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जन्मदिन पर मायावती ने कहा- किसी गठबंधन में शामिल नहीं होंगे शामिल, अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी बीएसपी.

सत्य खबर/लखनऊ:

अगले लोकसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने अपने पत्ते खोल दिये हैं. बसपा प्रमुख ने एनडीए और विपक्षी दलों के भारत गठबंधन में शामिल होने से इनकार करते हुए अपने दम पर चुनाव लड़ने का बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में बसपा अपने दम पर राजनीतिक मैदान में उतरेगी.
आज अपने जन्मदिन के मौके पर मायावती ने साफ कहा कि गठबंधन में कोई वोट ट्रांसफर नहीं होगा. इस कारण किसी भी गठबंधन में शामिल होकर चुनाव लड़ने का कोई मतलब नहीं है.
विपक्षी पार्टियों और खासकर कांग्रेस की ओर से बीएसपी को इंडिया अलायंस में शामिल करने की कोशिशें की जा रही थीं लेकिन मायावती ने इंडिया अलायंस में शामिल होने से इनकार कर दिया है. अपने जन्मदिन के मौके पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बसपा प्रमुख ने मुफ्त राशन योजना को लेकर भी केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि दोनों सरकारें मुफ्त अनाज देकर लोगों को गुलाम बनाने की कोशिश कर रही हैं.

गठबंधन से बसपा को नुकसान

बसपा प्रमुख ने कहा कि किसी भी गठबंधन में शामिल होकर चुनाव लड़ने से बसपा को नुकसान होता है. अगर हम गठबंधन करते हैं तो हमारा वोट उन्हें ट्रांसफर हो जाता है लेकिन उनका वोट, खासकर ऊंची जाति का वोट, बीएसपी के खाते में नहीं आता है. इस कारण हम आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं होंगे. देश की ज्यादातर पार्टियां बसपा के साथ चुनाव लड़ना चाहती हैं लेकिन हम किसी भी पार्टी से हाथ नहीं मिलाएंगे.
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी लोकसभा आम चुनाव अकेले लड़ती है क्योंकि उसकी कमान एक दलित के हाथ में है. मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी 2007 के लोकसभा चुनाव की तरह 2024 में भी बेहतर नतीजे हासिल करने में सफल रहेगी. उन्होंने कहा कि अगर मेरी पार्टी के कार्यकर्ता बेहतर परिणाम लाते हैं तो यह मेरे लिए सबसे बड़ा उपहार होगा.

मुफ्त राशन योजना का लक्ष्य

अपने जन्मदिन के मौके पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें मुफ्त अनाज देकर लोगों को गुलाम बनाने की कोशिश कर रही हैं. हमने अपनी सरकार के दौरान लोगों को सम्मान और स्वाभिमान बढ़ाने का मौका दिया, लेकिन फिलहाल ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है. केंद्र और राज्य सरकारें धर्म और संस्कृति की भड़काऊ राजनीति कर रही हैं, जिससे लोकतंत्र की नींव कमजोर हो रही है।
उन्होंने कहा कि हमने यूपी में चार बार सत्ता संभाली और इस दौरान हमने समाज के सभी वर्गों के लिए काम किया. बसपा शासनकाल में अल्पसंख्यकों, गरीबों, किसानों व अन्य मेहनतकश लोगों के लिए कई जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की गईं। अब सरकारें उन योजनाओं का नाम बदलकर उन्हें अपना बताने की कोशिश कर रही हैं। ये काम पूरा होता नहीं दिख रहा क्योंकि सरकारें जातिवादी हैं.

एससी, एसटी और ओबीसी की स्थिति दयनीय है.

बसपा प्रमुख ने कहा कि विभिन्न दलों के कार्यक्रमों से यह स्पष्ट है कि उनकी नीतियों से देश और प्रदेश का कोई विकास नहीं हो सकता. एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरियों और अन्य क्षेत्रों में नौकरियों के प्रावधान का लाभ नहीं मिल रहा है. इन सभी वर्गों की स्थिति दयनीय बनी हुई है. इसलिए सभी वर्ग के लोगों को बसपा से जुड़कर उसे सत्ता दिलाने में मदद करनी चाहिए।

राजनीति से संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं

उन्होंने कहा कि मेरे राजनीति से संन्यास लेने को लेकर लगातार अफवाहें फैलाई जा रही हैं, जबकि मेरा अभी राजनीति से संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने कहा कि मैंने आकाश आनंद को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी जरूर बनाया है लेकिन अभी मैं राजनीति में सक्रिय रहूंगी, पार्टी को मजबूत करने के लिए मुझे अभी बहुत काम करना है. उन्होंने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव गिरगिट की तरह अपने बयान बदल चुके हैं.

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