सत्य खबर, नई दिल्ली। Silent killer ‘Vagir’ inducted into Navy
कलवरी सीरीज की खतरनाक सबमरीन INS वगीर भारतीय नौसेना में शामिल हो गई है. कलवरी सीरीज की यह पांचवी पनडुब्बी है. आज 23 जनवरी को इसे आधिकारिक तौर पर नौसेना में शामिल कर लिया गया. नौसेना की यह साइलेंट किलर वगीर इतनी खतरनाक है कि दुश्मन के समंदर में पांव सिमट जाएंगे. भारतीय नौसेना की ताकत समंदर में और बढ़ गई है. जैसे-जैसे भारतीय सीमाओं की सुरक्षा को लेकर खतरा बढ़ता जा रहा है वैसे ही अब इस सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य, अखंड बनाने की तैयारी भी की जा रही है. अब इसी कड़ी में भारतीय नौसेना की ताकत को और बढ़ाने के लिए आईएनएस वागीर आ गई है.
कलवरी क्लास की पांचवी पनडुब्बी आइएनएस
आईएनएस वागीर, कलावरी क्लास की पांचवी सबमरीन है. परियोजना-75 के तहत पहली सबमरीन INS कलवरी को भारतीय नौसेना में दिसंबर 2017, दूसरी सबमरीन INS खंडेरी को सितंबर 2019 में, तीसरी सबमरीन INS करंज को मार्च 2021 में और चौथी INS वेला को नवंबर 2021 में सेवा में शामिल किया गया था. आज आईएनएस वागीर भी हिन्द महासागर की शान बन गई. छठी और आखिरी सबमरीन वाग्शीर को 2023 के अंत तक नौसेना को सौंपे जाने की उम्मीद है.
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सबमरीन आइएनएस वागीर की बनावट :-
यह पनडुब्बी 221 फुट लंबी, 40 फुट ऊँची, गहराई 19 फुट, 1565 टन वजनी है.
इसमें मशीनरी सेट अप इस तरह किया गया है की लगभग 11 किलोमीटर लंबी पाइप फिटिंग है. लगभग 60 किलोमीटर की केबल फिटिंग की गई है.
स्पेशल स्टील से बनी सबमरीन में हाई टेंसाइल स्ट्रेंथ है जो पानी के अधिक गहराई में जाकर काम करने की क्षमता रखती है. 45-50 दिन तक पानी में रह सकती है वागीर पनडुब्बी. स्टील्थ टेक्नोलॉजी से यह रडार की पकड़ में नहीं आता. किसी भी मौसम में कार्य करने में सक्षम है.
आईएनएस वागीर के भीतर 360 बैटरी सेल्स है. प्रत्येक बैटरी सेल्स का वजन 750 किलो के करीब है. इन्ही बैटरियों के दम पर आईएनएस वागीर 6500 नॉटिकल माइल्स यानी करीब 12000 किमी का रास्ता तय करना सकता है. इसके भीतर दो 1250 केडब्ल्यू डीजल इंजन है. ये सबमरीन 350 मीटर तक कि गहरायी में भी जाकर दुश्मन का पता लगाती है. इसके टॉप स्पीड की बात करे तो ये 22 नोट्स है.
कहां बनी है INS वागीर?
INS वागीर का निर्माण ‘मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड’ (MDL) ने फ्रांस के ‘मैसर्स नेवल ग्रुप’ के सहयोग से किया है. नौसेना अध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार की उपस्थिति में इसे नौसेना में शामिल किया गया.
क्या है INS वागीर की खूबी?
भारतीय नौसेना के मुताबिक सबमरीन INS वागीर पनडुब्बी दुश्मन को रोकने की भारतीय नौसेना की क्षमता में इजाफा करके भारत के समुद्री हितों को आगे बढ़ाएगी. यह संकट के समय में निर्णायक वार करने के लिए खुफिया, निगरानी और जासूसी अभियान के संचालन में भी मदद करेगी. इस पनडुब्बी की दुश्मनों पर नजर भी रहेगी.
वागीर का मतलब क्या?
भारतीय नोसेना की परंपरा रही है कि जिन युद्धपोतों और पनडुब्बियों को सेवा निवृत्तकिया जा चुका है उनके नाम नए नेवल शिप को दिया जाता है. आपको बता दे कि इससे पहले भी आईएनएस वागीर ने देश को अपनी सेवाएं दी है जो साल 2001 में सेवानिवृत्त हो गई. अब इस कलवरी क्लास की पांचवी सबमरीन को वागीर नाम दिया गया है. पनडुब्बी को अपना नाम INS वागीर (S41) से विरासत में मिला है, जो 1973-2001 तक नौसेना में सेवा करता था, और इसका नाम सैंडफिश की एक प्रजाति वागीर के नाम पर रखा गया है. यह मछली समुद्र की बेहद गहराई में रहकर शिकार करती है और शिकार का पीछा तब तक करती है जब तक शिकार पर निशाना ना साधे. Silent killer ‘Vagir’ inducted into Navy
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