सत्य खबर, नई दिल्ली ।
Priyanka and Surjewala have now been given the election command of this state
कर्नाटक में पार्टी को सफलता दिलाने वाले वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला को कांग्रेस पार्टी ने अब मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी दी है. विधानसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के प्रभारी रह चुके सुरजेवाला को मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सीनियर ऑब्जर्वर बनाया गया है. कर्नाटक में जीत दर्ज करने के बाद से ही ये तो माना जा रहा था कि कांग्रेस पार्टी में सुरजेवाला का कद बढ़ेगा और उन्हें आने वाले समय में और जिम्मेदारी मिलेंगी. इसी कड़ी में पार्टी ने उन्हें एक और चुनावी राज्य में अहम रोल दे दिया है.
also read: कैसे मिलता है दलाल से कन्फर्म टिकट, क्या है इसके पीछे की चाल
वहीं प्रियंका गांधी भी लगातार मध्य प्रदेश में सभाएं कर रही हैं. कर्नाटक चुनावों में भी प्रियंका ने ताबड़तोड़ सभाएं की थीं, जिसका असर चुनावी नतीजों में दिखाई दिया. अब पार्टी सुरजेवाला और प्रियंका गांधी के इस कॉम्बिनेशन का प्रयोग मध्य प्रदेश में भी करने की कोशिश में है.
विपरीत हालात में सुरजेवाला ने संभाली थी कर्नाटक की कमान
दरअसल कांग्रेस पार्टी के सामने मध्य प्रदेश में भी कर्नाटक जैसे ही हाालात हैं. पार्टी ने सुरजेवाला को 2020 में कर्नाटक का प्रभारी नियुक्त किया था. वो ऐसा समय था जब कांग्रेस पार्टी में क्षेत्रीय नेताओं की खटपट और लगातार साथ छोड़ते नेताओं की समस्या चरम पर थी. ठीक एक साल पहले हुए 2019 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक की 28 में से सिर्फ एक सीट ही कांग्रेस जीत सकी. ऐसे समय में पार्टी ने सुरजेवाला को प्रभारी बनाया.
प्रभारी बनने के बाद सुरजेवाला को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. इसमें सबसे बड़ी समस्या ये थी कि कर्नाटक में उनसे सीनियर और बड़े जनाधार वाले नेता मौजूद थे. उनका अपना कद था. ऐसे में उनका मान सम्मान बरकरार रखते हुए पार्टी की स्थिति को सुधारना बड़ा चैलेंज था. सुरजेवाला ने इसे बड़े ही अच्छे से संभाला. कर्नाटक चुनाव के नतीजे इसके गवाह हैं. एक और समस्या जो उनके सामने कर्नाटक में उठी वो थी टिकट बंटवारे की.
कर्नाटक में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार बड़े जनाधार के नेता थे और टिकट बंटवारे को लेकर उनके अपने-अपने प्लान भी थे. वहीं पार्टी के भीतर के नाराज नेताओं के साथ-साथ जातिगत समीकरणों का भी ध्यान टिकट बंटवारे में रखा जाना था. इस चुनौती को भी सुरजेवाला ने बेहतरीन तरीके से हैंडल किया और पार्टी बड़े बहुमत से चुनाव जीती. अब मध्य प्रदेश में भी उन्हें इसी तरह की चुनौतियों का सामना करना होगा.
मध्य प्रदेश में नेतृत्व को लेकर कोई खासा परेशानी सुरजेवाला के सामने नहीं है, क्योंकि पार्टी कमलनाथ को सीएम के तौर पर पेश कर रही है. लेकिन टिकटों का बंटवारा इस चुनाव में अहम होगा. सिंधिया के जाने के बाद से कई क्षेत्रों में पार्टी को नए नेताओं को मौका देना होगा, वहीं कई वरिष्ठ नेताओं के टिकट काटने होंगे, जिसके चलते पार्टी के भीतर बगावत भी देखी जा सकती है. वहीं कमलनाथ की डेढ़ साल की सरकार में पार्टी के कई कद्दावर नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली थी. उनको मनाना और पार्टी के भीतर उचित सम्मान दिलाने का काम भी सुरजेवाला का होगा
Priyanka and Surjewala have now been given the election command of this state