MCG ने नियमों की अवहेलना पर 03 व्यवसायिक संस्थानों पर ठोका 25-25K जुर्माना,पशुओं से गन्दगी फैलाने पर मौन?
सत्य ख़बर,गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज:
नगर निगम गुरुग्राम द्वारा ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 की अवहेलना करने वालों पर लगातार कार्रवाई कर रही है। इसके तहत स्वच्छता निगम टीमों ने सेक्टर-29 में तीन होटल-रेस्टोरेंट पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को जोन-3 क्षेत्र के वरिष्ठ सफाई निरीक्षक हर्ष चावला व सफाई निरीक्षक जितेन्द्र कुमार की टीम ने क्षेत्र की सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान टीम ने सेक्टर-29 क्षेत्र में स्थित होटल एंड रेस्टोरेंट पर भी बीडब्ल्यूजी नियमों की पालना चैक करने के लिए पहुंची। निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया कि बीकानेरवाला, गोला सिजलर्स व पंजाब ग्रिल्स द्वारा ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 की पालना सुनिश्चित नहीं की जा रही है। टीम ने मौके पर ही तीनों उल्लंघनकर्ताओं पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया तथा भविष्य में नियमों की पालना सुनिश्चित करने की हिदायत दी।
निगमायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ के अनुसार नगर निगम सीमा में स्थित सभी बल्क वेस्ट जनरेटर्स को ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 की पालना करना अनिवार्य है। इसके तहत उन्हें अपने यहां से निकलने वाले कचरे को गीले, सूखे व हानिकारक कचरे में विभाजित करना चाहिए तथा अलग-अलग श्रेणियों में ही उसका निस्तारण करना चाहिए। निगम की स्वच्छता टीमें लगातार बीडब्ल्यूजी की जांच कर रही हैं तथा नियमों की पालना नहीं पाए जाने पर संबंधित पर नियमानुसार जुर्माना लगाया जा रहा है।
निगमायुक्त ने बताया कि निगम द्वारा बीडब्ल्यूजी को सूचीबद्ध करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी संचालित किया जा रहा है, जिस पर सभी बीडब्ल्यूजी को अपना पंजीकरण करना अनिवार्य किया गया है। निगम द्वारा इस बारे में नोटिस व अन्य प्रचार माध्यमों से सभी बीडब्ल्यूजी को सूचित भी किया जा चुका है। उन्होंने बीडब्ल्यूजी से आह्वान किया कि वे कचरा प्रबंधन की जिम्मेदारी निभाएं तथा गुरुग्राम को स्वच्छ, सुंदर व बेहतर शहर बनाने में अपना योगदान दें। वहीं क्षेत्रवासियों में चर्चाई है कि निगम अधिकारी केवल खन्ना पूर्ति की कार्रवाई कर दोगली नीति अपना रहे हैं, जहां पर दबंगों ने अपने घरों में अवैध रूप से पशु रखे हुए हैं और उनकी दुर्गंध से माहौल खराब बना हुआ है,वहां पर निगम अधिकारी जानबूझकर मौन बने हुए हैं।