मोदी सरकार ने ‘Lateral Entry’ पर लिया वापस निर्णय, UPSC विज्ञापन पर लगी रोक, राजनीतिक विरोध के बीच कदम
मोदी सरकार ने ‘Lateral Entry‘ के निर्णय को वापस ले लिया है। सरकार ने UPSC विज्ञापन पर रोक लगा दी है। हाल ही में UPSC ने केंद्रीय मंत्रालयों में 45 पदों के लिए Lateral Entry के माध्यम से नियुक्तियों के लिए विज्ञापन जारी किया था।
मोदी सरकार ने Lateral Entry पर निर्णय वापस लिया
मोदी सरकार ने 17 अगस्त को जारी किए गए UPSC के विज्ञापन पर रोक लगा दी है। केंद्रीय सरकार अब Lateral Entry में आरक्षण लाने पर विचार कर रही है। Lateral Entry में OBC/SC/ST के लिए आरक्षण लाया जा सकता है।
Lateral Entry में नहीं था कोई आरक्षण
UPSC ने केंद्रीय सरकार के मंत्रालयों के लिए 45 पदों की भर्ती की घोषणा की थी। इन सभी पदों को केवल Lateral Entry के माध्यम से भरा जाना था। Lateral Entry भर्ती में कोई आरक्षण नहीं था, जिससे राजनीतिक बहस छिड़ गई थी।
Lateral Entry से 24 मंत्रालयों में भर्ती
UPSC ने हाल ही में एक विज्ञापन जारी किया था। इसमें केंद्रीय सरकार के विभिन्न वरिष्ठ पदों को Lateral Entry के माध्यम से नियुक्त किया जाना था। इन पदों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के पद शामिल थे। कुल 45 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे।
राहुल गांधी और NDA नेताओं ने उठाए सवाल
ब्यूरोक्रेसी में Lateral Entry को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और सपा सांसद अखिलेश यादव ने आरक्षण के मुद्दे पर सवाल उठाए थे। NDA सरकार के नेताओं चिराग पासवान और KC त्यागी ने भी Lateral Entry के खिलाफ बयान दिए थे।
Lateral Entry क्या है?
Lateral Entry को डायरेक्ट रिक्रूटमेंट भी कहा जाता है। इसमें उन लोगों को सरकारी सेवा में लिया जाता है, जो अपने क्षेत्र में अत्यधिक कुशल होते हैं। ये लोग IAS-PCS या किसी सरकारी कैडर से नहीं होते। इन लोगों के अनुभव के आधार पर सरकार उन्हें अपनी ब्यूरोक्रेसी में तैनात करती है।