Naveen Jaihind का बड़ा बयान: परशुराम जन्मोत्सव में विघ्न डालने वाले राक्षस फरसे को देख लेना

रोहतक (24 मई) / Naveen Jaihind ने 24 मई को प्रेसवार्ता कर सभी क्रांतिकारी योद्धाओं, फरसाधारियों व पत्रकार साथियों को 25 मई रविवार पहरावर में मनाए जाने वाले भगवान परशुराम जन्मोत्सव का न्योता दिया। जिसमें स्पेशल खीर का भंडारा किया जाएगा। साथ ही जयहिन्द ने कहा कि हम सबको बता देना चाहते है कि हम गोबर वाले नहीं है बल्कि हम खीर, फरसे वाले है।
जयहिन्द ने बताया कि पहरावर की जमीन 14 सालों तक वनवास काट रही थी। सभी 36 बिरादरी के लोगों ने व पहरावर गांव के लोगों ने भगवान भोलेनाथ व परशुराम के आशीर्वाद से उस जमीन से सरकारी का कब्जा छुड़वाया था और सरकार को वह जमीन वापिस संस्था को देनी पड़ी।
जयहिन्द ने कहा समाज व 36 बिरादरी का भाईचारा पिछले 3 साल से पहरावर में परशुराम जन्मोत्सव मना रहा है अपने दम पर, और मंत्री जी आज सरकार के दम पर मना रहे है। पिछले 5 सालों में मंत्री जी ने कौन सा जन्मोत्सव अपने दम पर मनाया है। और पहरावर में जन्मोत्सव की तैयारियां रुकवाने के लिए 23 मई को पुलिस व निगम के लोगो को भेजना उनकी एक बहुत तुच्छ हरकत थी। और यह जिस किसी की भी हरकत थी वह ध्यान से सुनले भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव में विघ्न डालने वाले राक्षसों को बक्शा नहीं जाएगा।
सब लोग खुशी–खुशी अपना आयोजन बनाते है हमने तो फिर भी एक सप्ताह पहले परमिशन लगा दी थी। अब जन्मोत्सव पहरावर में ना मनाए तो क्या पाकिस्तान में मनाए।
जब हमने पहली बार पहरावर में जन्मोत्सव मनाया था तब मंत्री अरविंद शर्मा भी वहां आए थे और उन्होंने कहा था कि मैं 20 दिनों के बाद अनशन करूंगा, तो लगता है उन्होंने अदृश्य अनशन किया था, क्योंकि वह किसी को दिखा नहीं था। साथ ही उन्होंने पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर पर भी आरोप लगाए थे।
आज मंत्री जी पहरावर जमीन का श्रेय लेने के लिए अपने कुछ लोगों दूध की थालियां बाट रहे है और कहते है कि जयहिन्द सरकारी जन्मोत्सव में विघ्न डालना चाहता है। इस पर जयहिन्द ने कहा कि हमने खुद प्रेसवार्ता कर कहा था कि सरकारी जन्मोत्सव रोहतक की जगह पहरावर में मनाना चाहिए। जयहिन्द ने कहा कि हम पहरावर का सारा श्रेय मंत्री ही को देते है क्योंकि मंत्री जी ने अदृश्य ताकत से पहरावर जमीन पर फरसे घुमाए और जमीन साथ को दिलाई।
कुछ लोग कहते है कि आपस में लड़ाई चल रही है है इस पर जयहिन्द ने कहा कि सरकार हाथी है और हम कीड़ी। लेकिन हम उनको यह कहना चाहते है कि अपनी सूंड से धरती ज्यादा ना खोदें वरना कीड़ी अगर सूंड में चली गई तो सोने नहीं देगी। हर बार बाज नहीं जीतता, चिड़िया भी कमर पर बैठ जाती है। पता नहीं हमारे साथ क्यों जिद्द बांधे हुए है, हमने तो एक बार मंत्री जी को माफी मांगने को कहा था जब उन्होंने 80 वर्षीय दादा गौतम को गोबर खाने वाला कहा था लेकिन मंत्री जी ने माफी तक नहीं मांगी थी।
जयहिन्द का कहना है कि हम लोगों को 30 तारीख को होने वाले सरकारी जन्मोत्सव में जाने से मना नहीं करते बल्कि जाने के लिए कहते है, लेकिन ये झूठ से भी यह नहीं कहेंगे कि 25 मई पहरावर जन्मोत्सव में जाना बल्कि यह कहते है कि 25 को कुछ नहीं है नहीं जाना वहां। अच्छी बात है कि वहां सरकारी जन्मोत्सव मनाया जा रहा है, हमने यह कहा था कि गौड़ ब्राह्मण संस्था के चुनाव करवाएं डेवलपमेंट के लिए ग्रांट जारी करवाएं। पिछले एक महीने से हम कह रहे थे कि चुनाव करवाओ तब जाकर 1 हफ्ते पहले प्रशासक लगाया गया है। हम बस यह कहना चाहते है कि अगर बढ़िया काम करोगे तो बड़ाई करेंगे वरना लड़ाई।
हम पर भगवान भोलेनाथ व परशुराम जी की ही दया है जो आज हम लोगों के लिए लड़ाई लड़ रहे है, और उस लड़ाई की वजह से ही थारा फूफा जिंदा है आंदोलन चला और लाखों बुजुर्गों, विकलांगों व विधवा महिलाओं की पेंशन बनी, सीईटी होकर पच्चीस हजार बच्चों को सरकारी नौकरी मिली, खिलाड़ियों का खेल कोटा वापिस हुआ, दलितों के घर गिरने से रोके।Q
जयहिन्द ने कहा कि जो मुझे चंदा चोर कहते है वे चंदे की रसीद लेकर मेरे पास आए मै उन्हें दस गुना रुपए वापिस दूंगा। बेवजह के आरोप हर कोई लगा सकता है। और जो लोग करोड़ों रुपए दान देने की बात कह कर गए थे उनको तो सब लोग जानते है उनसे पूछो कि जयहिन्द को कितने रुपए दिए है।