कांग्रेस को ITAT से झटका, बैंक खातों पर कार्रवाई रोकने की याचिका हुई खारिज
सत्य खबर/नई दिल्ली:
आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) ने कांग्रेस पार्टी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें आयकर विभाग ने उनके बैंक खातों को जब्त करने और वसूली की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी.
दरअसल, आयकर विभाग ने कांग्रेस और यूथ कांग्रेस से जुड़े चार बैंक खाते फ्रीज कर दिए थे. आयकर विभाग ने 210 करोड़ रुपये की वसूली मांगी है. यानी कांग्रेस को यह रकम जुर्माने के तौर पर आयकर विभाग को देनी होगी. इसके खिलाफ पार्टी ने अथॉरिटी में अपील की थी.
क्या थी कांग्रेस की मांग?
कांग्रेस की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने आदेश को 10 दिनों के लिए स्थगित रखने का अनुरोध किया था ताकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सके। हालांकि पीठ ने इसे खारिज करते हुए कहा कि हमारे सामने ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.
तन्खा ने तर्क दिया कि आईटी के दावे के विपरीत, राजनीतिक दल धन के लिए विवश है क्योंकि उसे चुनाव के लिए धन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी आगामी चुनाव में केवल 350 सीटों पर भी चुनाव लड़ती है, तो उसे प्रत्येक उम्मीदवार का 50 प्रतिशत खर्च वहन करना पड़ सकता है, जो एक महंगा सौदा साबित हो सकता है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के मुताबिक लोकसभा चुनाव में एक उम्मीदवार 95 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है.
क्या बात है आ?
आपको बता दें कि ये पूरा मामला 2018-2019 के इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़ा है. आयकर विभाग ने जुर्माने के तौर पर कांग्रेस से 210 करोड़ रुपये की वसूली मांगी है. इस कार्रवाई के दो कारण हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि विभाग द्वारा तय तिथि 31 दिसंबर 2019 से 40-45 दिन देरी से रिटर्न जमा किया गया था.
इसके अलावा 2018-19 चुनावी साल था. कांग्रेस ने 199 करोड़ रुपये खर्च किये थे. उसमें से 14 लाख 40 हजार रुपये कांग्रेस सांसदों और विधायकों ने अपने वेतन के तौर पर जमा किये थे. यह पैसा नकद में जमा किया गया था. इसी वजह से आयकर विभाग ने कांग्रेस पर 210 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.