Pamban Bridge की वापसी 61 साल बाद फिर चला लहरों के ऊपर रेल का जादू

Pamban Bridge: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अप्रैल को तमिलनाडु के रामेश्वरम में नए Pamban Bridge का उद्घाटन किया यह ब्रिज तकनीक और लिफ्ट स्पैनर के कारण काफी समय से चर्चा में रहा है यह ब्रिज पंबन द्वीप को मुख्य भूमि से जोड़ता है पुराना ब्रिज 1964 के तूफान में तबाह हो गया था
अब तूफानों से नहीं डरेगा ब्रिज
रेल विकास निगम लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि नया ब्रिज 230 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं को भी झेल सकता है जबकि पुराना ब्रिज 160 किलोमीटर प्रति घंटे की हवाओं में तबाह हो गया था इस बार इसे भूकंप झेलने के लिए भी तैयार किया गया है
Historic Moment!🚆🇮🇳
Hon’ble Prime Minister Shri Narendra Modi flags off the first train on the iconic #NewPambanBridge marking a new era in India’s railway infrastructure!@PMOIndia @narendramodi @AshwiniVaishnaw @RailMinIndia #IndianRailways #SouthernRailway pic.twitter.com/621rNFNpEq
— Southern Railway (@GMSRailway) April 6, 2025
खास डिजाइन और सुरक्षा इंतजाम
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक ब्रिज में ऐसा स्पैन बनाया गया है जो जरूरत पड़ने पर जहाजों के लिए खुल सकता है यह डिजाइन करना बहुत मुश्किल था क्योंकि 61 साल पहले इसी जगह पर ब्रिज तबाह हुआ था इस बार मजबूती का खास ख्याल रखा गया है
लिफ्ट स्पैनर केवल जहाज के समय खुलेगा
रेलवे अधिकारी ने बताया कि ब्रिज का लिफ्ट स्पैन हमेशा नीचे की स्थिति में रहेगा और केवल तब ही खुलेगा जब कोई जहाज निकलेगा नए ब्रिज के गर्डर समुद्र तल से 4.8 मीटर ऊपर हैं जिससे ज्वार के समय भी पानी ऊपर नहीं पहुंचेगा पुराने ब्रिज में ऐसा नहीं था
1964 की भीषण तबाही
22 दिसंबर 1964 को आए भीषण चक्रवात में Pamban Bridge और आसपास का इलाका तबाह हो गया था उस रात एक पैसेंजर ट्रेन में करीब 110 यात्री थे जो समुद्र की लहरों में समा गए थे अनुमान है कि इस हादसे में लगभग 200 लोगों की जान गई थी