे से लेकर संयोजक के नाम समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी. सबसे बड़ा मुद्दा सीट बंटवारे को लेकर है. गठबंधन में शामिल घटक दल जल्द से जल्द सीटें फाइनल कर लेना चाहते हैं. ताकि उन्हें उन सीटों पर लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए ज्यादा से ज्यादा समय मिल सके.

पश्चिम बंगाल में सरकार चला रही तृणमूल कांग्रेस, दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी और सपा सीट बंटवारे को लेकर जल्द बातचीत की मांग कर रही हैं. इन राज्यों में इन पार्टियों को कांग्रेस पार्टी के साथ सीटें साझा करनी होंगी.

सीएम नीतीश ने जताई थी नाराजगी

कुछ समय पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पटना में वामपंथी दलों की ओर से आयोजित रैली में कांग्रेस के रवैये पर सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जताई थी. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस का फोकस अभी सिर्फ पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ने पर है, गठबंधन पर कोई काम नहीं हो रहा है. कांग्रेस पार्टी इस पर ध्यान नहीं दे रही है.

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इसके बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तुरंत सक्रिय हुए और नीतीश कुमार से फोन पर बात की. बताया जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने आश्वासन दिया था कि नतीजे आने के बाद गठबंधन की बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें संयोजक से लेकर सीट शेयरिंग जैसे अहम मुद्दों पर फैसले लिए जाएंगे.

चुनाव नतीजों का क्या होगा असर?

भारत गठबंधन में कांग्रेस, डीएमके, एसपी, टीएमसी, राजद, जेडीयू जैसी 26 छोटी-बड़ी पार्टियां हैं. इन पांच चुनावी राज्यों में गठबंधन में शामिल कांग्रेस एकमात्र पार्टी है, जिसका बहुत कुछ दांव पर लगा है. जितने अधिक नतीजे कांग्रेस पार्टी के पक्ष में होंगे, गठबंधन में उसका वजन उतना ही बढ़ेगा और वह सीट बंटवारे में अन्य दलों के साथ अधिक सौदेबाजी कर सकेगी। अगर कांग्रेस उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई तो उसे बड़े क्षेत्रीय दलों को लुभाने में काफी चुनौती का सामना करना पड़ेगा. फिलहाल कांग्रेस की हालत ऐसी है कि वह प्रधानमंत्री पद के लिए भी अपने नेता का नाम आगे नहीं कर पा रही है.

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