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जींद में महिला कैदी के साथ पुलिस वैन में दुष्कर्म मामले ने पकड़ा तुल

सत्य ख़बर,चंडीगढ़

जींद जेल की महिला कैदी के साथ पुलिस जेल वैन में दो कैदियों द्वारा दुष्कर्म के मामला तुल पकड़ रहा है। इसको लेकर तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्य सभा सांसद साकेत गोखले ने राष्ट्रीय मानवाधिकार और राष्ट्रीय महिला आयोग को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि पुलिस वैन में महिला कैदी का रेप कानून व्यवस्था की विफलता को उजागर करता है। पुलिस सुरक्षा में भी महिला कैदी सुरक्षित नहीं हैं।

नशा तस्करी के मामले में जींद जेंल में सजा काट रही महिला कैदी को 20 फरवरी को इलाज के लिए जेल वाहन में रोहतक पीजीआई ले जाया गया था। वैन में दो पुरुष बंदी थे। बताया गया है कि जब सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मी डॉक्टर की पर्ची व अन्य व्यवसथा के लिए चले गए तो वैन में महिला व पुरुष कैदी ही थे। महिला कैदी का आरोप है कि उसे कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर बंदियों ने जेल वैन में ही उसके साथ दुष्कर्म किया।

तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले ने महिला आयोग को भेजे पत्र में कहा है कि पुलिस वैन में दो पुरुष कैदियों द्वारा महिला कैदी के साथ रेप की घटना चौंकाने वाली है। यह समझ से परे है कि आखिर ये घटना कैसे घटी। साकेत ने पत्र के माध्यम से राष्ट्रीय मानवाधिकार और राष्ट्रीय महिला आयोग को अपील की कि इस मामले में जल्द से जल्द फैक्ट फाइंडिंग यानी तथ्य खोज टीम को हरियाणा में भेजें।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जाए कि आखिर कैसे पुलिस हिरासत में महिला कैदी के साथ रेप हुआ। महिला कैदियों को परिवहन के लिए अपनाए जा रहे प्रोटोकोल की व्यापक समीक्षा की जाए और इस घटना के दौरान शामिल पुलिस कर्मियों को बर्खास्त किया जाए। उन पर मुकदमा दर्ज कर तत्काल कार्रवाई हो।

साकेत ने कहा कि पश्चिम बंगाल में इस तरह की कथित घटना में एनएचआरसी और एनसीडब्ल्यू तुरंत सक्रिय हो जाते हैं, जबकि भाजपा शासित राज्य में इस तरह के मामलों में तत्परता नहीं देखी जाती। उन्होंने अनुरोध किया कि इन सभी प्वाइंट्स पर कार्रवाई की जाए, ताकि एनएचआरसी और एनसीडब्ल्यू को भारत के लोगों द्वारा स्वतंत्र संस्थानों के रूप में देखा जा सके। जनता को विश्वास हो सके कि उनके कार्यों में राजनीतिक अत्यावश्यकता के कारण बाधा नहीं आती है।

महिला कैदी को वर्ष 2017 में चार किलो 490 ग्राम चरस के साथ पकड़ा था। अप्रैल 2021 में जींद अदालत ने 15 साल की सजा सुनाई थी। उसके बाद से जेल में बंद है। महिला ने मनोरोग की गोलियों को एक साथ खाकर आत्महत्या का प्रयास कर चुकी है। इसके अलावा जेल वार्डर से भी हाथापाई कर चुकी है।

उसके खिलाफ सिविल लाइन थाने में आत्महत्या के प्रयास व सरकारी कार्य में बाधा डालने का केस दर्ज है। जींद जिला कारागार के सुपरिन्टेंडेंट संजीव बुधवार का कहना है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच के बाद ही सब क्लियर हो पाएगा।

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