राष्‍ट्रीय

Rahul Gandhi का BJP पर हमला, दलित युवक की हत्या और आदिवासी महिलाओं के साथ बर्बरता को बताया शर्मनाक

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 30 दिसंबर 2024 को मध्य प्रदेश के देवास जिले में पुलिस कस्टडी में एक दलित युवक की हत्या और ओडिशा के बालासोर जिले में आदिवासी महिलाओं के साथ हुए अमानवीय बर्ताव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर कड़ा हमला किया। उन्होंने इन घटनाओं को बेहद दुखद और शर्मनाक करार देते हुए कहा कि ये बीजेपी की मनुवादी सोच का परिणाम हैं और इन घटनाओं में सरकार का हाथ है।

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर किया ट्वीट

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “एक ओर जहां देवास, मध्य प्रदेश में एक दलित युवक को पुलिस कस्टडी में मार दिया गया, वहीं दूसरी ओर बालासोर, ओडिशा में आदिवासी महिलाओं को पेड़ों से बांधकर पीटा गया। ये दोनों घटनाएं दुखद, शर्मनाक और पूरी तरह से निंदा योग्य हैं। बीजेपी की मनुवादी सोच के कारण ऐसे घटनाएं उनके शासित राज्यों में हो रही हैं – यह बिना सरकार के समर्थन के संभव नहीं हो सकता।”

उन्होंने आगे कहा, “देश के बहुजन समाज के साथ इस तरह की बर्बरता को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। हम उनके साथ हैं और हम उनके संवैधानिक अधिकारों और न्याय के लिए पूरी ताकत से लड़ेंगे।”

देवास कांड क्या है?

मध्य प्रदेश के देवास जिले में एक दलित युवक की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई। पुलिस ने एक व्यक्ति, मुकेश लोंगारे को हिरासत में लिया था। पुलिस द्वारा की जा रही पूछताछ के दौरान मुकेश ने खुदकुशी कर ली। हालांकि, मृतक के परिवार ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है। परिवार के लोगों का कहना है कि पुलिस ने उनकी हत्या की है, न कि यह आत्महत्या थी। इस मामले को लेकर देवास पुलिस स्टेशन पर भारी हंगामा हुआ और लोग पुलिस स्टेशन के बाहर इकट्ठा हो गए। देवास के एसपी ने इस मामले में पुलिस स्टेशन के निरीक्षक को निलंबित कर दिया है।

Rahul Gandhi का BJP पर हमला, दलित युवक की हत्या और आदिवासी महिलाओं के साथ बर्बरता को बताया शर्मनाक

बालासोर में आदिवासी महिलाओं के साथ बर्बरता

उधर, ओडिशा के बालासोर जिले में आदिवासी महिलाओं के साथ हुई बर्बरता ने भी पूरे देश को चौंका दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, आदिवासी महिलाओं को पेड़ों से बांधकर बेरहमी से पीटा गया। यह घटना स्थानीय पुलिस और प्रशासन की आंखों के सामने हुई, लेकिन किसी ने भी इन महिलाओं को बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। इस घटना के बाद से पूरे इलाके में आक्रोश फैल गया है और लोगों ने इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

बीजेपी की मनुवादी सोच की आलोचना

राहुल गांधी ने इन दोनों घटनाओं को बीजेपी की “मनुवादी सोच” का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि बीजेपी और उनके शासित राज्यों में ऐसी घटनाएं आम हो गई हैं और यह साबित करता है कि सरकार का इस सब में समर्थन है। राहुल गांधी का कहना था कि बीजेपी की सरकारें दलितों और आदिवासियों के अधिकारों का उल्लंघन कर रही हैं और उनकी गरिमा को ठेस पहुंचा रही हैं।

राहुल गांधी का रुख साफ: बहुजन समाज के साथ खड़ा

राहुल गांधी ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी हमेशा बहुजन समाज के साथ खड़ी रहेगी। उनका कहना था कि कांग्रेस उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी ताकत से संघर्ष करेगी और इन अमानवीय घटनाओं के खिलाफ पूरी तरह से आवाज उठाएगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी को अब तक कोई जवाबदेही नहीं मिली है और सरकार को इन घटनाओं में शामिल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

कांग्रेस का बीजेपी पर हमला

कांग्रेस पार्टी ने भी इन घटनाओं को लेकर बीजेपी पर हमला बोला। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बीजेपी की सरकारों पर आरोप लगाया कि वे दलितों और आदिवासियों के खिलाफ उत्पीड़न और हिंसा को बढ़ावा दे रही हैं। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी सत्ता में आने के बाद से ही इन वर्गों के खिलाफ भेदभाव और हिंसा बढ़ी है। पार्टी ने मांग की है कि इन दोनों घटनाओं में दोषी व्यक्तियों और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

मध्य प्रदेश और ओडिशा में राजनीतिक विवाद

इन घटनाओं ने मध्य प्रदेश और ओडिशा दोनों राज्यों में राजनीतिक विवादों को जन्म दिया है। जहां मध्य प्रदेश में देवास कांड को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पुलिस प्रशासन की आलोचना हो रही है, वहीं ओडिशा में आदिवासी महिलाओं के साथ हुई बर्बरता को लेकर राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया गया है। दोनों राज्यों में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है और इन घटनाओं में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

आगे की कार्रवाई: क्या होगा आगे?

अब सवाल यह है कि इन घटनाओं के बाद सरकार क्या कदम उठाती है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का दबाव बढ़ रहा है कि दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। इसके साथ ही समाज के दलित और आदिवासी वर्ग की आवाज भी उठने लगी है, जो लंबे समय से अपनी सुरक्षा और अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। यह देखा जाना बाकी है कि इन घटनाओं के बाद सरकार की कार्रवाई क्या होती है और क्या इन मुद्दों पर विपक्षी दलों का दबाव काम करता है।

राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की ओर से उठाए गए सवालों और आरोपों ने बीजेपी को घेर लिया है। दलित और आदिवासी समुदायों के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न के इन मामलों ने राजनीति में एक नया मोड़ लिया है। अब यह देखने की बात होगी कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और क्या इन समुदायों को न्याय मिलता है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की ओर से जारी विरोध प्रदर्शन इस बात का संकेत देते हैं कि इन मुद्दों को लेकर आगामी चुनावों में भी राजनीतिक माहौल गरमाएगा।

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