ताजा समाचार

पीएम मोदी का पुतिन को फोन, बदल रहा है कूटनीति का खेल!

सत्य खबर/नई दिल्ली:

ये नया भारत है. तेजी से बदलती विश्व व्यवस्था में भारत आज ‘विश्व मित्र’ की भूमिका में आगे बढ़ रहा है…प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब यह बात कहते हैं तो इसके अपने मायने होते हैं। यह भारत का बढ़ता कद ही है कि संयुक्त राष्ट्र में वीटो पावर न होने के बावजूद वैश्विक संकट के समाधान के लिए दुनिया भी भारत की ओर देखती है। चाहे वह रूस-यूक्रेन युद्ध हो, तेल संकट हो, इजराइल-हमास संघर्ष हो या हालिया लाल सागर तनाव। पिछले 24 घंटों के घटनाक्रम पर नजर डालें तो समझा जा सकता है कि भारत की वैश्विक कूटनीति कितनी सक्रिय है.

इस समय लाल सागर से गुजरने वाले व्यावसायिक जहाजों पर हौथी विद्रोहियों के हमले का खतरा मंडरा रहा है. ये विद्रोही यमन के हैं जिन्हें ईरान का समर्थन प्राप्त है. गाजा पर इजराइल के हमले के विरोध में हौथी लाल सागर में इजराइल और उसके सहयोगियों को निशाना बना रहे हैं. इसके जवाब में अमेरिका और ब्रिटेन ने भी यमन में हौथी ठिकानों पर हमला किया है. भारत से सटे अरब सागर में तनाव का असर पड़ना लाजमी है. ऐसे में पिछले 24 घंटे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में बैठकर रूस के राष्ट्रपति को फोन किया. उधर, तेहरान में उनके ‘मिसाइल मंत्री’ विदेश मंत्री जयशंकर ईरान के राष्ट्रपति और अपने समकक्ष से मुलाकात कर रहे थे.

जयशंकर की ईरान को दो टूक

Glenn Maxwell का चौंकाने वाला फैसला! वनडे क्रिकेट को कहा अलविदा, नई पीढ़ी के लिए खोला रास्ता
Glenn Maxwell का चौंकाने वाला फैसला! वनडे क्रिकेट को कहा अलविदा, नई पीढ़ी के लिए खोला रास्ता

तेहरान जाकर जयशंकर ने साफ कहा कि लाल सागर की सुरक्षा अहम है और मौजूदा समुद्री खतरे से जल्द निपटा जाना चाहिए. लाल सागर-स्वेज़ नहर मार्ग दुनिया के सबसे व्यस्त व्यापार मार्गों में से एक है। भारत को भी जहाजों के रूट बदलने पड़े हैं और 95 फीसदी जहाज केप ऑफ गुड होप के रास्ते भेजे जा रहे हैं. इससे माल ढुलाई में बढ़ोतरी के साथ-साथ यात्रा का समय भी बढ़ गया है. उधर, कतर ने लाल सागर के रास्ते एलएनजी टैंकर भेजने से इनकार कर दिया है। आशंका है कि इस फैसले से एलएनजी लाने की लागत बढ़ सकती है.

जयशंकर ने ईरान के नेतृत्व से कहा कि भारत के आसपास जहाजों पर हमले अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के खतरों का भारत की ऊर्जा जरूरतों और आर्थिक हितों पर सीधा असर पड़ता है। वह ऐसे समय में तेहरान गए हैं जब चार दिन पहले ही उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से फोन पर लाल सागर संकट पर चर्चा की थी.

ईरान में जयशंकर ने यूक्रेन, अफगानिस्तान और गाजा के हालात पर भी बात की. चाबहार बंदरगाह पर द्विपक्षीय चर्चा हुई है. उन्होंने ईरान के राष्ट्रपति डॉ. इब्राहिम रायसी से मुलाकात की है. दोनों नेताओं के मुस्कुराते चेहरे दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों की गवाही देते हैं. जयशंकर ने पीएम मोदी की ओर से रायसी को शुभकामनाएं दीं. दुनिया के देशों के साथ ईरान के चाहे जो भी रिश्ते रहे हों, भारत ने इस शिया बहुल देश के साथ हमेशा संपर्क बनाए रखा और उसके रिश्ते मजबूत होते गए.

यहां मोदी ने पुतिन से बातचीत की

Punjab News: प्रीत नगर में ड्रग्स तस्करों ने CIA स्टाफ पर किया हमला! पुलिस ने सात हमलावरों के खिलाफ दर्ज किया मामला
Punjab News: प्रीत नगर में ड्रग्स तस्करों ने CIA स्टाफ पर किया हमला! पुलिस ने सात हमलावरों के खिलाफ दर्ज किया मामला

इस साल भारत और रूस दोनों देशों में चुनाव होने हैं। कुछ दिन पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर मॉस्को गए थे. वहां उन्होंने पुतिन से भी मुलाकात की. अब रूस के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी के बीच फोन पर बातचीत हुई है. दोनों नेता भविष्य में व्यक्तिगत संपर्क बनाए रखने पर सहमत हुए और अपने-अपने देशों में आगामी राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों में एक-दूसरे की सफलता की कामना की। जयशंकर की यात्रा के दौरान दोनों देशों ने आधुनिक हथियारों के निर्माण सहित सैन्य और तकनीकी सहयोग बढ़ाने का फैसला किया था।

इससे पहले जब रूसी टैंक और जहाज यूक्रेन पर बमबारी कर रहे थे, तब पीएम मोदी के अनुरोध पर रूस ने कुछ देर के लिए बमबारी रोक दी थी और भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकलने का रास्ता दिया था. जब तेल की कीमतें बढ़ने लगीं और पश्चिमी देशों ने रूसी तेल पर प्रतिबंध लगा दिया, तो भारत ने अपने हित को देखते हुए रूस से सस्ता तेल खरीदा। जबकि अमेरिका समेत कई देश चाहते थे कि भारत रूसी हमले की निंदा करे और तेल खरीदना बंद कर दे. भारत ने ऐसा नहीं किया.

इन घटनाक्रमों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि आज के समय में भारत का नेतृत्व कई देशों के साथ मिलकर राष्ट्रीय हित में काम कर रहा है। अगर लाल सागर में हौथी हमले जल्द ही रुक जाएं तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

Back to top button