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हरियाणा सहकारिता घोटाले में अब एसीबी के निशाने पर गुंजन,जानिए कौन है ये

सत्य खबर, चंडीगढ़ ।

हरियाणा के 100 करोड़ से अधिक के सहकारिता घोटाले में अब एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) इंटरपोल की मदद लेगी। इसकी वजह कनाडा में रहने वाली इस घोटाले की मास्टरमाइंड अनु कौशिश की बहन गुंजन कौशिश है। अनु कौशिश ने सहकारिता विभाग के करोड़ों रुपए हवाला के जरिए इसी के पास कनाड़ा और दुबई में भेजा है। इसे नोटिस जारी किया जाएगा।

इस घोटाले की जांच कर रही एसीबी की टीम के सूत्रों का कहना है कि गुंजन से पूछताछ में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। इसका कारण है कि इस घोटाले में कुछ बड़े नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स के नाम आने की संभावना है, इसलिए एसीबी हर पहलू पर पुख्ता सबूत और जानकारी एकत्र करने पर फोकस कर रही है। इससे कोर्ट में केस जाने पर मामले की अच्छी पैरवी की जा सके।

सबसे अहम बात यह है कि इस पूरे मामले का डेली अपडेट एसीबी चीफ और डीजीपी शत्रुजीत कपूर से खुद सीएम मनोहर लाल ले रहे हैं।

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केस में इंटरपोल की मदद लेने की वजह यह है कि गुंजन कौशिश (अनु कौशिश की बहन) के पास कनाडा की पीआर शिप है। इस वजह से एसीबी के द्वारा गुंजन को गिरफ्तार करना संभव नहीं है। इस कारण से एसीबी यह योजना बना रही है कि गुंजन तक पहुंचने के लिए इंटरपोल सबसे बढ़िया जरिया है। एसीबी के कुछ अधिकारियों का कहना है कि पैसा रिकवरी और इस केस की गुंजन अहम कड़ी साबित हो सकती है।

सहकारिता घोटाले में एसीबी ने 13 मई 2023 में गुरुग्राम में 21 नंबर एफआईआर दर्ज कराई थी। इस एफआईआर में इस घोटाले की मास्टरमाइंड अनु कौशिश की कनाडा में रहने वाली बहन गुंजन कौशिश, दूसरी बहन नताशा कौशिश और उसके पिता और मां के नाम शामिल किए हैं। इस केस में अभी तक गुंजन को छोड़कर एसीबी सभी की गिरफ्तारी कर चुकी है। अनु अभी जेल में हैं, अन्य लोग बेल पर बाहर आए हुए हैं। रेवाड़ी कोर्ट से नताशा कौशिश को 23 जनवरी 2024 को बेल मिली है। अब कल फिर इस मामले की सुनवाई है।

एसीबी के गुरुग्राम में दर्ज FIR में अनु कौशिश सहित अन्य लोगों के खिलाफ कई संगीन धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इनमें 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। घोटाले के आरोपियों के खिलाफ 409, 420, 120B IPC, 467, 468, 4171, 201 & सेक्शन 7, 8, 13(1) b read with 13(2) of PC एक्ट की धाराएं शामिल की गई हैं।

इस 100 करोड़ के घोटाले की मास्टरमाइंड असिस्टेंट रजिस्ट्रार अनु कौशिश और बिजनेसमैन स्टालिनजीत सिंह को एसीबी बता रही है। इन्होंने ही फेक बिल और फर्जी कंपनियों के नाम पर सरकारी पैसे को ठिकाने लगाया। साथ ही अपने बैंक अकाउंट का पैसा हवाला के जरिए दुबई और कनाडा तक पहुंचाया। ये दोनों भी विदेश भागने की फिराक में थे, लेकिन हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को इसकी भनक लग गई और दोनों को गिरफ्तार कर लिया।

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एसीबी ने मामले की गहनता से जांच करते हुए इसमें संलिप्त 6 गजेटेड अधिकारियों, ICDP रेवाड़ी के 4 अन्य अधिकारियों और 4 निजी व्यक्तियों की गिरफ्तारी की है।

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