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श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा यूपी में अलर्ट हरियाणा में, जानिए कहां और क्यों

सत्य खबर, चंडीगढ़ ।     

अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले हरियाणा के 7 जिलों को लेकर पुलिस अलर्ट हो गई है। नूंह, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, झज्जर, यमुनानगर और जींद के सेंसिटिव जोन पर पुलिस सतर्कता बढ़ा दी गई है। खासकर मंदिर और मस्जिद जैसे धर्म स्थलों को लेकर पुलिस एक्टिव है।

पुलिस की ओर से सलाह दी गई है कि ट्रेन के जरिए उत्तर प्रदेश (UP) की यात्रा से लोग परहेज करें। इसके अलावा जिलों में पहले हुई हिंसा के केसों में उपद्रवियों की पहचान के प्रयास हो रहे हैं। संभावना है कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले पुलिस उनको हिरासत में ले ले। सोशल मीडिया पर चल रहे कई भड़काऊ मैसेज और वीडियो के साथ, नूंह, तावड़ू और पुन्हाना में मंदिरों और मस्जिदों में सतर्कता बढ़ा दी है।

आगामी प्रतिष्ठा से पहले नूंह पुलिस ने कई स्थानों को संवेदनशील घोषित किया है। जहां अगस्त 2023 में जलाभिषेक यात्रा के दौरान झड़पें हुई थीं, वहां और सुरक्षा बढ़ा दी गई है। एसपी नरेंद्र बिजारनिया ने बताया कि ‘सेंसटिव’ स्थानों के पास विशेष व्यवस्था की जा रही है। हम सोशल मीडिया नेटवर्क पर भी नजर रख रहे हैं। लोगों से अपील है कि वे किसी भी भड़काने वाले संदेश को प्रसारित करने से बचें।

उपद्रवियों की पुलिस कर रही पहचान

मेवात में सोशल मीडिया ग्रुप ऐसी चेतावनियों से भरे पड़े हैं, जिनमें स्थानीय लोगों से अयोध्या के रास्ते में दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के साथ विवाद की संभावना का हवाला देते हुए 22 जनवरी तक ट्रेनों के माध्यम से उत्तर प्रदेश की ओर यात्रा करने से परहेज करने के लिए कहा गया है। उन्हें मेवात के मंदिरों से दूर रहने के लिए भी कहा गया है, जहां दक्षिणपंथी संगठनों और गौरक्षक समूहों द्वारा समारोह आयोजित किए जाएंगे।

सूत्रों का दावा है कि पुलिस उन उपद्रवियों की पहचान करने के लिए काम कर रही है जिन्हें अयोध्या कार्यक्रम से पहले हिरासत में लिया जा सकता है।

राज्य की खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट हैं। सबसे बड़ी वजह यह भी है कि इसी साल हरियाणा में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनावी साल होने के कारण सरकार किसी प्रकार का कोई भी दंगा आदि नहीं चाहती है, इसलिए पुलिस अलर्ट मोड पर है।

श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर हरियाणा पुलिस के अलर्ट रहने का सबसे बड़ा कारण नूंह हिंसा है। पिछले साल नूंह में हुई दो समुदायों के बीच हिंसा में 6 लोगों की मौत हो गई थी। जिसमें 2 होमगार्ड के जवान और 4 आम नागरिक शामिल थे। इस घटना में कई FIR दर्ज की गई। 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। एक महीने तक पांच से अधिक जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद की गईं। इस बार ऐसा कुछ न हो इसलिए पुलिस से लेकर CID तक अलर्ट मोड पर है।

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