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भारत में सस्ता हो सकता है पेट्रोल, जानिए कैसे

Petrol can become cheaper in India know how

सत्य खबर, नई दिल्ली : भले ही कच्चे तेल की कीमतें इंटरनेशनल मार्केट में सोमवार को मामूली बढ़त के साथ बंद हुई हों, लेकिन इसमें लगातार 7वें हफ्ते भी गिरावट ही देखने को मिली है. पांच साल में पहली बार ऐसा देखने को मिला जब लगातार 7 हफ्तों तक कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली हो. वो भी तब जब कच्चे तेल पैदा करने वाले देशों के संगठन ने प्रोडक्शन में कटौती अगले साल मार्च तक बढ़ाने का संकेत दिया हो. जानकारों की मानें तो सप्लाई में इजाफा और फ्यूल की डिमांड में कमी की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में नरमी देखने को मिल रही है. जिसका फायदा भारत की ऑयल कंपनियों को हो रहा है. वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की तीन ऑयल कंपनियों ने कच्चे तेल में नरमी और रूस से सस्ता तेल लेकर बेचने के बाद 28 हजार करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है.

जिसे देखते हुए वित्त मंत्रालय और तेल मंत्रालय में मंथन शुरू हो चुका है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगले कुछ हफ्तों में देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत में कटौती पर विचार कर रहा है. दोनों मंत्रालयों का मत है कि ऑयल कंपनियों का घाटा खत्म हो चुका है. सभी कंपनियां मुनाफे में आ चुकी है. ऐसे में अब सस्ते कच्चे तेल की कीमत का फायदा आम लोगों को मिलना चाहिए. ऐसा करके सरकार एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश कर रही है.

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पहला निशाना महंगाई पर होगा. पेट्रोल और डीजल के दाम कम कर देश में महंगाई के लेवल को कंट्रोल किया जाएगा. दूसरा निशाना आम लोगों की जेब पर होगा. वास्तव में महंगाई कम होगी तो सरकार आरबीआई के आसरे ईएमआई में कटौती का प्लान बना सकती है. इसका मतलब है कि ब्याज दरों को कम कर राहत दे सकती है. तीसरा निशाना देश के 100 करोड़ वोटर्स पर होगा. देश के में अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. आम लोगों को राहत देकर सरकार ज्यादा से ज्यादा वोट अपनी ओर खिसकाने का प्रयास करेगी.

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देश में मई 2022 से पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया है. तब से लेकर अब तक देश के लोग कई राज्यों में 100 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा पेट्रोल लेने को मजबूर हैं. कोलकाता, मुंबई, चेन्नई और बेंगलूरू जैसे बड़े शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा है. डीजल के दाम इन्हीं शहरों में 90 रुपए या उससे ज्यादा हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मौजूदा समय में कच्चे तेल के दाम कितने हो गए हैं. देश के महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमत क्या है?

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5 साल में सबसे लंबी साप्ताहिक गिरावट
इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत में लगातार 7वें हफ्ते गिरावट देखने को मिली है. साल 2018 के बाद कच्चे तेल की कीमत में सबसे लंबी साप्ताहिक गिरावट देखने को मिली है. ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार खाड़ी देशों का तेल जिसे ब्रेंट क्रूड ऑयल भी कहा जाता है 76.03 डॉलर प्रति बैरल पर क्लोज है. सोमवार को इसमें 19 सेंट्स की मामूली तेजी देखने को मिली थी. वहीं अमेरिकी कच्चा तेल यानी डब्ल्यूटीआई के दाम भी 9 सेंट्स के इजाफे के साथ 71.32 डॉलर प्रति बैरल पर है. जानकारों की मानें तो कच्चे तेल की डिमांड में कमी और ओवर सप्लाई की वजह से कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है.

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