सत्य खबर,गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज:Protest against Commercial Medico Facility Hospital in South City 2, a residential area in Gurgaon. Organization of Maha Panchayat.
गुरुग्राम के सभी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) साउथ सिटी 2 के आवासीय क्षेत्र में एक वाणिज्यिक अस्पताल को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा हाल ही में दिए गए लाइसेंस के विरोध में रविवार को एक महा पंचायत आयोजित होगी।
आरडब्ल्यूए ने चिंता जताई है कि अस्पताल क्षेत्र में यातायात की भीड़, ध्वनि प्रदूषण और पर्यावरणीय गिरावट का कारण बनेगा। उन्होंने यह भी आशंका व्यक्त की है कि अस्पताल के कारण चिकित्सा आपात स्थितियों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे मौजूदा बुनियादी ढांचे पर दबाव पड़ेगा।
आरडब्ल्यूए साउथ सिटी 2 के प्रधान नीरज यादव ने बताया कि
साउथ सिटी 2 के कम्युनिटी सेंटर ग्राउंड में यह महापंचायत होगी उन्होंने सभी 14 ब्लॉक्स के निवासियों व आस पास की प्लोटेड टाउनशिप एवं HSVP के सेक्टरों की सभी RWA को इस महा पंचायत में शामिल होने और अस्पताल के प्रति अपना विरोध व्यक्त करने का आह्वान किया है।
जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में, प्रधान नीरज यादव ने कहा, कि”आवासीय क्षेत्र में एक कमर्शियल अस्पताल को लाइसेंस देने के इस फैसले से हम बहुत निराश हैं। यह निर्णय निवासियों के हितों के खिलाफ है क्योंकि इससे स्थानीय निवासियों के रहन-सहन और बुनियादी व्यवस्थाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।”वही
दूसरी तरफ भाजपा के राकेश यादव ने कहा कि जनता की बात मुख्यमंत्री तक सीधे तौर पर पहुंच सके, इस दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हो सकता है कोरोना काल में यह लाइसेंस प्रोसेस में लाया गया हो, फिर भी वे प्रदेश सरकार से लाइसेंस रद्द करने और अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हैं। हम सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का भी आग्रह करते हैं कि आवासीय क्षेत्रों के गेटड ब्लॉक के अंदर इस तरह की कमर्शियल योजनाओं की अनुमति न हो।”
निवासियों ने अस्पताल
खुलने से होने वाली है असुविधा और समस्या के बारे में बताया कि
इससे बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर भी असर पड़ेगा
बच्चों और टहलने वाले बुजुर्गों की सुरक्षा की समस्या बढ़ेगी,
अस्पताल क्षेत्र में यातायात की भीड़ होगी जिससे क्षेत्र में ट्रैफिक जाम की दिक्कतें बढ़ेंगी ,
एम्बुलेंस और अन्य वाहन दिन और रात के सभी घंटों में आते-जाते रहेंगे जिससे बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ेगा,
अस्पताल पर्यावरण क्षरण को भी बढ़ावा देगा, क्योंकि यह अपशिष्ट और उत्सर्जन उत्पन्न करेगा। वही
अस्पताल से चिकित्सा आपात स्थितियों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे मौजूदा बुनियादी ढांचे पर दबाव पड़ेगा।