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Punjab: पंजाबी गायक ने शो से भागने की कोशिश की, किसान की बाउंसरों ने उतारी पगड़ी

Punjab: शनिवार शाम को पंजाब के खन्ना में दशहरा महोत्सव के दौरान एक पंजाबी गायक के कार्यक्रम में भारी हंगामा देखने को मिला। इस कार्यक्रम के दौरान एक किसान जब मंच पर चढ़ा, तो सुरक्षाकर्मियों (बाउंसरों) ने उसे रोकने का प्रयास किया। इस दौरान बाउंसरों ने किसान की पगड़ी उतार दी और उसे मंच से फेंक दिया। इस घटना के बाद माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया। किसान के बेटे ने ट्रैक्टर के साथ वहां पहुंचकर भीड़ को चीरते हुए ट्रैक्टर को मंच के निकट ले आया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। जब यह घटना सामने आई, तो गांव के लोग गायक को घेरने लगे। इस बीच, गायक गुलाब सिद्धू को अपनी जान बचाने के लिए वहां से भागना पड़ा।

घटना का कारण और घटनाक्रम

जानकारी के अनुसार, जिस खेत में दशहरा महोत्सव का मेला चल रहा था, उस क्षेत्र का मालिक मंच पर चढ़ गया। उसे रोकने के लिए गायक के बाउंसरों ने उसे आगे बढ़ने से मना किया। किसान और बाउंसरों के बीच बहस शुरू हो गई। इसी दौरान, बाउंसरों ने किसान की पगड़ी को हटा दिया और उसे मंच से नीचे फेंक दिया। इसके बाद, नजदीकी गांव के लोग भी इकट्ठा हो गए। जब गायक गुलाब सिद्धू वहां से भागने लगे, तो गांव वाले उनके पीछे दौड़ पड़े।

Punjab: पंजाबी गायक ने शो से भागने की कोशिश की, किसान की बाउंसरों ने उतारी पगड़ी

इस घटना के बाद, वहां पहुंचे राजनीतिक नेताओं, जैसे कि सांसद अमर और पूर्व मंत्री गुरकीरत सिंह कोटली, को भी गांव वालों ने घेर लिया और उनसे जवाब मांगा। इसके बाद, स्थानीय पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा, जिन्होंने बड़ी मुश्किल से सांसद और पूर्व मंत्री को वहां से निकाला।

गांव वालों की मांगें

दूसरी ओर, गांव वालों ने मंच और मैदान में लगाए गए अन्य सामानों को उठाने से इंकार कर दिया। उन्होंने पुलिस प्रशासन और दशहरा समिति से मांग की कि जब तक बाउंसर जो किसान की पगड़ी उतारने के लिए जिम्मेदार थे, मंच पर आकर माफी नहीं मांगते और अपने सिर पर पगड़ी नहीं बांधते, वे सामान नहीं उठाने देंगे। गांव वालों ने सामानों को आग लगाने की चेतावनी भी दी।

पुलिस का हस्तक्षेप

घटना की जानकारी मिलने पर, एसपी डी. सौरभ जिंदल पुलिस दल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने गांव वालों को शांत करने का प्रयास किया। एसपी ने गांव वालों को कार्रवाई का आश्वासन दिया। लेकिन गांव वाले और खेत के मालिक यह कहकर अड़े रहे कि जब तक बाउंसर माफी नहीं मांगते, वे सामान उठाने नहीं देंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पगड़ी हटाने का मामला दरबार साहिब तक पहुंच चुका है।

सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस घटना ने पंजाब में किसान आंदोलन की स्थिति को और भी तात्कालिक बना दिया है। किसानों की पगड़ी, जो उनके सम्मान और पहचान का प्रतीक है, को इस तरह से हटाना न केवल असम्मान है, बल्कि यह एक बड़ी सामाजिक समस्या भी है। इससे किसानों के बीच और भी आक्रोश बढ़ गया है।

राजनीतिक दलों ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह किसानों की आवाज को दबाने के लिए बाउंसरों का इस्तेमाल कर रही है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा है कि यह घटना किसानों के प्रति सरकार के असंवेदनशील रवैये को दर्शाती है।

समाधान की दिशा में प्रयास

वर्तमान स्थिति को देखते हुए, प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। गांव वालों की मांगों पर ध्यान देना और बाउंसरों के खिलाफ उचित कार्रवाई करना बेहद जरूरी है। इससे न केवल गांव वालों का विश्वास प्रशासन पर बढ़ेगा, बल्कि यह घटना भविष्य में किसानों के प्रति सम्मान की भावना को भी मजबूत करेगी।

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