एमपी में छाया राजनीतिक कोहरा, दिल्ली दरबार पहुंचे मुख्यमंत्री मोहन यादव
सत्य खबर, भोपाल ,प्रमोद व्यास :
मध्य प्रदेश में नए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 13 दिसंबर को पद और गोपनीयता की शपथ ली थी, उसके बाद 16 दिसंबर को उनकी स्वागत यात्रा उज्जैन में निकली। उपमुख्यमंत्री के तौर पर जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला अभी उनके हर फैसले में साथ दिखाई दे रहे हैं ।कारण यह है कि सरकार बनने के एक सप्ताह से अधिक बीतने के बाद भी मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया है ,यही कारण है कि तमाम विकासात्मक योजनाएं अभी थमी हुई है ।मंत्रालय में कोई कामकाज नहीं हो पा रहा है हालांकि कुछ बड़े अधिकारियों की मंत्रालयों से कर दी गई है। यही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नजदीकी रहे नीरज वशिष्ठ की भी सीएम आवास से रवानगी कर दी गई है ,और जनसंपर्क आयुक्त मनीष सिंह को भी हटा दिया गया है। अब जिले के कलेक्टरों को हटाने के करवाई शुरूवात होगी।अब मुख्यमंत्री मोहन यादव दिल्ली दरबार पहुंच गए हैं । वे गुरुवार को विधानसभा का सत्र समाप्त करने के बाद दिल्ली पहुंचे और यहां पर मध्य प्रदेश भवन पर सांसदों को डिनर पार्टी दी जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी शामिल हुए । दिग्विजयसिंह ने डिनर पार्टी के बाद यह भी कहा कि व्यावहारिक तौर पर पार्टी में शामिल हुआ, साथ ही अब भाजपा अपने वादे पूरे करें और गारंटी निभाए। कुल 26 सांसद डिनर पार्टी में पहुंचे । मध्य प्रदेश के सीएम डॉ मोहन यादव ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलने उनके आवास भी पहुंचे ,जहां पर दोनों नेताओं में लंबी चर्चा हुई ।शुक्रवार को अमित शाह से लेकर जेपी नड्डा से मध्य प्रदेश के CM डॉ मोहन यादव भेंट करेंगे जिसका मकसद यह है कि मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार करना है इसमें आज कितनी कामयाबी मिलती है यह शाम तक स्पष्ट होगा। कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल को कौन सी बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी इस पर भी चर्चा होगी। कैलाश विजयवर्गीय को यदि गृहमंत्री बनाया जाता है तो प्रह्लाद पटेल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा। अथवा दोनों को ही एमपी में जिम्मेदारी नहीं मिली तो पुनः केंद्र में भेजा जाएगा ।साथ ही विधायकों को भी मंत्री बनने का इंतजार है, कुल मिलाकर आज शाम तक राजनीतिक कोहरा छंट सकता है।