Nitin Gadkari: ‘भारतीयों को दुश्मनों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए’, गडकरी ने ‘विभाजन हुआ तो काट दिए जाएंगे’ के नारे का बचाव किया
केंद्रीय मंत्री Nitin Gadkari ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘विभाजन पर काट दिए जाएंगे’ नारे का समर्थन किया और कहा कि इसे गलत तरीके से समझा नहीं जाना चाहिए। गडकरी ने कहा कि यह नारा देश के शत्रुओं और आतंकवादियों के खिलाफ भारतीयों को एकजुट होने का आह्वान है, न कि किसी समुदाय या धर्म को विभाजित करने के लिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह दुख की बात है कि कुछ लोग इस नारे का गलत मतलब निकाल रहे हैं।
गडकरी का बयान: ‘नारे का गलत मतलब न निकाला जाए’
नितिन गडकरी ने इस बयान को स्पष्ट करते हुए कहा, “हमारे पूजा करने का तरीका अलग हो सकता है, कुछ लोग मंदिर जाते हैं, कुछ मस्जिद और चर्च जाते हैं, लेकिन अंत में हम सभी भारतीय हैं। हमें इस नारे को गलत तरीके से नहीं समझना चाहिए। इसका उद्देश्य केवल देश के शत्रुओं और आतंकवादियों के खिलाफ एकजुट होना है, न कि किसी को बांटने का।” गडकरी का यह बयान इस समय राजनीतिक गलियारों में हो रही बहस के बीच आया है, जिसमें कई नेता इस नारे को विभाजनकारी और उत्तेजक मान रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ का नारा और राजनीतिक प्रतिक्रिया
योगी आदित्यनाथ ने यह नारा हाल ही में एक सार्वजनिक बैठक में दिया था, जिसके बाद इसे लेकर कई राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आईं। जहां एक ओर कुछ नेता इस नारे का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कई विपक्षी नेता इसे एक उत्तेजक और विभाजनकारी बयान मान रहे हैं। गडकरी ने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इस नारे का मकसद किसी समुदाय को विभाजित करना नहीं है, बल्कि यह देश के शत्रुओं और आतंकवादियों को चेतावनी देने का एक तरीका है।
महायुति सरकार की जीत का दावा
नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर भी बयान दिया और दावा किया कि आगामी चुनावों में महायुति गठबंधन की सरकार राज्य में सत्ता में लौटेगी। गडकरी ने कहा, “लोकसभा चुनावों के दौरान माहौल कुछ अलग था, लेकिन अब विधानसभा चुनावों में शिवसेना और कांग्रेस के विचार मेल नहीं खा रहे हैं। महायुति गठबंधन में विश्वास है कि हम चुनाव जीतेंगे और सरकार बनाएंगे।”
मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर गडकरी का बयान
महायुति गठबंधन से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर गडकरी ने कहा कि यह चुनाव एक साझा नेतृत्व के तहत हो रहे हैं, जिसमें एकनाथ शिंदे, अजीत पवार और देवेंद्र फडणवीस का नेतृत्व है। गडकरी ने कहा, “चुनावों के बाद, इन तीनों नेताओं, पार्टी के उच्च नेतृत्व और चुने गए प्रतिनिधियों द्वारा मुख्यमंत्री का चयन किया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि चुनावों के बाद गठबंधन में सामूहिक नेतृत्व का निर्णय लिया जाएगा, जो कि महायुति गठबंधन की ताकत को दर्शाता है।
राजनीतिक बयानबाजी पर गडकरी की प्रतिक्रिया
गडकरी ने इस दौरान विपक्ष द्वारा किए जा रहे आरोपों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का विरोध केवल राजनीति का हिस्सा है, और महायुति सरकार के साथ जनता का विश्वास है। गडकरी ने यह भी कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के बीच अब कोई सामंजस्य नहीं है, जो उनकी आगामी हार का संकेत है।
नितिन गडकरी का यह बयान इस समय की राजनीतिक परिस्थिति को साफ तौर पर दर्शाता है। जहां एक ओर योगी आदित्यनाथ के नारे को लेकर राजनीतिक बवाल मचा हुआ है, वहीं गडकरी ने इसे देश के शत्रुओं के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान बताया। इसके अलावा, महायुति गठबंधन की आगामी चुनावों में जीत का दावा गडकरी ने बड़ी मजबूती से किया है, और इस मामले में पार्टी के नेतृत्व के सामूहिक निर्णय की बात की है। इस तरह से नितिन गडकरी ने अपने बयान से न केवल योगी आदित्यनाथ के नारे का समर्थन किया, बल्कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति की जीत को लेकर आश्वस्त भी किया है।