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Punjab news: पंजाब में बिजली दरों में 10% बढ़ोतरी का प्रस्ताव, बिजली उपभोक्ताओं के लिए शॉकिंग खबर

Punjab news: पंजाब राज्य विद्युत निगम (Powercom) ने राज्य विद्युत नियामक आयोग (Punjab State Electricity Regulatory Commission) को एक प्रस्ताव भेजा है जिसमें बिजली दरों में 10% तक बढ़ोतरी का सुझाव दिया गया है। यह प्रस्ताव पावरकॉम की वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) रिपोर्ट के आधार पर तैयार किया गया है, जिसमें निगम द्वारा 5091 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान का जिक्र किया गया है। पावरकॉम ने कहा है कि इस नुकसान को पूरा करने के लिए बिजली दरों में वृद्धि जरूरी है।

पावरकॉम की ARR रिपोर्ट: पिछले कुछ वर्षों का राजस्व नुकसान

पावरकॉम के अनुसार, निगम ने पिछले कुछ वर्षों में 5091 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान झेला है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में, पावरकॉम को कुल 44822.19 करोड़ रुपये की राजस्व आवश्यकता थी, जबकि उसने केवल 42293.42 करोड़ रुपये ही अर्जित किए। इस कारण पावरकॉम को 2528.77 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। पिछले वर्ष यानी 2022-23 में पावरकॉम को 4072.27 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

पावरकॉम के अधिकारियों का कहना है कि यह प्रस्तावित बढ़ोतरी पिछले 16 वर्षों में बिजली दरों में की गई सबसे कम वृद्धि है, जब से पावरकॉम अस्तित्व में आया है। इस बढ़ोतरी का मकसद केवल नुकसान को कम करना और बिजली वितरण के संचालन में सुधार लाना है।

Punjab news: पंजाब में बिजली दरों में 10% बढ़ोतरी का प्रस्ताव, बिजली उपभोक्ताओं के लिए शॉकिंग खबर

पावरकॉम के लिए अगले वित्तीय वर्ष की योजना

पावरकॉम के मुताबिक, 2025-26 के लिए अनुमान है कि निगम को 50445 करोड़ रुपये का कुल राजस्व प्राप्त होगा, जबकि उसे 47916 करोड़ रुपये का राजस्व चाहिए। इससे पावरकॉम को 2528 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा, लेकिन फिर भी 5091 करोड़ रुपये का नुकसान बना रहेगा। इस घाटे को कवर करने के लिए बिजली दरों में 10% की वृद्धि करना आवश्यक है।

बिजली सब्सिडी का बढ़ता हुआ बोझ

पंजाब में बिजली सब्सिडी का बोझ भी लगातार बढ़ रहा है। 2025-26 में अनुमानित बिजली सब्सिडी 20433 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इसमें घरेलू उपभोक्ताओं को 6860 करोड़ रुपये, उद्योग को 3159 करोड़ रुपये और कृषि क्षेत्र को 10413 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।

विशेष रूप से कृषि क्षेत्र के लिए बिजली सब्सिडी में भारी वृद्धि हो रही है। 2023-24 में कृषि क्षेत्र को 8334 करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी मिली थी, जो 2024-25 में बढ़कर 9883 करोड़ रुपये हो गई है। इस तरह, सब्सिडी की राशि में लगातार वृद्धि हो रही है।

पावरकॉम का खर्च और भविष्य की योजनाएं

पावरकॉम के मुताबिक, 2025-26 में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पावरकॉम को 30555 करोड़ रुपये का खर्चा करना पड़ेगा। इसके अलावा, पावरकॉम को ईंधन पर 3804 करोड़ रुपये खर्च करने का अनुमान है, और कर्मचारियों पर 7453 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस खर्च में कर्मचारियों का वार्षिक वृद्धि और महंगाई भत्ते (DA) शामिल हैं। इसके साथ ही, पावरकॉम को लंबी अवधि के ऋणों पर 1226 करोड़ रुपये का ब्याज भी चुकाना होगा।

न्यूक्लियर और रिन्यूएबल ऊर्जा की ओर रुझान

पंजाब में बिजली की मांग के बढ़ने के साथ-साथ पावरकॉम ने नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर भी ध्यान केंद्रित किया है। सरकार ने पहले ही नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई योजनाओं पर काम करना शुरू कर दिया है। इन योजनाओं के तहत सौर और पवन ऊर्जा जैसे स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों से बिजली का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। पावरकॉम के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले वर्षों में पावरकॉम इन स्रोतों से अपनी ऊर्जा आवश्यकता का एक बड़ा हिस्सा पूरा करेगा, जिससे बिजली उत्पादन की लागत को कम किया जा सकेगा।

सार्वजनिक राय और विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया

पंजाब सरकार द्वारा प्रस्तावित बिजली दरों में वृद्धि को लेकर विपक्षी दलों और आम जनता से आलोचनाओं का सामना करना पड़ सकता है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि इस बढ़ोतरी से आम आदमी पर बोझ बढ़ेगा, जो पहले से ही महंगाई से परेशान हैं। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि पावरकॉम और राज्य सरकार की नीतियां लोगों के हितों के खिलाफ हैं। हालांकि, पावरकॉम के अधिकारी यह कहते हैं कि इस वृद्धि से बिजली आपूर्ति में सुधार होगा और निगम के वित्तीय संकट को हल करने में मदद मिलेगी।

अगर पावरकॉम का प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो यह पंजाब के लाखों बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। घरेलू उपभोक्ताओं, उद्योगों और कृषि क्षेत्र के लिए बिजली दरों में वृद्धि से उनके मासिक बिलों पर असर पड़ेगा। हालांकि, पावरकॉम का यह दावा है कि यह वृद्धि निगम की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए आवश्यक है, जो कि बिजली वितरण के नियमित संचालन के लिए बेहद जरूरी है।

राज्य सरकार को अब यह तय करना होगा कि वह इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है या फिर इससे जुड़ी चिंताओं और विरोधों को देखते हुए इसे पुनः समीक्षा करेगी।

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