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NIA raids: एनआईए ने 5 राज्यों में 22 जगहों पर मारे छापे, आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े मामले में कार्रवाई

NIA raids: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़ी गतिविधियों के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, असम और दिल्ली में छापेमारी की है। ये छापे कुल 22 स्थानों पर मारे गए हैं। जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में भी एनआईए द्वारा छापेमारी की गई है। मालेगांव के मशरिकी इकबाल रोड पर स्थित अब्दुल्ला नगर के एक होम्योपैथी डॉक्टर के क्लिनिक में देर रात से ही छापेमारी जारी है।

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई

अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ अपनी जांच के तहत शनिवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने कई राज्यों में 22 जगहों पर तलाशी ली। यह छापेमारी जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, असम और दिल्ली में की गई है। इस बड़े अभियान का उद्देश्य आतंकी नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना और देश में सक्रिय आतंकी संगठनों के आधारभूत ढांचे को ध्वस्त करना है।

NIA raids: एनआईए ने 5 राज्यों में 22 जगहों पर मारे छापे, आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े मामले में कार्रवाई

महाराष्ट्र के मालेगांव में भी छापेमारी

एनआईए ने महाराष्ट्र के मालेगांव में भी कार्रवाई की, जहां मशरिकी इकबाल रोड पर अब्दुल्ला नगर स्थित एक होम्योपैथी क्लिनिक में तलाशी अभियान चलाया गया। मालेगांव कई बार पहले भी आतंकी गतिविधियों के संदर्भ में चर्चा में रहा है, और एनआईए द्वारा यहां की गई छापेमारी को अहम माना जा रहा है। इस छापेमारी के पीछे मकसद आतंकी संगठनों के संभावित ठिकानों और उनके संपर्कों का खुलासा करना है, जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं।

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ अभियान

एनआईए ने जम्मू-कश्मीर में भी कई जगहों पर छापेमारी की है, जो आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है। इस क्षेत्र में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मजबूत ठिकाने होने की संभावना है। यह संगठन लंबे समय से भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहा है और इसका मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता फैलाना और भारत की सुरक्षा को चुनौती देना है।

असम और उत्तर प्रदेश में भी तलाशी अभियान

असम और उत्तर प्रदेश में भी एनआईए ने जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े संदिग्धों के खिलाफ तलाशी अभियान चलाया। उत्तर प्रदेश, जहां पहले से ही कई आतंकी गतिविधियों का खुलासा हो चुका है, इस छापेमारी से वहां के संदिग्ध आतंकी ठिकानों की जानकारी प्राप्त हो सकती है। असम, जो पूर्वोत्तर भारत में स्थित है, में भी एनआईए की इस कार्रवाई का उद्देश्य आतंकी नेटवर्क की कमर तोड़ना है।

एनआईए की पश्चिम बंगाल में हालिया छापेमारी

इससे पहले, एनआईए ने पश्चिम बंगाल में भी कई स्थानों पर छापेमारी की थी। एनआईए की टीम ने दक्षिण 24 परगना, आसनसोल, हावड़ा, नदिया और कोलकाता जिलों में संदिग्धों के आवासों की गहन तलाशी ली। इन संदिग्धों पर सीपीआई (माओवादी) के सक्रिय सदस्य होने का आरोप था और माना जा रहा है कि उन्होंने संगठन के कमांडरों को नक्सली गतिविधियों को अंजाम देने में मदद की थी।

महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त

पश्चिम बंगाल में हुई तलाशी के दौरान एनआईए ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, पत्रक, पत्रिकाएं और हस्तलिखित पत्र जब्त किए थे। एनआईए के अनुसार, यह मामला प्रतिबंधित संगठन के पोलित ब्यूरो, केंद्रीय समिति के सदस्यों, कार्यकर्ताओं और समर्थकों की साजिश से संबंधित था, जो नक्सली गतिविधियों को अंजाम देने के प्रयास में थे। इन दस्तावेजों से यह साफ होता है कि नक्सली और आतंकी संगठन एक संगठित तरीके से देश की सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं।

आतंकवाद के खिलाफ एनआईए की सख्त कार्रवाई

एनआईए द्वारा किए जा रहे छापे यह दिखाते हैं कि एजेंसी आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। देशभर में जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए एनआईए लगातार बड़े अभियान चला रही है। आतंकी संगठनों के नेटवर्क को ध्वस्त करना और उनके वित्तीय स्रोतों को बंद करना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है।

एनआईए की इस कार्रवाई से यह साफ है कि भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियां आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही हैं। आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करके देश की सुरक्षा को मजबूत करना एनआईए का प्रमुख उद्देश्य है।

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