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हरियाणा में 12वीं पास युवाओं के लिए खास मौका, प्राइमरी स्कूल में 2 घंटे पढ़ाने केलिए मिलेंगे 9240 रुपए

हरियाणा सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाने के लिए नई नीति के तहत प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में संस्कार अध्यापकों की नियुक्ति करने का फैसला लिया है।

हरियाणा सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाने के लिए नई नीति के तहत प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में संस्कार अध्यापकों की नियुक्ति करने का फैसला लिया है। इस निर्णय का उद्देश्य बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ नैतिक मूल्यों, संस्कृति और गौरव की शिक्षा देना है।

यह प्रोजेक्ट स्कूल एजुकेशन और साक्षरता मिशन के तहत चलाया जाएगा, जिसमें कल्चर मिनिस्ट्री का भी सहयोग रहेगा। संस्कार अध्यापक बच्चों को न केवल पढ़ाई में सहयोग देंगे, बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति, नैतिकता और आदर्शों से भी अवगत कराएंगे।

संस्कार शिक्षकों का मुख्य उद्देश्य बच्चों को अच्छे नागरिक बनाने के लिए मोटीवैट करना होगा। इसके अलावा वे विद्यार्थियों को अनुशासन, ईमानदारी और समाज के प्रति जिम्मेदारी जैसे गुण भी सिखाएंगे।

महिलाओं के लिए 33% आरक्षण

सरकार ने इस योजना में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण देने का फैसला लिया है, जिससे महिलाओं को भी शिक्षा क्षेत्र में रोजगार का अवसर मिलेगा। इसके तहत महिला आवेदकों को खास छूट मिलेगी, जिससे वे इस योजना में भाग ले सकेंगी और समाज के निर्माण में योगदान दे सकेंगी।

संस्कार अध्यापकों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं पास रखी गई है। आवेदकों की उम्र 18 से 42 वर्ष के बीच होनी चाहिए। अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और पूर्व सैनिकों को 3 साल की अतिरिक्त छूट दी जाएगी।

सेलेक्टेड अध्यापकों को प्रतिदिन 2 घंटे कार्य करने के बदले 9,240 रुपये प्रति माह का वेतन दिया जाएगा। हर गांव में यदि केवल एक प्राइमरी स्कूल होगा, तो अध्यापक को उसी स्कूल में पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जाएगी।

वहीं, यदि एक गांव में 2 स्कूल होंगे, तो अध्यापक को अलग-अलग दिन या अलग-अलग समय पर दोनों स्कूलों में सेवाएं देनी होंगी। इससे अधिकतम बच्चों तक इस योजना का लाभ पहुंच सकेगा।

निगरानी के लिए कमेटी का किया जाएगा गठन

इस योजना की निगरानी के लिए 7 सदस्यीय एक विशेष कमेटी का गठन किया जाएगा। यह कमेटी सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था और अध्यापकों के कार्यों पर नजर रखेगी।

कमेटी के सदस्य 12वीं पास और समाजसेवा से जुड़े होंगे। इस कमेटी को एसएमसी (स्कूल मैनेजमेंट कमेटी) से अलग रखा जाएगा, लेकिन एसएमसी के सदस्य भी इसमें शामिल हो सकते हैं, बशर्ते वे शैक्षणिक क्वालीफ़िकेसन को पूरा करते हों।

संस्कार अध्यापक बनने से युवाओं को रोजगार का अच्छा अवसर मिलेगा, वहीं वे समाज के भविष्य निर्माण में अहम भूमिका निभा सकेंगे। सरकार की इस योजना से बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और नैतिक मूल्य भी मिलेंगे, जिससे वे एक बेहतर नागरिक बन सकेंगे।

हरियाणा सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से राज्य में रोजगार बढ़ेगा और शिक्षा प्रणाली को और मजबूत किया जा सकेगा। यह फैसला सरकार की रोजगार नीति के अनुरूप है, जिसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को बेहतर अवसर प्रदान करना है।

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