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ममता बनर्जी का पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान

सत्य खबर/नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव से पहले ही भारत में विपक्षी दलों का गठबंधन बिखरने लगा है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने विपक्षी गठबंधन को बड़ा झटका दिया है। ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी राज्य में अकेले चुनाव लड़ेगी. टीएमसी प्रमुख ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे के मेरे प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. ऐसे में हम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ेंगे.
इससे पहले मंगलवार को ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे में हो रही देरी पर नाराजगी जताते हुए कांग्रेस की कड़ी आलोचना की थी. पश्चिम बंगाल में टीएमसी ने कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें देने का प्रस्ताव दिया था जबकि कांग्रेस 10-12 सीटों की मांग कर रही थी. इसे लेकर पिछले कई दिनों से दोनों पार्टियों के बीच तीखी नोकझोंक चल रही थी, जिसके बाद अब ममता ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.

ममता ने कहा- मेरे सभी प्रस्ताव खारिज कर दिए गए

ममता ने सख्त लहजे में कहा कि मैंने जो भी सुझाव दिए, सभी सुझाव खारिज कर दिए गए. मेरे सभी प्रस्ताव कांग्रेस ने अस्वीकार कर दिये। यही कारण है कि मैंने पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। राहुल गांधी का नाम लिए बिना ममता ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल का दौरा करने वाले थे लेकिन शिष्टाचार के नाते उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि कई मुद्दों पर हमारे साथ कोई चर्चा नहीं हुई और यह पूरी तरह से गलत है.
ममता ने कहा कि मैंने पहले ही साफ कहा था कि कांग्रेस को 300 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए और क्षेत्रीय पार्टियों को अलग-अलग राज्यों में चुनाव लड़ने का मौका देना चाहिए. क्षेत्रीय दल भाजपा का मुकाबला करने में पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने गठबंधन का नेतृत्व कांग्रेस को सौंपने के फैसले पर भी सवाल उठाए.

टीएमसी कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें देने को तैयार थी

पश्चिम बंगाल में टीएमसी नेता लगातार अपनी ताकत दिखा रहे थे. टीएमसी नेताओं ने कहा कि राज्य में सिर्फ टीएमसी ही बीजेपी की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है. टीएमसी ने कांग्रेस को दो सीटें ऑफर की थीं.
टीएमसी ने कहा कि हमने मालदा दक्षिण और बेरहामपुर की लोकसभा सीटें कांग्रेस को देने का प्रस्ताव दिया है. पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा सीटें हैं, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सिर्फ इन्हीं दो सीटों पर 30 फीसदी से ज्यादा वोट पाने में सफल रही थी.
उधर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी के इस प्रस्ताव पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि कांग्रेस को राज्य में टीएमसी की दया की जरूरत नहीं है. दोनों पार्टियों के बीच सीटों को लेकर काफी खींचतान चल रही थी क्योंकि कांग्रेस 10-12 सीटों की मांग कर रही थी.

इससे पहले भी उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने का संकेत दिया था.

इससे पहले भी ममता बनर्जी ने सीट बंटवारे में हो रही देरी पर नाराजगी जताई थी और संकेत दिया था कि वह राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. शुक्रवार को पार्टी की आंतरिक बैठक के दौरान ममता बनर्जी ने संकेत दिया था कि पार्टी राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है. मुर्शिदाबाद के पार्टी पदाधिकारी से मुलाकात के दौरान ममता ने इसके संकेत दिये थे.

कांग्रेस की मांग को अनुचित बताया

मंगलवार को बीरभूम में पार्टी इकाई की संगठनात्मक बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य में 10-12 सीटों की मांग कर रही है और यह मांग पूरी तरह अनुचित है. पार्टी की ओर से कांग्रेस को दो सीटें देने का प्रस्ताव दिया गया है.
पार्टी प्रमुख ने साफ कहा कि हमें कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे की बातचीत के बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए बल्कि अपनी चुनाव की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. पार्टी सूत्रों ने बताया कि ममता बनर्जी ने बीरभूम जिले की दोनों लोकसभा सीटों पर चुनाव की तैयारी शुरू करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि हम अकेले लड़ने को तैयार हैं, इसलिए पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार में जुट जाना चाहिए.

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