Punjab by-election results: AAP ने तीन सीटों पर किया कब्जा, कांग्रेस ने एक सीट जीती
Punjab by-election results: पंजाब विधानसभा के उपचुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) ने तीन सीटों पर शानदार जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस को एक सीट मिली। उपचुनाव में चार विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ था, जिसमें चब्बेवाल (होशियारपुर), डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर) और गिद्दरबाहा (मुक्तसर) की सीटों पर AAP ने जीत हासिल की, जबकि बरनाला (संगरूर) सीट पर कांग्रेस ने विजय प्राप्त की।
चब्बेवाल से डॉ. इशांक कुमार, डेरा बाबा नानक से गुरदीप सिंह रंधावा और गिद्दरबाहा से हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों ने जीत हासिल की। वहीं कांग्रेस के कुलदीप सिंह ढिल्लों ने बरनाला सीट पर जीत दर्ज की।
गिद्दरबाहा में बीजेपी के मनप्रीत बादल की हार
गिद्दरबाहा सीट से पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी उम्मीदवार मनप्रीत बादल को हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, कांग्रेस के दो वर्तमान सांसदों की पत्नियां भी हार गईं। डेरा बाबा नानक सीट पर कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा की पत्नी जतिंदर कौर और गिद्दरबाहा सीट पर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष और लुधियाना सांसद राजा वारिंग की पत्नी अमृता वारिंग को हार का सामना करना पड़ा।
चब्बेवाल से डॉ. इशांक कुमार की शानदार जीत
AAP उम्मीदवार डॉ. इशांक कुमार ने होशियारपुर जिले के कंडी क्षेत्र के चब्बेवाल विधानसभा क्षेत्र में भारी अंतर से जीत हासिल की। डॉ. इशांक शुरू से ही काउंटिंग में आगे थे और उन्होंने 50,000 से ज्यादा वोट हासिल किए। खास बात यह है कि उन्होंने करीब 30,000 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। डॉ. इशांक को कुल 51,753 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार रणजीत को 23,171 वोट और बीजेपी उम्मीदवार सोहन को 8,667 वोट मिले। डॉ. इशांक की जीत से वह पंजाब के सबसे युवा विधायक बन गए हैं, जिनकी उम्र महज 31 साल है।
डेरा बाबा नानक में कांग्रेस की पत्नी की हार
AAP ने डेरा बाबा नानक सीट पर भी जीत दर्ज की। AAP के उम्मीदवार गुरदीप सिंह रंधावा ने 60,000 से अधिक वोट हासिल किए। वहीं कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा की पत्नी जतिंदर कौर को हार का सामना करना पड़ा। जतिंदर कौर को 53,322 वोट मिले, जबकि बीजेपी के उम्मीदवार रविकरण कालोण को कुल 6,449 वोट मिले।
गिद्दरबाहा में AAP की भारी जीत
गिद्दरबाहा सीट पर AAP के उम्मीदवार हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों ने कांग्रेस अध्यक्ष राजा वारिंग की पत्नी अमृता वारिंग को लगभग 22,000 वोटों के अंतर से हराया। डिंपी ढिल्लों को कुल 71,198 वोट मिले, जबकि अमृता वारिंग को 49,397 वोट मिले। बीजेपी के उम्मीदवार और पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल को केवल 12,174 वोट ही मिल पाए। डिंपी ढिल्लों की जीत में SAD समर्थकों का भी एक बड़ा हाथ था, जिनका समर्थन डिंपी को मिला।
बरनाला में कांग्रेस की जीत
कांग्रेस ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के गृह जिले संगरूर के बरनाला विधानसभा क्षेत्र में जीत हासिल की। कांग्रेस उम्मीदवार कुलदीप सिंह ढिल्लों ने AAP के हरिंदर सिंह ढालीवाल को लगभग 2,000 वोटों के अंतर से हराया। कुलदीप सिंह ढिल्लों को 28,254 वोट मिले, जबकि हरिंदर सिंह ढालीवाल को 26,097 वोट मिले।
सभी सीटों का विवरण और परिणाम
- चब्बेवाल (होशियारपुर) – डॉ. इशांक कुमार (AAP) – 51,753 वोट
- डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर) – गुरदीप सिंह रंधावा (AAP) – 60,000+ वोट
- गिद्दरबाहा (मुक्तसर) – हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों (AAP) – 71,198 वोट
- बरनाला (संगरूर) – कुलदीप सिंह ढिल्लों (कांग्रेस) – 28,254 वोट
AAP की शानदार प्रदर्शन और कांग्रेस की स्थिति
AAP ने तीन सीटों पर अपनी जीत से यह साबित कर दिया कि राज्य में उनकी पकड़ मजबूत हो चुकी है। हालांकि, कांग्रेस ने बरनाला सीट पर जीत हासिल की, लेकिन बाकी तीन सीटों पर AAP ने बड़ी जीत दर्ज की, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पंजाब में AAP का प्रभाव बढ़ रहा है।
कांग्रेस की हार से पार्टी को आगामी चुनावों में अपनी रणनीतियों में सुधार करने की जरूरत महसूस हो सकती है। राजा वारिंग और अन्य नेताओं को अब पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
भविष्य में कांग्रेस की स्थिति
कांग्रेस के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय हो सकता है, लेकिन पार्टी ने बरनाला में जीत हासिल करके यह संदेश दिया कि वह पूरी तरह से हार नहीं मानी है। कांग्रेस के लिए अब यह समय है कि वह आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीतियों पर गंभीरता से विचार करें और अपने कार्यकर्ताओं के साथ बेहतर तालमेल बनाकर अगले चुनावों में एक बड़ी वापसी करें।
पंजाब उपचुनावों के परिणामों ने यह साबित कर दिया कि आम आदमी पार्टी (AAP) राज्य में एक मजबूत राजनीतिक ताकत बन चुकी है। तीन सीटों पर जीत के साथ AAP ने कांग्रेस को चुनौती दी है, जबकि कांग्रेस ने बरनाला सीट पर जीत दर्ज की। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि इन परिणामों के बाद राज्य की राजनीति में कौन सी नई दिशा अपनाई जाती है।