Punjab सरकार ने मंडियों में काम कर रहे श्रमिकों को दी राहत, एक क्विंटल पर श्रमिक शुल्क में एक रुपये की बढ़ोतरी
Punjab सरकार ने मंडियों में काम कर रहे श्रमिकों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत की घोषणा की है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि श्रमिक शुल्क में एक रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी। यह निर्णय उन श्रमिकों की लंबित मांग को पूरा करने के लिए लिया गया है जो मंडियों में फसल को उतारने और उठाने का काम करते हैं।
श्रमिकों की लंबे समय से थी मांग
मंडियों में काम कर रहे श्रमिकों की यह मांग लंबे समय से थी कि उनके श्रमिक शुल्क में वृद्धि की जाए। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि इस बढ़ोतरी से सरकार के खजाने से 18 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान होगा। इस सीजन में, किसानों द्वारा मंडियों में 185 लाख मैट्रिक टन धान लाने की उम्मीद है।
हालांकि, धान की खरीद मंगलवार से शुरू हो गई, लेकिन पहले दिन राज्य में एक भी दाना नहीं उठाया गया। इसका मुख्य कारण कमीशन एजेंटों और चावल मिल मालिकों की मांगें थीं।
कमीशन एजेंटों की मांग
कमीशन एजेंटों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें पूर्व निर्धारित 2.5 प्रतिशत कमीशन दिया जाए, अन्यथा उनकी हड़ताल लंबे समय तक जारी रहेगी। जब तक कमीशन एजेंटों की यह मांग पूरी नहीं होती, तब तक धान की खरीद नहीं हो सकेगी। इससे किसानों में भी दुविधा बनी हुई है।
वहीं, चावल मिल मालिकों का कहना है कि केंद्रीय सरकार ने अभी तक केंद्रीय खाद्य निगम (FCI) के गोदामों को खाली नहीं किया है। यदि किसानों का धान मंडियों में आता है, तो मिलिंग के बाद चावल रखने के लिए गोदाम में कोई स्थान नहीं होगा। इस कारण उन्होंने भी धान उठाने से इनकार कर दिया है। इस बार राज्य में 32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती की गई है।
खरीद का लक्ष्य और आर्थिक तैयारी
सरकार ने 185 लाख मैट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा खरीफ मंडीकरण सीजन 2024-25 के लिए पहले ही 41,378 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस सीजन के लिए सरकार ने ‘ए’ ग्रेड धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2320 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
राज्य की खरीद एजेंसियां, जैसे पंगरियन, मार्कफेड, पंजाब राज्य कृषि विपणन बोर्ड (Punsup) और FCI, सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार धान की खरीद करेंगी।
मंत्री और विधायक मंडियों का दौरा करेंगे
मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी मंत्रियों और विधायकों को निर्देश दिया है कि वे अपनी विधानसभा क्षेत्रों में जाकर धान की खरीद की व्यवस्था सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने सभी जिला उपायुक्तों के साथ बैठक की और आदेश दिया कि वे अपनी जिलों में मंडियों में दैनिक धान खरीद के बारे में जानकारी साझा करें।
मुख्यमंत्री ने एक निगरानी टीम का गठन किया है, जिसमें विभाग के प्रशासनिक सचिव को जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने मंत्रियों और विधायकों से आग्रह किया है कि वे किसानों द्वारा मंडियों में लाए गए उत्पाद की खरीद और उठान को जल्द से जल्द सुनिश्चित करें।
किसानों की स्थिति और सरकारी प्रयास
हालांकि सरकार ने श्रमिकों के लिए राहत दी है, लेकिन किसानों की स्थिति अभी भी चिंताजनक है। कमीशन एजेंटों की मांगों के कारण खरीद प्रक्रिया में देरी हो रही है। इससे किसानों की चिंता बढ़ रही है क्योंकि वे अपने उत्पादों को बेचने के लिए मंडियों में लाई गई धान को नहीं बेच पा रहे हैं।
सरकार का यह प्रयास है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले, लेकिन जब तक खरीद प्रक्रिया सुचारू नहीं होगी, तब तक किसानों को लाभ नहीं मिलेगा।