Shashi Tharoor की पार्टी छोड़ने की अफवाहों के बीच सफाई! सांसद ने कांग्रेस से जुड़े रहने का दिया भरोसा

हाल ही में कांग्रेस नेता Shashi Tharoor खबरों में काफी चर्चा में हैं। उनकी अपनी पार्टी के लोग उनके खिलाफ तीखे बयान दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर ये कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या थरूर कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन करेंगे या अलग राजनीतिक राह चुनेंगे। इस सवाल पर थरूर ने साफ कहा कि वे अभी सांसद हैं और ऐसी बातों पर चर्चा नहीं होनी चाहिए।
थरूर की विदेश यात्रा और कूटनीतिक भूमिका
शशि थरूर भारत की एक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं जो दुनिया के कई देशों में भारत की आतंकवाद और पाकिस्तान नीति के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इस भूमिका को लेकर कई कांग्रेस नेताओं का मानना है कि थरूर भाजपा के प्रवक्ता बन गए हैं। इस वजह से वे पार्टी के भीतर निशाने पर हैं और कई नेताओं ने उनकी आलोचना की है।
VIDEO | PTI EXCLUSIVE: Here’s what Congress MP Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) said when asked about social media being abuzz with speculation on what he would do next. Will he continue to be with Congress, join BJP or is there anything else?
“I am an elected member of… pic.twitter.com/6qEL8cHDiF
— Press Trust of India (@PTI_News) June 5, 2025
थरूर का जवाब और सवालों पर नाराजगी
थरूर वर्तमान में वाशिंगटन में हैं जहां उनसे कांग्रेस के नेताओं की आलोचना और पार्टी छोड़ने के कयासों पर सवाल पूछा गया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे चुने हुए सांसद हैं और अभी उनके पास चार साल का कार्यकाल बाकी है। उन्होंने कहा कि ऐसी बातों पर सवाल उठाना गलत है और इसे छोड़ देना चाहिए।
कांग्रेस नेताओं की आलोचना
थरूर के भारत के प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने के बाद से कई कांग्रेस नेताओं ने उन पर निशाना साधना शुरू कर दिया। उदित राज ने कहा कि कांग्रेस ने थरूर को सबकुछ दिया पर वे कांग्रेस के हित में नहीं हैं। पवन खेड़ा ने कहा कि थरूर ने अपनी किताब में सर्जिकल स्ट्राइक की आलोचना की थी लेकिन अब वे इसका गुणगान कर रहे हैं। कुछ ने उन्हें भाजपा का सुपर प्रवक्ता तक कह दिया।
भाजपा का समर्थन और कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई
जहां कांग्रेस नेता थरूर की आलोचना कर रहे हैं वहीं भाजपा उनकी जमकर तारीफ कर रही है। भाजपा कहती है कि थरूर विपक्षी होते हुए भी जिम्मेदारी को समझते हैं और ईमानदारी से काम कर रहे हैं। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस अपने ही नेताओं पर भरोसा नहीं करती। यह पार्टी में मतभेदों को साफ दिखाता है।