राष्‍ट्रीय

Bangladesh में हिंदू और अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रही हिंसा के खिलाफ विदेशों में NRIs का जोरदार विरोध

Bangladesh में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ जारी हिंसा के खिलाफ अब दुनिया भर में बसे भारतीय प्रवासी नागरिकों (NRIs) का गुस्सा उबाल मार रहा है। 100 से ज्यादा देशों में NRIs बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, प्रार्थना सभाएँ और ज्ञापन सौंपने की मुहिम चला रहे हैं। उनका प्रमुख मांग है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के मानवाधिकारों की रक्षा की जाए और हिंसा को तुरंत रोका जाए।

NRIs का अभियान तेज़ हुआ

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदू समुदाय, के खिलाफ हो रही हिंसा और अत्याचारों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए NRIs ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अभियान तेज़ कर दिया है। वे दुनिया भर में रहने वाले समाजों और सरकारों को इस गंभीर स्थिति के बारे में बता रहे हैं ताकि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाया जा सके। NRIs का मानना है कि बांग्लादेश की सरकार, जो कि इस समय कट्टरपंथियों के प्रभाव में है, अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने में नाकाम रही है। इसलिए इन NRIs का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मुद्दे पर जागरूक करना और बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालना है।

Bangladesh में हिंदू और अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रही हिंसा के खिलाफ विदेशों में NRIs का जोरदार विरोध

अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड, सिंगापुर और इंडोनेशिया जैसे देशों में इस अभियान को लेकर जागरूकता फैलाने के प्रयास तेज़ हो गए हैं। NRIs ने इन देशों में विभिन्न आंदोलनों, प्रार्थना सभाओं और विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया है, और बांग्लादेश सरकार को मानवाधिकारों की रक्षा करने के लिए मजबूर करने की कोशिश की है।

अमेरिका में बड़ा प्रदर्शन की तैयारी

बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अमेरिकन धरती पर भी एक बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। यह प्रदर्शन 9 दिसंबर को अमेरिकी संसद के कॅपिटल हिल पर होने वाला है, जो ‘अंतरराष्ट्रीय नरसंहार दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन को बांग्लादेश की मुक्ति के रूप में याद किया जाता है, जब 16 दिसंबर 1971 को भारत के सहयोग से बांग्लादेश ने पाकिस्तान से स्वतंत्रता प्राप्त की थी।

इस प्रदर्शन में हिंदू स्वयसेवक संघ (HSS) और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के साथ-साथ अन्य हिंदू धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों ने भी भाग लिया है। इसमें राजनीति, सार्वजनिक प्रतिनिधित्व और हिंदू उत्पत्ति वाले व्यवसायी भी शामिल हो गए हैं। इन संगठनों का उद्देश्य बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाना है कि वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करे और उन्हें हिंसा से सुरक्षा प्रदान करे।

संयुक्त राष्ट्र पर दबाव बनाने की कोशिश

इसके साथ ही, NRIs और अन्य समर्थक देशों पर दबाव बना रहे हैं, विशेषकर उन देशों पर जो बांग्लादेश को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहे हैं। NRIs ने इन देशों से यह अपील की है कि वे बांग्लादेश को आर्थिक मदद तभी दें जब वहां के अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदू समुदाय, के अधिकारों की सुरक्षा की गारंटी हो।

इसी के तहत, बांग्लादेश को सहायता देने वाले देशों से यह भी कहा जा रहा है कि वे अपनी वित्तीय मदद को तब तक रोकें जब तक बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों को उनके मूलभूत अधिकार न मिलें। इसके अलावा, NRIs संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से भी इस मुद्दे में हस्तक्षेप की अपील कर रहे हैं ताकि बांग्लादेश में हो रही हिंसा को रोका जा सके।

बांग्लादेशी उत्पादों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहिष्कार

बांग्लादेश में हो रहे हिंसा और अत्याचारों के खिलाफ एक और कदम उठाया गया है, और वह है बांग्लादेशी उत्पादों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहिष्कार। विशेष रूप से बांग्लादेश में कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के वस्त्र उत्पादित होते हैं। इन कंपनियों से आग्रह किया जा रहा है कि वे बांग्लादेश से उत्पाद न मंगवाएं, क्योंकि इन उत्पादों में हिंदुओं का खून सना हुआ है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह अभियान जोर पकड़ रहा है, जिसमें सोशल मीडिया पर बांग्लादेश से मंगवाए गए उत्पादों के बहिष्कार की अपील की जा रही है। इसके तहत, कई प्रमुख ब्रांड्स के नाम भी सोशल मीडिया पर साझा किए जा रहे हैं और इनके उत्पादों के बहिष्कार की मांग की जा रही है।

हिंदू समुदाय की ओर से एकजुटता का संदेश

NRIs के इस आंदोलन में हिंदू समुदाय के लोग एकजुट होकर इस हिंसा का विरोध कर रहे हैं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की मांग कर रहे हैं। वे यह मानते हैं कि बांग्लादेश जैसे बहुलवादी देश में अल्पसंख्यकों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता। इस आंदोलन का उद्देश्य बांग्लादेश सरकार को यह अहसास दिलाना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मुद्दे पर गंभीर है और बांग्लादेश को इसपर ठोस कदम उठाने होंगे।

बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा के खिलाफ NRIs का आंदोलन अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेज़ हो गया है। इनकी मुहिम का उद्देश्य बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालकर वहां के अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करना है। यह आंदोलन ना केवल बांग्लादेश की सरकार को जवाबदेह ठहराने की कोशिश है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी यह संदेश देने का प्रयास है कि किसी भी समाज में अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए।

Back to top button