Operation Sindoor: INS विक्रांत को डुबोने निकली पाकिस्तानी पनडुब्बी… इतिहास दोहराएगा पाकिस्तान?

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान को गहरी चोट दी। इससे बौखलाए पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार की रात भारत के सैन्य ठिकानों पर मिसाइल, ड्रोन और रॉकेट से हमला किया, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने इस हमले को पूरी तरह नाकाम कर दिया। इस दौरान एस-400 और आकाश डिफेंस सिस्टम ने 30 से ज्यादा ड्रोन और 8 मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया।
इस हमले के बाद भारत ने पलटवार करते हुए वायुसेना और नौसेना को सक्रिय किया। INS विक्रांत की तैनाती अरब सागर में की गई, जहां से खबर है कि भारत ने कराची पोर्ट पर करारा हमला किया। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है। इसी बीच चर्चा है कि पाकिस्तान एक बार फिर समुद्री मोर्चे पर जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है और अतीत की तरह INS विक्रांत को निशाना बना सकता है। मगर पाकिस्तान शायद यह भूल गया है कि 1971 में इसी तरह की कोशिश PNS गाजी ने की थी और वो खुद समंदर में समा गई थी।
PNS गाजी एक अमेरिकी पनडुब्बी थी, जिसे पाकिस्तान ने 1963 में किराए पर लिया था। इसका असली नाम USS डियाब्लो था। भारत-पाक युद्ध 1971 से ठीक पहले पाकिस्तान ने इसे INS विक्रांत को डुबोने के मिशन पर भेजा था, लेकिन भारतीय नौसेना की चतुराई से यह योजना बुरी तरह नाकाम हो गई। INS राजपूत ने विशाखापत्तनम के पास PNS गाजी की मौजूदगी भांप ली और समुद्र में गहराई तक बम गिराकर उसे नेस्तनाबूद कर दिया। 4 दिसंबर 1971 की सुबह दुनिया को पता चला कि पाकिस्तान की सबसे घातक पनडुब्बी समंदर में डूब चुकी है।
PNS गाजी के डूबने को लेकर आज भी कई थ्योरी हैं। भारतीय नौसेना का मानना है कि INS राजपूत की बमबारी से गाजी डूबी, जबकि पाकिस्तान का दावा है कि गाजी ने खुद के लगाए बमों से टकराकर आत्मघाती गलती कर दी। एक और आशंका ये है कि पनडुब्बी में हाइड्रोजन गैस बनी, जो विस्फोट का कारण बनी।
अब सवाल है कि क्या जनरल असीम मुनीर 1971 की गलती दोहराएंगे? क्या एक बार फिर पाकिस्तान का कोई “गाजी” समंदर में समा जाएगा? इतिहास यही बताता है कि भारत की नौसेना सिर्फ रक्षा नहीं करती, दुश्मन को इतिहास में दर्ज कर देती है।