Punjab news: कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पंजाब में नगर निगम चुनावों को लेकर AAP और राज्य चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए
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Punjab news: पंजाब में नगर निगम चुनावों के बीच कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने सोमवार को राज्य चुनाव आयुक्त राज कमल चौधरी से मुलाकात की और आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (AAP) के गुंडे चुनावी प्रक्रिया को बर्बाद कर रहे हैं। बाजवा का कहना था कि राज्य चुनाव आयोग इस पूरे मामले में मूकदर्शक बना हुआ है। उनका आरोप था कि 12 दिसंबर को पटियाला में विपक्षी उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोका गया, और यह चुनावी प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी का हिस्सा था।
पंचायत चुनावों जैसी स्थिति का आरोप
पत्रकारों से बात करते हुए प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि यह स्थिति पंचायत चुनावों की तरह ही बनती जा रही है, जब सुप्रीम कोर्ट ने 3000 से अधिक पंचायतों के सर्वसम्मत फैसले पर हैरानी जताई थी। बाजवा ने कहा कि कांग्रेस अब नागरिक चुनावों को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर विचार कर रही है। उनका आरोप था कि आम आदमी पार्टी ने खुद को पारंपरिक पार्टियों का विकल्प बताकर जनता के सामने प्रस्तुत किया था, लेकिन अब उन्होंने यह साबित कर दिया कि वे न तो लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं और न ही उनके पास कोई सिद्धांत हैं।
नामांकन दाखिल करने से रोकने का आरोप
पटियाला में कांग्रेस के पिछले चुनावों में 59 काउंसलरों की उपस्थिति थी, लेकिन इस बार 33 कांग्रस उम्मीदवार नगर निगम चुनावों में उम्मीदवार के रूप में खड़े हैं। प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोका, और न सिर्फ उन्हें रोका गया, बल्कि उनके नामांकन पत्र भी फाड़ दिए गए। बाजवा ने कहा, “यह साफ है कि आम आदमी पार्टी चुनावी प्रक्रिया में दखल दे रही है और विपक्षी उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने का मौका नहीं दे रही है।”
महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार का आरोप
प्रताप सिंह बाजवा ने यह भी कहा कि महिलाओं के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा कि देवगढ़, सनौर और घनौर में सरकार ने अपनी सारी हदें पार कर दीं। इन क्षेत्रों में एक किस्म की सहमति बनाई गई थी, जैसे पंचायत चुनावों में बनाई गई थी। कांग्रेस अब इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने का विचार कर रही है, ताकि न्याय की प्राप्ति हो सके।
किसान आंदोलन पर प्रताप सिंह बाजवा की प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने किसानों के आंदोलन पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए, क्योंकि किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की स्थिति अब ठीक नहीं है। बाजवा ने कहा, “भगवंत मान ने अब तक किसानों से मिलने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। वह डरते हैं कि किसान उनसे सवाल पूछ सकते हैं।”
बाजवा ने यह भी आरोप लगाया कि पंजाब सरकार वही करती है जो केंद्र सरकार चाहती है, और राज्य सरकार की नीतियां केंद्र सरकार के ही इशारों पर चल रही हैं। उन्होंने कहा कि जब तक राज्य सरकार किसानों के मुद्दों को गंभीरता से नहीं उठाएगी, तब तक किसानों की समस्याओं का समाधान संभव नहीं है।
जगजीत सिंह दल्लेवाल का अनशन
यह उल्लेखनीय है कि किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल 21वें दिन अपने अनशन पर हैं। वे खनौरी सीमा पर MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी और किसानों की अन्य मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को इस मुद्दे पर किसानों से संवाद करना चाहिए, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान निकाला जा सके।
AAP पर कांग्रेस का हमला जारी
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने राज्य चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए और कहा कि राज्य चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी की गड़बड़ियों पर चुप्पी साध रखी है। उनका कहना था कि चुनाव आयोग को इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाने चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष हो। बाजवा ने कहा, “चुनाव आयोग को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चुनावी प्रक्रिया में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो।”
कांग्रेस ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आने के बाद न केवल पंजाब के विकास को प्रभावित किया है, बल्कि इसने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भी हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि AAP द्वारा चुनावों में धांधली के प्रयासों को राज्य चुनाव आयोग का समर्थन मिल रहा है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन है।
कांग्रेस का सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान
कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि राज्य चुनाव आयोग और पंजाब सरकार ने इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की, तो पार्टी सुप्रीम कोर्ट का रुख करने पर मजबूर होगी। बाजवा ने कहा, “हम न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे, और यदि हमें न्याय नहीं मिलता, तो हम सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।”
कांग्रेस ने यह भी कहा कि वे चुनावी प्रक्रिया में धांधली को लेकर कोई समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया कि वह चुनावी प्रक्रिया में हेराफेरी करके अपनी हार को टालने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा के आरोपों ने पंजाब में नगर निगम चुनावों को लेकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। जहां एक ओर AAP सरकार चुनावी प्रक्रिया को अपने पक्ष में करने के प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने इन प्रयासों को लोकतंत्र की हत्या और चुनावी धांधली करार दिया है। इस बीच, किसान आंदोलन और अन्य राजनीतिक मुद्दों के कारण पंजाब की राजनीति में और भी हलचल मचने की संभावना है।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस अपने आरोपों को साबित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेती है और क्या राज्य चुनाव आयोग इस मामले में कोई कार्रवाई करता है या नहीं।