Punjab Pollution: पाकिस्तान का बढ़ता प्रदूषण पंजाब के लिए हो सकता है खतरनाक, मौसम विभाग ने किया डरावना खुलासा
Punjab Pollution: पाकिस्तान में बढ़ते प्रदूषण का असर अब भारत के पंजाब पर पड़ सकता है, जिससे इन दोनों राज्यों के लोग सांस लेने में मुश्किल महसूस कर सकते हैं। चंडीगढ़ मौसम विभाग के निदेशक डॉ. सुरिंदर पाल ने चेतावनी दी है कि यदि हवा की दिशा पूरी तरह से उत्तर-पश्चिम की ओर बदल जाती है, तो लाहौर का प्रदूषण पंजाब के लिए समस्या पैदा कर सकता है। हालांकि, फिलहाल पंजाब में हवा की दिशा दक्षिण-पूर्व है और हवा पूरी तरह शांत है क्योंकि यहां एंटी-साइक्लोन का निर्माण हो चुका है, जिसके कारण न तो तेज हवा चल रही है और न ही बारिश हो रही है।
पंजाब में समुचित हवा की कमी, प्रदूषण का स्तर बढ़ा
इस स्थिति में, प्रदूषण का स्तर बढ़कर पूरे पंजाब में एक परत के रूप में फैल गया है। कई जिलों में सुबह और शाम के समय आसमान में धुंआ और प्रदूषण की परत दिखाई देती है, जिससे धुंध का माहौल बन गया है। यह एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जो लोगों की सेहत पर असर डाल सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक, इस समय पंजाब में प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है और इससे सांस लेने में मुश्किल हो सकती है।
पाकिस्तान का भारत पर प्रदूषण का आरोप
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सूचना मंत्री अजीमा बोखारी ने पिछले दिनों प्रदूषण के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि लाहौर में एअर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) की स्थिति भारत से आने वाली हवा की वजह से खराब हुई है। पाकिस्तान के इन आरोपों पर भारत का जवाब भी सामने आया है।
पाकिस्तान के आरोपों का जवाब
डॉ. सुरिंदरपाल ने पाकिस्तान के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि इस समय, दक्षिण-पूर्वी हवाओं के कारण नमी में वृद्धि हो रही है, जिससे तापमान बढ़ रहा है और गर्मी भी महसूस हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में हवा बिल्कुल शांत है, और इस स्थिति में यह संभव नहीं है कि भारतीय पंजाब से पराली जलाने का धुंआ लाहौर तक पहुंचे। इसलिए पाकिस्तान का यह आरोप सही नहीं हो सकता।
पंजाब में खराब हुआ AQI
पंजाब में पिछले कुछ दिनों में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि होने के कारण, हवा का प्रदूषण भी बढ़ चुका है। इसके परिणामस्वरूप, अमृतसर, जालंधर और लुधियाना जैसे शहरों का एअर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। दीवाली पर पटाखों के विस्फोट और पराली जलाने के कारण इन शहरों में AQI 500 तक पहुंच गया था। ऐसे में अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति भी इस हवा में सांस लेता है, तो यह उसकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। AQI 500 से अधिक का स्तर स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है और सांस संबंधी बीमारियों का कारण बन सकता है।
लाहौर में सांस लेना हुआ मुश्किल
पाकिस्तान के लाहौर में प्रदूषण की स्थिति और भी गंभीर हो गई है। इस शहर का एअर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 1900 के पार पहुंच चुका है, जिससे वहां के निवासी सांस लेने में मुश्किल महसूस कर रहे हैं। इस हालात को देखते हुए, पंजाब सरकार ने 4 से 9 नवंबर तक सभी प्राइमरी स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है। सरकारी और निजी स्कूलों में पांचवीं कक्षा तक के सभी छात्रों के लिए छुट्टियां घोषित की गई हैं।
पिछले महीने 22 अक्टूबर को, लाहौर को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर के रूप में नामित किया गया था, जब AQI 394 के स्तर पर पहुंच गया था। उसके बाद, प्रदूषण में लगातार वृद्धि हो रही है और शनिवार को AQI 1100 के पार पहुंच गया था, जो कि एक भयावह स्थिति है। इसी के चलते कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, जैसे कि सांस की तकलीफ, आंखों में जलन, गले में सूजन, और अन्य शारीरिक परेशानियां।
प्रदूषण से जूझ रहे लोग
लाहौर में प्रदूषण इतना बढ़ चुका है कि लोग अपने घरों में भी मास्क पहनकर निकलने को मजबूर हो रहे हैं। सड़कों पर भी धुंआ इतना घना हो चुका है कि दृष्टि क्षमता प्रभावित हो रही है। लोग सर्दी, खांसी और सांस की तकलीफों से परेशान हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के प्रदूषण स्तर से लंबे समय तक संपर्क में रहना गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, खासकर अस्थमा और हृदय रोगों से पीड़ित लोगों के लिए।
दोनों देशों के बीच प्रदूषण को लेकर विवाद
यह मुद्दा केवल पंजाब के लिए नहीं, बल्कि पाकिस्तान और भारत के बीच भी एक विवाद बन चुका है। पाकिस्तान के आरोपों के बावजूद, भारत का कहना है कि भारतीय पंजाब में पराली जलाने से उठने वाला धुंआ पाकिस्तान तक नहीं पहुंच सकता, क्योंकि हवाओं की दिशा इस समय दक्षिण-पूर्वी है। हालांकि, दोनों देशों के बीच यह प्रदूषण का विवाद हर साल सामने आता है, खासकर सर्दी के मौसम में जब पराली जलाने के कारण हवा में धुंआ फैल जाता है।
पाकिस्तान और भारत दोनों ही इस समय गंभीर प्रदूषण की स्थिति से जूझ रहे हैं, और इस प्रदूषण का प्रभाव अब दोनों देशों के नागरिकों पर पड़ने लगा है। खासकर पंजाब के लोग इससे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच प्रदूषण का यह मुद्दा और अधिक गंभीर हो सकता है, यदि इस पर जल्दी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। इसके लिए बेहतर हवा की गुणवत्ता और पर्यावरणीय संरक्षण की दिशा में दोनों देशों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है, ताकि इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सके और लोगों की सेहत को बचाया जा सके।