ताजा समाचार

New campaign for de-addiction: 2025 में नशे के शिकार लोगों की पहचान करने के लिए शुरू होगा नया अभियान

New campaign for de-addiction: देशभर में नशे की लत से बचाव के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं। इस दिशा में विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, ताकि युवाओं को नशे के खतरों से बचाया जा सके। लेकिन इसके बावजूद, नशे की लत में फंसे लोगों को सही समय पर पहचान कर उनकी मदद करने की जरूरत महसूस हो रही है। इसी कड़ी में, केंद्र सरकार ने 2025 की शुरुआत से एक नया अभियान शुरू करने की योजना बनाई है, जिसके तहत देश के करीब 400 जिलों में नशे के चंगुल में फंसे लोगों की पहचान की जाएगी।

नशे के शिकार लोगों की पहचान 2025 में होगी

केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए जा रहे इस अभियान में हर राज्य के कम से कम एक तिहाई जिलों को शामिल किया जाएगा। यह पहल मंत्रालयों और स्वास्थ्य संस्थानों के सहयोग से शुरू की जा रही है। इसे लेकर मंत्रालय ने दिल्ली स्थित AIIMS (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) के साथ कई दौर की बैठकें की हैं। मंत्रालय का मानना है कि 2025 के शुरुआत में इस अभियान को लागू किया जाएगा, ताकि नशे के शिकार लोगों की जल्द पहचान की जा सके और उनकी मदद की जा सके।

2019 में किए गए सर्वे का सफल परिणाम

मंत्रालय का यह नया अभियान उस समय शुरू किया जा रहा है, जब 2019 में मंत्रालय ने देश के 272 जिलों में एक सर्वेक्षण किया था। इस सर्वेक्षण में यह पाया गया कि करीब 7 करोड़ लोग नशे की लत में गंभीर रूप से फंसे हुए हैं। इस सर्वे के बाद मंत्रालय ने 2020-21 में एक अभियान शुरू किया, जिसके तहत लाखों लोगों को नशे से बाहर निकाला गया।

New campaign for de-addiction: 2025 में नशे के शिकार लोगों की पहचान करने के लिए शुरू होगा नया अभियान

Shubman Gill: रोहित शर्मा के बाद शुभमन गिल की कप्तानी में क्या बदलेगा भारतीय टेस्ट क्रिकेट का भविष्य
Shubman Gill: रोहित शर्मा के बाद शुभमन गिल की कप्तानी में क्या बदलेगा भारतीय टेस्ट क्रिकेट का भविष्य

मंत्रालय के अनुसार, अब तक इस अभियान के तहत 27 लाख लोगों को नशे की लत से छुटकारा दिलाया जा चुका है। अब मंत्रालय ने अपने इस प्रयास को और तेज करने के लिए नया सर्वे शुरू करने का फैसला किया है, ताकि उन लोगों की पहचान की जा सके जो अब भी नशे की गंभीर लत से जूझ रहे हैं। इस बार यह सर्वे 400 जिलों में किया जाएगा, जिसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जिले शामिल होंगे।

660 नशा मुक्ति केंद्रों की स्थापना

मंत्रालय के उच्च अधिकारियों के अनुसार, इस नए अभियान को और तेज़ी से लागू करने का निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि अब तक देशभर में 660 नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं। इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य नशे के शिकार लोगों को इलाज और समर्थन प्रदान करना है। जहां भी इस प्रकार के केंद्र नहीं हैं, वहां जल्द ही नए केंद्र खोले जाएंगे। इसके लिए मंत्रालय ने स्वयंसेवी संगठनों के साथ मिलकर काम करने की योजना बनाई है।

यह पहल सरकार की नशा मुक्त भारत अभियान की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जिसके अंतर्गत नशे के शिकार लोगों को उनके घरों के पास ही इलाज की सुविधा मिल सकेगी। इसके साथ ही, सभी नशा मुक्ति केंद्रों की जियो-टैगिंग भी की गई है, ताकि लोग आसानी से इन केंद्रों तक पहुंच सकें और समय पर इलाज ले सकें।

स्वास्थ्य केंद्रों में नशा मुक्ति इलाज की सुविधा

इसके अलावा, राज्य सरकारों के सहयोग से सभी स्वास्थ्य केंद्रों में भी नशा मुक्ति उपचार केंद्र खोले गए हैं। इन केंद्रों में प्रशिक्षित डॉक्टरों द्वारा नशे के शिकार लोगों का इलाज किया जाएगा। यह कदम नशे की लत से जूझ रहे लोगों के लिए एक और सकारात्मक कदम है, क्योंकि अब वे नशे से मुक्ति पाने के लिए स्थानीय स्तर पर ही मदद ले सकते हैं।

Punjab News: AAP विधायक रमन अरोड़ा की गिरफ्तारी! क्या आम आदमी पार्टी के लिए यह गिरफ्तारी बनेगी सिरदर्द
Punjab News: AAP विधायक रमन अरोड़ा की गिरफ्तारी! क्या आम आदमी पार्टी के लिए यह गिरफ्तारी बनेगी सिरदर्द

मंत्रालय का मानना है कि नशा मुक्ति केंद्रों के साथ-साथ जागरूकता अभियान और शिक्षा की दिशा में उठाए गए कदमों से नशे के खतरों से जूझ रहे लोगों की संख्या में कमी आएगी और वे जल्दी नशे से मुक्ति पा सकेंगे। इसके अलावा, राज्य सरकारों को भी इस दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि नशे की समस्या को राज्य स्तर पर प्रभावी ढंग से हल किया जा सके।

नशे की समस्या से निपटने के लिए आवश्यक कदम

  1. नशा मुक्ति केंद्रों का विस्तार:
    देशभर में नशे के शिकार लोगों की संख्या को देखते हुए नशा मुक्ति केंद्रों का नेटवर्क मजबूत किया जाना चाहिए। इसके लिए सरकार को इन केंद्रों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि अधिक से अधिक लोग नशे से छुटकारा पा सकें।
  2. सामाजिक जागरूकता अभियान:
    नशे के खतरों से बचाव के लिए समाज में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है। स्कूलों, कॉलेजों और समुदायों में नशे के खिलाफ अभियान चलाए जाने चाहिए, ताकि युवा वर्ग इस खतरे से बच सके।
  3. सुरक्षित चिकित्सा उपचार:
    नशे से मुक्ति पाने के लिए सुरक्षित और प्रभावी चिकित्सा उपचार की आवश्यकता है। इसके लिए सरकार को विश्वसनीय और उच्च गुणवत्ता वाले इलाज की सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिए।
  4. स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी:
    स्वयंसेवी संगठनों को भी इस अभियान में शामिल किया जाना चाहिए, ताकि वे नशे के शिकार लोगों तक पहुंच सकें और उन्हें इलाज के लिए प्रेरित कर सकें।

नशे की लत एक गंभीर समस्या है, जो केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय स्तर पर भी गंभीर प्रभाव डालती है। इसलिए सरकार द्वारा शुरू किए गए अभियान और नशा मुक्ति केंद्रों की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि यह अभियान सही तरीके से लागू होता है, तो यह लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बना सकता है। लेकिन इसके लिए सभी नागरिकों को भी इसमें सहयोग देना होगा। इस पहल के सफल होने के लिए हमें जागरूकता बढ़ानी होगी और नशे के खिलाफ एक मजबूत सामाजिक मोर्चा बनाना होगा।

Back to top button