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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर अड़ा विपक्ष, वरिष्ठ नेता ने जताई आपत्ति

Opposition stuck over Ram Lalla’s life prestige, senior leader expressed objection,

सत्य खबर: नई दिल्ली:

अयोध्या में भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर कांग्रेस नेताओं के बीच मतभेद उजागर होने लगे हैं। जहां एक ओर पार्टी के कुछ नेता इस कार्यक्रम से दूरी बनाने की बात करते हुए भाजपा को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रियंका गांधी के करीबी माने जाने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम का कहना है कि जिन लोगों ने आमंत्रण मिलने के बावजूद रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया तो यह उनका बहुत बड़ा दुर्भाग्य होगा। उन्होंने कहा कि देश में कुछ लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करके खुद को ही बर्बाद कर रहे हैं।

उनका यह बयान कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कर्नाटक के मंत्री दशारथैया सुधाकर के बयान के बाद सामने आया है। सुधाकर ने कहा है कि हमें दो बार मूर्ख बनाया जा चुका है मगर हमें विश्वास है कि हमें तीसरी बार मूर्ख नहीं बनाया जा सकेगा।

कांग्रेस समेत विपक्षी नेताओं को आमंत्रण

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अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी की नेता सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी समेत विपक्ष के कई नेताओं को आमंत्रण मिला है। हालांकि इन नेताओं ने अभी तक खुलकर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है मगर इन नेताओं के कार्यक्रम में हिस्सा लेने की संभावना नहीं है।

इस बीच माकपा नेता सीताराम येचुरी और शिवसेना यूबीटी के नेता उद्धव ठाकरे ने तो इस कार्यक्रम की आलोचना की है। माकपा नेता ने तो इस कार्यक्रम में जाने से साफ तौर पर इनकार कर दिया है। विपक्ष के कई अन्य नेता भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर भाजपा पर राजनीति करने का बड़ा आरोप लगा रहे हैं।

मोदी का विरोध करके हो जाएंगे बर्बाद

इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध कर सकते हैं, उनके कुछ फैसलों का विरोध कर सकते हैं मगर कुछ लोग मोदी का विरोध करके खुद को ही बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। उनका इशारा कांग्रेस के उन नेताओं की ओर था जो अयोध्या के कार्यक्रम को लेकर तल्ख बयानबाजी करने में जुटे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि यह नकारात्मक ऊर्जा है जिसमें हम खुद को बर्बाद कर रहे हैं। यह लोग नास्तिक और नकारात्मक लोग हैं। राम का विरोध करने वाले लोगों के लिए राजनीति में भी जगह नहीं होनी चाहिए। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र में इस तरह के कार्यक्रमों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।

तीसरी बार नहीं बनेंगे मूर्ख

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दरअसल अयोध्या के कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस नेता इन दिनों खूब बयानबाजी में जुटे हुए हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल में कहा था कि वे भी हिंदू हैं और गांवों में राम मंदिर बनवाते रहते हैं। इसके साथ ही पूजा-अर्चना में भी कभी पीछे नहीं रहते। उनका यह भी करना था कि हम अयोध्या में राम मंदिर के खिलाफ नहीं हैं मगर पूजा-अर्चना को लेकर भावनाओं पर सवाल नहीं खड़े किए जाने चाहिए। इसके साथ ही धर्म और राजनीति के घालमेल को भी उचित नहीं माना जा सकता।

कर्नाटक के एक अन्य मंत्री डी सुधाकर ने राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम को राजनीतिक स्टंट बताया था। उनका कहना था कि देश के लोग मूर्ख नहीं है। हमें दो बार मूर्ख बनाया गया था मगर हम तीसरी बार मूर्ख नहीं बनने वाले हैं। उन्होंने राम मंदिर के निर्माण में धन और ईंटों का सहयोग करने का दावा भी किया था।

कांग्रेस को सता रहा इस बात का डर

सियासी जानकारी का कहना है कि कांग्रेस को राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम के जरिए भाजपा के सियासी बढ़त लेने का डर सता रहा है। इसीलिए कांग्रेस के कुछ नेताओं की ओर से तल्ख बयानबाजी की जा रही है। हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद कृष्णम ने इस तरह की बयानबाजी पर आपत्ति जताई है। अब यह देखने वाली बातें होगी कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की ओर से इस मुद्दे पर क्या रवैया अपनाया जाता है।

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