MUDA case: कर्नाटक में BJP-JDS की मैसुरु चलो’ मार्च शुरू, सीएम सिद्धारमैया से इस्तीफा की मांग
MUDA case: कर्नाटक में, विपक्षी भाजपा और उसकी सहयोगी जेडीएस ने शनिवार को सात दिवसीय मैसुरु चलो‘ मार्च की शुरुआत की है, जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से इस्तीफा देने की मांग की जा रही है। दोनों पार्टियों ने सिद्धारमैया पर मैसुरु Urban Development Authority (MUDA) में भूमि आवंटन घोटाले में कथित संलिप्तता का आरोप लगाया है। यह सात दिवसीय मार्च 10 मार्च को मैसुरु में एक सार्वजनिक बैठक के साथ समाप्त होगा।
मार्च की शुरुआत
राज्य भाजपा अध्यक्ष BY विजयेंद्र और जेडीएस युवा शाखा के अध्यक्ष निखिल कुमारस्वामी ने इस मार्च की शुरुआत की। इस दौरान, भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के मामले में शामिल हैं और उन्हें पद छोड़ देना चाहिए। विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि कांग्रेस के पास गवर्नर थावरचंद गेहलोत को मुख्यमंत्री को नोटिस जारी करने पर सवाल उठाने का नैतिक अधिकार नहीं है।
कांग्रेस के खिलाफ आरोप
केंद्रीय इस्पात और भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि कांग्रेस दलित समुदायों के उत्थान की बात करती है, लेकिन MUDA और वाल्मीकि निगम घोटाले में उनके कार्यों ने उनके ‘एंटी-डालित’ चेहरे को उजागर किया है। उन्होंने अगले कुछ महीनों में राज्य सरकार के गिरने की भविष्यवाणी की।
सीएम सिद्धारमैया का जवाब
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि MUDA ने उनकी पत्नी की चार एकड़ की ज़मीन पर बिना अधिग्रहण के एक ‘लेआउट’ अवैध रूप से बनवाया। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी को मुआवजा देने के हकदार थे और इसलिए MUDA ने उनकी ज़मीन को आवंटित किया। इस बीच, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने BJP और JDS पर MUDA घोटाले और उनकी अवधि के दौरान जिम्मेदारी की कमी के मुद्दे पर हमला किया, उन्हें भ्रष्टाचार का “पिता, मां, भाई, बहन और रिश्तेदार” करार दिया।
राज्यपाल का नोटिस
सीएम सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती और अन्य पर MUDA द्वारा भूमि आवंटन में अनियमितताओं का आरोप लगाया जा रहा है। राज्यपाल ने इस मामले में मुख्यमंत्री को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया है।