Haryana
कृषि विभाग द्वारा गांव हाडवा में किया गया किसान खेत पाठशाला का आयोजन – डा. सुभाष
सत्यखबर, पिल्लूखेड़ा (संजय जिन्दल) – कृषि विभाग द्वारा गांव हाडवा में किसान खेत पाठशाला का आयोजन किया गया। खेत पाठशाला में कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. यशपाल मलिक मुख्यवक्त के तौर पर पहुंचे। डा. मलिक ने किसानों को धान की फसल में लगने वाले कीड़े व बीमारियों की पहचान करवाई व उनके नियत्रंण […]
सत्यखबर, पिल्लूखेड़ा (संजय जिन्दल) – कृषि विभाग द्वारा गांव हाडवा में किसान खेत पाठशाला का आयोजन किया गया। खेत पाठशाला में कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. यशपाल मलिक मुख्यवक्त के तौर पर पहुंचे। डा. मलिक ने किसानों को धान की फसल में लगने वाले कीड़े व बीमारियों की पहचान करवाई व उनके नियत्रंण के तरीके बताए। उन्होंने बताया कि इस समय जैसा मौसम चल रहा है। उसमें धान की शीथ बलाईट बीमारी आ सकती है। इसके लिए धान के तने के साथ लगती पती को ध्यान से देखें, यदि उस पर बैंगनी रंग के धब्बे दिखाई दें तो उस खेत का पानी सुखा दे व उसमें वैल्डामाईसिन 250-300 मिली लीटर या हैक्जाकोनाजोल 5 प्रतिशत ई.सी. 400 मिली लीटर प्रति एकड़ फंफूद नाशक का 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करे, पत्तों पर बूरे रंग के आंख के आकार के धब्बे दिखाई देने पर कार्बनडाजिम 250 ग्राम या ट्राईसाईक्लाजोल 125 ग्राम प्रति एकड़ का दिड़काव करे।
कृषि विकास अधिकारी डा. सुभाष चंद्र ने धान में तना छेदक व पत्ता लपेट सूंडी के नियत्रंण के लिए जैविक विधि से तैयार दसपर्णी या नीमास्त्र का छिड़काव करने की सलाह दी। उन्होंने किसानों को जैविक खेती के फायदे बताए। किसान रमेश कुमार के खेत पर जैविक विधि से पैदा की गई धान का प्रदर्शन प्लांट किसानों को दिखाया। जिसमें किसी प्रकार की बीमारी का प्रकोप नहीं मिला। बी.टी.एम. मंजीत कुमार ने किसानों को धान की पराली के प्रबंधन हेतु सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम व हैप्पीसीडर की जानकारी दी। उन्होंने किसानों को धान की कटाई के बाद हैप्पीसीडर से गेहूं की बिजाई करने की सलाह दी। इसके अलावा किसानों को अपनी फसल का ब्योरा ई दिशा पोर्टल पर सी.एस.सी. पर जाकर दर्ज करवाने की सलाह दी। इस दौरानए.टी.एम. मुकेंद्र सिंह क साथ रमेश सुमेर, नवीन, सत्यवान, राजकुमार, फूलकुमार व शमशेर आदि किसानों ने भाग लिया।