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Punjab Farmers Protest: किसान नेता दलवाल की सुरक्षा में कड़ी निगरानी, 24 घंटे तैनात 40-40 स्वयंसेवक

Punjab Farmers Protest: किसान नेता जगजीत सिंह दलवाल की गिरफ्तारी के बाद किसानों में अलर्ट का माहौल है। 25 नवंबर की रात खनौरी बॉर्डर से आठ दिनों से अनशन पर बैठे दलवाल को गिरफ्तार किए जाने की घटना के बाद अब किसानों ने उनकी सुरक्षा को और कड़ा कर दिया है। खनौरी बॉर्डर पर हो रहे मोर्चे पर अब दलवाल की सुरक्षा में 40-40 किसान स्वयंसेवकों की तैनाती की गई है, जो 24 घंटे तीन लेयर में सुरक्षा गार्ड के रूप में अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। ये स्वयंसेवक अपने हाथों में लाठी लेकर अपनी ड्यूटी पर तैनात रहते हैं और उनकी शिफ्ट हर आठ घंटे में बदलती है।

दलवाल ने कहा- आखिरी सांस तक लड़ेंगे

किसान नेता दलवाल ने अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कहा कि वह किसानों के हक के लिए आखिरी सांस तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। फिलहाल किसी को भी दलवाल से मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही है। केवल संगठन के शीर्ष नेता, चिकित्सा टीम और मीडिया को ही उनसे मिलने की अनुमति है। इस बीच, हरियाणा से एक बड़ा किसान समूह भी खनौरी बॉर्डर पर पहुंचा और दलवाल के समर्थन में एकजुटता का संदेश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपनी लड़ाई तब तक जारी रखेंगे जब तक किसानों को उनके अधिकार नहीं मिल जाते।

Punjab Farmers Protest: किसान नेता दलवाल की सुरक्षा में कड़ी निगरानी, 24 घंटे तैनात 40-40 स्वयंसेवक

दिल्ली मार्च की तैयारी तेज

इस बीच, किसान नेताओं ने 6 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर मार्च करने का निर्णय लिया है। इसके लिए किसानों ने अपनी तैयारियां भी तेज कर दी हैं। सोमवार को अम्बाला पुलिस अधिकारियों के साथ एक बैठक में किसान नेताओं ने स्पष्ट कर दिया कि वे शंभू बॉर्डर से दिल्ली पैदल मार्च करेंगे। किसान अब इस आंदोलन को और तीव्र करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन का लंबा इतिहास

गौरतलब है कि किसान खनौरी बॉर्डर पर फरवरी से ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन को संबोधित करने के लिए एक मंच स्थापित किया गया था, जो पहले हरियाणा सीमा से लगभग 100 मीटर दूर था, लेकिन अब इसे 800 मीटर पीछे किया गया है। किसान नेताओं का मानना है कि हरियाणा पुलिस इस मंच तक पहुंच सकती है और आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर सकती है। किसानों का मानना है कि सरकार इस आंदोलन को दबाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है, लेकिन वे अपने हक की लड़ाई में पीछे नहीं हटेंगे।

दलवाल का वजन आठ किलो घटा

किसान नेता जगजीत सिंह दलवाल, जो कैंसर और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, लगातार अपना वजन खोते जा रहे हैं। मंगलवार को जब डॉक्टरों ने उनकी मेडिकल जांच की, तो पाया कि आठ दिनों के अनशन में उनका वजन आठ किलो घट चुका है। उनकी शुगर 73 थी और उनका ब्लड प्रेशर 145/99 था। इसके बावजूद दलवाल ने कहा कि केंद्र सरकार हमेशा किसानों के आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश करती रही है और किसान इस दमनकारी रवैये का विरोध करेंगे।

किसान आंदोलन की बढ़ती ताकत

किसान आंदोलन अब सिर्फ पंजाब तक ही सीमित नहीं है, बल्कि हरियाणा और अन्य राज्यों से भी किसानों का समर्थन मिलने लगा है। मंगलवार को हरियाणा के किसानों ने खनौरी बॉर्डर पर पहुंचकर दलवाल के अनशन को समर्थन दिया और यह भी कहा कि वे अपने नेता के साथ खड़े रहेंगे। किसान नेताओं का कहना है कि यह आंदोलन देशभर के किसानों के अधिकारों की लड़ाई है और वे इसे अपनी अंतिम सांस तक लड़ेंगे।

दलवाल ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया

किसान नेता दलवाल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि नोएडा में किसानों पर हुए अत्याचार लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 2013 के भूमि अधिग्रहण अधिनियम को लागू करने के लिए किसानों ने लंबी लड़ाई लड़ी थी, लेकिन बीजेपी सरकार ने उसे कमजोर करने की कोशिश की है। इसके अलावा, दलवाल ने यह भी कहा कि पंजाब सरकार लुधियाना में काले पानी के खिलाफ हो रहे आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है, जो बिल्कुल गलत है।

किसानों का संघर्ष जारी

किसान अब अपनी लड़ाई को और अधिक तेज करने के लिए तैयार हैं। खनौरी बॉर्डर पर किसान नेताओं का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार चाहे जो भी कदम उठाए, किसान पीछे नहीं हटेंगे। किसान अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह से एकजुट हैं और वे किसी भी प्रकार की दमनकारी कार्रवाई का विरोध करेंगे।

किसान आंदोलन ने यह साबित कर दिया है कि जब तक कोई सरकार किसानों के हक की रक्षा नहीं करती, तब तक उनका संघर्ष खत्म नहीं होगा। किसान नेताओं ने कहा कि वे केंद्र सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की मांग करेंगे और इस संघर्ष को पूरी ताकत से जारी रखेंगे।

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