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S Jaishankar: “विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा. ‘पाकिस्तानी आतंकवाद अब खुद को खा रहा है, यह एक कैंसर है'”

S Jaishankar: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान की वर्तमान स्थिति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पाकिस्तान की समस्याओं का कारण पाकिस्तान खुद है। उनका कहना था कि पाकिस्तान ने हमेशा सीमा पार आतंकवाद को समर्थन दिया है, और अब यही आतंकवाद पाकिस्तान की राजनीतिक संरचना को नष्ट कर रहा है। यह बयान उन्होंने शनिवार को मुंबई में आयोजित 19वीं ‘नानी ए. पलखीवाला मेमोरियल लेक्चर’ के दौरान दिया।

पाकिस्तानी आतंकवाद की स्थिति
एस जयशंकर ने पाकिस्तान के संदर्भ में कहा, “पाकिस्तान ने हमेशा सीमा पार आतंकवाद को समर्थन दिया, और अब यह एक कैंसर की तरह पाकिस्तान के राजनीतिक ढांचे को खा रहा है।” उनका मानना है कि पाकिस्तान द्वारा किए गए आतंकवादी हमले और उसके द्वारा सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के कारण पाकिस्तान अब खुद को ही नुकसान पहुँचा रहा है। विदेश मंत्री ने इस मुद्दे को लेकर पाकिस्तान को सीधा जिम्मेदार ठहराया और कहा कि पाकिस्तान को अपनी नीति पर गंभीर विचार करना होगा।

भारत की विदेश नीति का दृष्टिकोण
अपने भाषण में एस जयशंकर ने भारत की विदेश नीति के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत की प्राथमिकता हमेशा अपने पड़ोसियों से अच्छे संबंध बनाने की रही है और यही प्रयास आगे भी जारी रहेगा। जयशंकर ने भारत की रणनीतिक स्वायत्तता की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उनका मानना है कि भारत को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास के साथ-साथ विदेश नीति में भी सावधानीपूर्वक संतुलन बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा, “हम पश्चिम के विरोध में नहीं हैं, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना है कि भारत अपने रणनीतिक हितों के लिए सही दिशा में काम करता रहे।”

विकास और विदेश नीति का संतुलन
जयशंकर ने भारत की विकास की गति को बनाए रखने के लिए विदेश नीति के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा, “हमारी विकास प्रक्रिया के लिए यह जरूरी है कि हम बाहरी खतरों को कम करें और अंदरूनी विकास के साथ-साथ आधुनिकीकरण पर भी ध्यान केंद्रित करें।” भारत के विदेश मंत्री के अनुसार, विदेश नीति में सतर्कता और रणनीतिक निर्णय लेने से भारत को अपने विकास को गति देने में मदद मिलती है।

S Jaishankar: "विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा. 'पाकिस्तानी आतंकवाद अब खुद को खा रहा है, यह एक कैंसर है'"

भारत की बढ़ती कूटनीतिक क्षमता
एस जयशंकर ने यह भी कहा कि पिछले एक दशक में भारत की कूटनीतिक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। भारत ने कई देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया है, जिनमें खाड़ी देश, अफ्रीका और कैरेबियाई देश शामिल हैं। उन्होंने कहा, “भारत की कूटनीतिक क्षमताएं अब पहले से कहीं अधिक प्रभावी हो गई हैं। हम अपने संबंधों में सुधार करने में सफल रहे हैं और इस प्रक्रिया के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।” जयशंकर के अनुसार, भारत ने इन देशों के साथ संबंधों को मजबूत किया है और यह भारत के लिए एक सफलता है।

भारत की छवि
जयशंकर ने भारत की वैश्विक छवि पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में भारत को एक सहयोगात्मक और मित्रवत देश के रूप में देखा जाता है। विदेश मंत्री का कहना था, “हमारी विदेश नीति का मुख्य उद्देश्य दुनिया में भारत की छवि को बनाए रखना है, और हम भविष्य में भी इसे बनाए रखेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका को ध्यान में रखते हुए, हमारी विदेश नीति को समय-समय पर बदलाव की आवश्यकता होगी ताकि हम अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा कर सकें और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति को मजबूत बना सकें।

भारत का कूटनीतिक प्रभाव
भारत के कूटनीतिक प्रयासों के फलस्वरूप, देश ने कई क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति बढ़ाई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विशेष रूप से खाड़ी देशों, अफ्रीका और कैरेबियाई देशों में भारत के कूटनीतिक प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत ने इन क्षेत्रों में अपनी कूटनीतिक क्षमताओं को बढ़ाया है और इसका प्रभावी परिणाम सामने आया है। जयशंकर ने यह भी बताया कि भारत की कूटनीतिक शक्ति बढ़ी है और अब यह और अधिक प्रभावी हो गई है।

एस जयशंकर ने अपनी बातों को समाप्त करते हुए कहा कि भारत की विदेश नीति और कूटनीतिक प्रयासों के परिणामों ने साबित कर दिया है कि भारत अब एक मजबूत और सहयोगात्मक देश के रूप में उभर रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत का मुख्य उद्देश्य अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना है और साथ ही दुनिया में अपनी छवि को बनाए रखना है। उनकी बातों से यह स्पष्ट होता है कि भारत अपनी कूटनीतिक शक्ति को और बढ़ाने के लिए तैयार है और इस दिशा में लगातार काम कर रहा है।

इस प्रकार, एस जयशंकर ने अपने भाषण में पाकिस्तान के आतंकवाद की आलोचना की और भारत की कूटनीतिक सफलता को भी उजागर किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के लिए अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करते हुए, दुनिया में अपनी स्थिति को मजबूत करना सबसे महत्वपूर्ण है।

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