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संसद सुरक्षा चूक मामला : आरोपियों के बचाव में उतरे अखिलेश यादव

Parliament security lapse case Akhilesh Yadav comes in defense of the accused

सत्य खबर/ नई दिल्ली: संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर देश की सियासत गर्म है. विपक्ष ने केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा को 18 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया. इस बीच लोकसभा में अराजकता फैलाने वाले आरोपियों को लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा कि बेरोजगारी से परेशान युवा गूंगी-बहरी सरकार को जगाने के लिए सदन में कूद पड़े.

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए सपा नेता ने कहा कि जब कुछ पत्रकारों ने युवक के परिवार से बात की तो उन्होंने बताया कि युवक रोजगार न मिल पाने के कारण दुखी था. इसलिए वो युवा गूंगी-बहरी सरकार को जगाने के लिए लोकसभा में कूद पड़े.
शुक्रवार को एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए कन्नौज आए अखिलेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट (सेंट्रल विस्टा) में खराब सुरक्षा व्यवस्था बीजेपी की कोई साजिश और साजिश नहीं है. बीजेपी अब आंतरिक सुरक्षा के नाम पर लोगों को डराने की तैयारी में है.इससे पहले गुरुवार को पूर्व

मुख्यमंत्री ने संसद के बाहर हंगामा कर रहे दोनों आरोपियों का वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा था, ‘लोकसभा में दर्शक दीर्घा से दो युवकों का कूदना संसद की सुरक्षा के साथ गंभीर खिलवाड़ है. संसद। यह एक गंभीर सुरक्षा चूक है. इसकी तुरंत जांच होनी चाहिए और इसे अंदर घुसने देने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए. यह घटना देश भर के विभिन्न स्थानों और राज्यों से जुटे युवा मन की हताशा का परिणाम है। यह घटना जहां अपने आप में निंदनीय है, वहीं चिंता का विषय भी इस मायने में है कि अगर युवा इसी तरह वर्तमान से निराश होंगे और उन्हें भविष्य के प्रति कोई उम्मीद नहीं रहेगी, तो यह देश के लिए अच्छा नहीं होगा. यह घटना व्यवस्था के दरवाजे पर एक चेतावनी भरी दस्तक है.

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मास्टरमाइंड को 7 दिन की रिमांड पर भेजा गया
13 दिसंबर को संसद के अंदर और बाहर हुए बवाल के मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इस घटना के मास्टरमाइंड ललित झा ने दिल्ली पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था, जिसके बाद शुक्रवार को उसे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उसे सात दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है. पूछताछ में ललित ने बताया कि वे देश में अराजकता फैलाना चाहते थे, ताकि सरकार को अपनी मांगें पूरी करने के लिए मजबूर कर सकें. पुलिस इस मामले में विदेशी फंडिंग की भी जांच करेगी.

इस तरह 4 आरोपियों ने संसद के अंदर और बाहर जमकर उत्पात मचाया
बुधवार को संसद पर हुए आतंकी हमले की 22वीं बरसी भी थी. सुबह का सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी वरिष्ठ नेताओं ने संसद की सुरक्षा के दौरान शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद 11 बजे से लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई. जब प्रश्नकाल चल रहा था, अचानक दो व्यक्ति (सागर शर्मा और मनोरंजन डी) दर्शक दीघा से सदन में कूद पड़े। आरोपियों ने अपने जूतों में छुपाया हुआ कलर स्प्रे निकाला और स्प्रे करना शुरू कर दिया और नारे लगाने लगे. जब सांसद उन्हें पकड़ने के लिए आगे बढ़े तो वे एक टेबल से दूसरी टेबल पर कूदने लगे. आख़िरकार सांसदों ने उसे पकड़ लिया और जमकर पिटाई की. इसके बाद दोनों को सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया गया.

जब लोकसभा में यह घटना हो रही थी तो एक महिला और एक पुरुष संसद के बाहर कनस्तरों से रंगीन गैस छिड़क रहे थे और नारे लगा रहे थे. दोनों की पहचान हरियाणा की नीलम आज़ाद और महाराष्ट्र के अमोल शिंदे के रूप में हुई। जब नीलम को पुलिस गिरफ्तार कर रही थी तो वह नारे लगा रही थी कि तानाशाही नहीं चलेगी। संसद मार्ग थाने में आरोपियों से शुरुआती पूछताछ के बाद मामला दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सौंप दिया गया.

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आरोपियों के खिलाफ यूएपीए लगाया गया
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एक और आरोपी विक्की शर्मा को 13 दिसंबर की देर रात गुरुग्राम स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने उसकी पत्नी वृंदा को भी हिरासत में ले लिया. हालांकि इस मामले में उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है. पुलिस के मुताबिक, घटना से पहले सभी आरोपी यहीं रह रहे थे. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सभी आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने जिन छह लोगों को आरोपी बनाया है, वे हैं- सागर शर्मा, अमोल शिंदे, नीलम आजाद, मनोरंजन डी, ललित झा और विक्की शर्मा. इनमें से ललिता झा ही फरार थी. बाद में उसने खुद ही थाने में सरेंडर कर दिया.

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