ताजा समाचार

Punjab news: कपूरथला में बैंक कर्मचारी की धोखाधड़ी, 2.30 लाख रुपये की चोरी का झूठा मामला

Punjab news: कपूरथला जिले के गांव ऑजला के पास एक अजीब घटना सामने आई, जिसमें एक बैंक कर्मचारी ने खुद ही अपने ऊपर 2.30 लाख रुपये की चोरी का झूठा आरोप लगाया। यह घटना चार दिन पहले हुई थी, जब शिव कुमार नामक एक कर्मचारी ने पुलिस को सूचना दी थी कि उसे कुछ लुटेरों ने लूट लिया है। मगर, जांच के बाद यह खुलासा हुआ कि यह सब एक साजिश थी, जिसे उसने अपने व्यक्तिगत कर्ज को चुकाने के लिए रचा था।

कर्मचारी का झूठा आरोप और पुलिस की जांच

शिव कुमार, जो कि उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक में कस्टमर रिलेशनशिप ऑफिसर के पद पर कार्यरत था, ने पुलिस को बताया कि वह 20 दिसंबर की शाम लगभग 5:30 बजे बाइक पर अपने क्षेत्र में बैंक की किश्तें वसूल कर रहा था। उसने पुलिस को बताया कि वह गांव ऑजला बनवाली से किश्तें इकट्ठा करने के बाद जब बाइक से जा रहा था, तो दो युवक बिना नंबर प्लेट वाली पल्सर बाइक पर उसका पीछा करने लगे। ये युवक बुरी तरह से मुंह ढके हुए थे और उनके इरादे ठीक नहीं लग रहे थे। शिव कुमार ने बताया कि जब वह गांव से थोड़ी दूर पहुंचा, तो उन युवकों ने उसकी बाइक को रुकवाकर पैसे की बैग छीनने की कोशिश की। इसके बाद, उसने बाइक तेज़ दौड़ाकर गांव धालीवाल डोनान की ओर मोड़ ली, लेकिन पीछे से आकर उन युवकों ने बाइक को लात मार दी, जिससे वह और बाइक गिर गए। गिरते ही युवकों ने उसके बैग को छीन लिया और फरार हो गए।

शिव कुमार के बयान पर पुलिस ने अज्ञात लुटेरों के खिलाफ मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। शिव कुमार ने दावा किया कि बैग में 2 लाख 30 हजार 173 रुपये, मोबाइल टैब, फिंगर मशीन, बैंक रसीद बुक और मोटरसाइकिल के दस्तावेज थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर अपराधियों की तलाश शुरू की, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, पुलिस की शंका शिव कुमार पर गहराती गई।

Punjab news: कपूरथला में बैंक कर्मचारी की धोखाधड़ी, 2.30 लाख रुपये की चोरी का झूठा मामला

जांच में आया बड़ा खुलासा

डीएसपी-डी परमिंदर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस को जांच के दौरान कई अहम सुराग मिले, जिनसे मामला उलट गया। जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि शिव कुमार ने खुद ही यह झूठा आरोप रचा था। वह 2.30 लाख रुपये में से एक हिस्से का इस्तेमाल अपने निजी कर्ज को चुकाने के लिए करना चाहता था, जिसकी राशि 1.5 लाख रुपये थी।

Haryana News: हरियाणा के वाहन चालक ध्यान दें! हाई-वे पर वाहन खड़ा करने पर होगा चालान

डीएसपी ने कहा कि जब शिव कुमार से कड़ी पूछताछ की गई, तो उसने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया। उसने बताया कि उसने अपने कर्ज को चुकाने के लिए यह साजिश रची थी। उसने यह योजना बनाई थी कि यदि वह बैंक से 2.30 लाख रुपये वसूलता है, तो वह एक हिस्सा अपने कर्ज को चुकाने में इस्तेमाल करेगा और शेष पैसे का इस्तेमाल व्यक्तिगत खर्चों के लिए करेगा।

चोरी का मामला झूठा साबित हुआ, पुलिस ने किया गिरफ्तारी

जांच में सामने आया कि शिव कुमार ने अपने मोबाइल टैब, फिंगर मशीन और कुछ पैसे भी खुद ही रखे थे। पुलिस ने आरोपित के पास से 1.90 हजार रुपये, मोबाइल और फिंगर मशीन बरामद की। इसके बाद पुलिस ने आरोपित के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (बीएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।

शिव कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। साइंस सिटी चौकी के इंचार्ज एएसआई पाल सिंह ने इस मामले में कहा कि आरोपित ने अपने किए पर पछताया, लेकिन अब उसे कानून के अनुसार सजा मिलनी तय थी।

बैंक कर्मचारियों द्वारा की गई धोखाधड़ी और समाज पर असर

यह घटना न केवल एक व्यक्ति की व्यक्तिगत धोखाधड़ी को उजागर करती है, बल्कि इससे यह भी पता चलता है कि कैसे कुछ लोग निजी लाभ के लिए अपने जिम्मेदारियों और विश्वास का उल्लंघन कर सकते हैं। शिव कुमार जैसे लोग बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक काले धब्बे की तरह होते हैं, क्योंकि ऐसे कर्मचारियों द्वारा किए गए धोखाधड़ी के मामले पूरी प्रणाली को शक के घेरे में डालते हैं।

इस प्रकार की धोखाधड़ी से न केवल बैंक का नाम खराब होता है, बल्कि ग्राहकों का भी विश्वास टूटता है। बैंक कर्मचारियों पर भरोसा किया जाता है, लेकिन जब वे खुद ही धोखा देते हैं, तो यह पूरी व्यवस्था को प्रभावित करता है। इस मामले में पुलिस ने जल्दी ही आरोपी को पकड़ लिया और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि ऐसे धोखाधड़ी करने वाले किसी भी कर्मचारी को बचने का मौका नहीं मिलेगा।

Haryana News: हरियाणा में ACB की बड़ी कार्रवाई, 1 लाख रुपये की रिश्वत लेते अधिकारी को रंगेहाथों गिरफ्तार

समाज के लिए सीख और आगे की दिशा

यह घटना समाज के लिए एक सख्त संदेश है कि किसी भी व्यक्ति को धोखाधड़ी और बेईमानी से दूर रहना चाहिए। बैंक कर्मचारियों को यह समझने की आवश्यकता है कि उनकी जिम्मेदारी केवल ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें अपने कार्यों से समाज में विश्वास भी बनाना होता है।

साथ ही, यह भी आवश्यक है कि पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां अपनी जांच प्रक्रिया को सख्त और पारदर्शी बनाएं, ताकि इस प्रकार के अपराधों का समय रहते खुलासा किया जा सके। शिव कुमार जैसे धोखेबाजों को यह समझने की आवश्यकता है कि समाज में बेईमानी की कोई जगह नहीं है, और उन्हें इसके नतीजे भुगतने ही होंगे।

कपूरथला का यह मामला यह साबित करता है कि कैसे कुछ लोग निजी लाभ के लिए अपने कर्तव्यों और पेशेवर जिम्मेदारियों से समझौता कर सकते हैं। हालांकि इस धोखाधड़ी को समय रहते पकड़ लिया गया और आरोपित को सजा मिलनी तय हुई, लेकिन यह घटना हमें यह सिखाती है कि समाज और संस्थाओं के बीच विश्वास बनाए रखने के लिए ईमानदारी और पारदर्शिता सबसे महत्वपूर्ण हैं।

Back to top button