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Punjab news: नवजोत सिद्धू के कैंसर इलाज के दावे पर छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी का सवाल, मांगी जानकारी

Punjab news: छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने पूर्व पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ एक और कानूनी नोटिस भेजा है। इससे पहले, सोसाइटी ने सिद्धू को 850 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा था, जिसमें उन्होंने सिद्धू से उनके और उनकी पत्नी के कैंसर इलाज से संबंधित जानकारी मांगी थी। अब, एक बार फिर से सिविल सोसाइटी ने सिद्धू को शो कॉज नोटिस भेजा है, जिसमें उनसे उनकी पत्नी के कैंसर इलाज से संबंधित सभी दस्तावेज और जानकारी की मांग की गई है।

सिद्धू के दावे पर सवाल

सोसाइटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी ने कहा कि सिद्धू ने अपनी पत्नी को बताया था कि वह एक साल बाद कैंसर से पीड़ित थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि सिद्धू ने कहा था कि उनकी पत्नी को सितंबर 2023 में स्टेज-2 कैंसर था, लेकिन नवंबर 2023 में एलोथैपैथी उपचार से कैंसर ठीक हो गया। इसके बाद, मई 2024 में नवजोत सिद्धू ने अपनी पत्नी का पेट जांचवाया, जिसमें कोई कैंसर नहीं पाया गया।

इस संदर्भ में छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने एक नोटिस जारी किया है और नवजोत सिद्धू से सात दिनों के भीतर सभी संबंधित दस्तावेज़ों की मांग की है। सोसाइटी ने सिद्धू से यह जानकारी मांगी है कि उनकी पत्नी का स्टेज-4 कैंसर कब था और कब वह ठीक हुई। इससे पहले भेजे गए नोटिस में इलाज से संबंधित सभी जानकारी मांगी गई थी, लेकिन अब तक सिद्धू से कोई जवाब नहीं मिला है।

Punjab news: नवजोत सिद्धू के कैंसर इलाज के दावे पर छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी का सवाल, मांगी जानकारी

सिद्धू ने क्या दावा किया था?

हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था कि अब उनकी पत्नी कैंसर से मुक्त हो चुकी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि डॉक्टर ने कहा था कि अब उनकी पत्नी में कैंसर के 5 प्रतिशत से भी कम chances हैं। सिद्धू ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह दावा किया था कि उनकी पत्नी ने किसी भी प्रकार की एलोथैपैथी दवाइयों का सेवन किए बिना, केवल अपने जीवनशैली में बदलाव करके कैंसर को हराया है।

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सिद्धू ने यह बयान इस प्रकार से दिया कि “यह प्रेस कॉन्फ्रेंस इस लिए महत्वपूर्ण है ताकि मैं आपसे यह शेयर कर सकूं कि कैसे मैंने अपनी पत्नी को कैंसर से मुक्त करने के बाद अपनी लड़ाई को 40 दिनों में जीत लिया।”

सोसाइटी का आरोप

छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी का आरोप है कि सिद्धू द्वारा किए गए इस दावे से कैंसर रोगियों को गुमराह किया जा रहा है। सोसाइटी का कहना है कि सिद्धू के बयान के कारण न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी कैंसर रोगी भ्रमित हो रहे हैं और वे एलोथैपैथी चिकित्सा पर विश्वास खो रहे हैं। यह कैंसर मरीजों के लिए घातक हो सकता है, क्योंकि कई लोग सिद्धू के बयान को सच मानकर अपनी दवाइयां छोड़ रहे हैं और अपनी जिंदगी से खेल रहे हैं।

सिद्धू की पत्नी से स्पष्टीकरण की मांग

छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने यह भी कहा है कि नवजोत कौर सिद्धू के पास उनके पति के दावों का कोई प्रमाणित दस्तावेज या मेडिकल साक्ष्य नहीं है। सोसाइटी ने नवजोत कौर से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने की अपील की, जिसमें वे इस पूरे मामले में स्पष्टीकरण दें। सोसाइटी का कहना है कि सिद्धू के दावे से कैंसर रोगियों का मनोबल टूट रहा है और वे अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।

सिविल सोसाइटी का यह भी कहना है कि सिद्धू और उनकी पत्नी के दावों से न केवल कैंसर रोगी, बल्कि चिकित्सा समुदाय भी प्रभावित हो रहा है। उनका मानना है कि सिद्धू के बयान से इलाज के लिए चिकित्सकों के विश्वास में कमी आ रही है और इस प्रकार के दावों से लोगों की जान को खतरा हो सकता है।

सिद्धू से जवाब की मांग

छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने सिद्धू से स्पष्ट जानकारी की मांग की है कि उनके दावे के पीछे क्या वास्तविकता है। उन्होंने पूछा है कि क्या सिद्धू ने अपनी पत्नी के कैंसर उपचार के बारे में कोई प्रमाणित दस्तावेज या मेडिकल रिपोर्ट पेश की है, जो उनके दावे को सही साबित करती है। सोसाइटी ने यह भी कहा कि सिद्धू और उनकी पत्नी को इस पूरे मामले में स्पष्टीकरण देना चाहिए, ताकि लोगों को सही जानकारी मिल सके और कोई भी कैंसर रोगी भ्रमित न हो।

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सिद्धू की कानूनी परेशानियाँ

यह पहली बार नहीं है जब नवजोत सिंह सिद्धू कानूनी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। इससे पहले भी उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी से 850 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा गया था, जिसमें उन्होंने सिद्धू से उनके और उनकी पत्नी के कैंसर इलाज के दस्तावेजों की मांग की थी। सिद्धू के खिलाफ यह कानूनी कार्रवाई इस बात का संकेत है कि उनकी टिप्पणियों ने लोगों को गुमराह किया है और इसके कारण उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

भविष्य में क्या होगा?

सिद्धू की इस कानूनी लड़ाई का भविष्य अब इस बात पर निर्भर करेगा कि वे इस नोटिस का जवाब कैसे देते हैं। अगर सिद्धू ने इन आरोपों का उचित जवाब नहीं दिया और किसी भी प्रमाणित दस्तावेज़ को प्रस्तुत नहीं किया, तो छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी उनके खिलाफ और भी कानूनी कार्रवाई कर सकती है। साथ ही, उनके द्वारा किए गए दावों के बाद यदि और भी कैंसर रोगी उनके बयान से प्रभावित होकर अपनी दवाइयां छोड़ते हैं और उनकी हालत बिगड़ती है, तो यह सिद्धू के खिलाफ और भी गंभीर कानूनी परिणाम ला सकता है।

नवजोत सिंह सिद्धू के कैंसर इलाज के दावों पर अब छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने एक बार फिर से कानूनी नोटिस भेजा है। सोसाइटी का आरोप है कि सिद्धू ने अपने बयानों से कैंसर रोगियों को गुमराह किया है, जिससे उनका जीवन संकट में पड़ सकता है। सिद्धू से अब इस मामले में स्पष्टीकरण की उम्मीद है, लेकिन अगर उन्होंने कोई ठोस जवाब नहीं दिया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई और बढ़ सकती है।

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